उत्तर प्रदेश

अत्यधिक ठण्ड एवं शीतलहरी से बचाव हेतु कम्बल वितरण के निर्देश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने अत्यधिक ठण्ड एवं शीतलहरी से निराश्रित, असहाय व कमजोर वर्ग के असुरक्षित व्यक्तियों के बचाव हेतु कम्बल वितरण तथा अन्य राहत कार्य करने के निर्देश दिये हैं।

सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त श्री गौरी शंकर प्रियदर्शी ने बताया कि अत्यधिक ठण्ड एवं शीतलहरी से उत्पन्न होने वाली समस्याओं से लोगों को बचाना तथा त्वरित राहत प्रदान करना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस सम्बन्ध में कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु समस्त जिलाधिकारी को आदेश जारी कर दिये गये हैं।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में अत्यधिक ठण्ड एवं शीतलहरी से बचाव हेतु नगर पंचायत, नगर पालिका एवं नगर निगम, ग्रामीण क्षेत्रों के सार्वजनिक स्थलों पर आवश्यकतानुसर अलाव जलाने एवं निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के असुरक्षित व्यक्तियों का चिन्हांकन करते हुए निःशुल्क कम्बल आदि के वितरण की कार्यवाही समय से सुनिश्चित करें। यह भी सुनिश्चित किया जाये कि अत्यधिक ठण्ड एवं शीतलहरी के कारण किसी की मृत्यु भोजन, वस्त्र, आश्रय एवं चिकित्सा के अभाव में न हो, इसके निर्देश दिये गये हैं। जनपदों में प्रतिनिधियों तथा वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से रात्रि में पात्र लोगों को कम्बल वितरित करायें तथा जन-मानस के साथ निरन्तर सम्पर्क बनाए रखने हेतु जनपद के अधिकारी अपने क्षेत्र में योजनाबद्ध तरीके से भ्रमण करें। रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर कम्बल वितरित कराया जाये।

साथ ही यह भी निर्देश दिये गये हैं कि नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत आदि द्वारा निराश्रित, असहाय तथा कमजोर वर्ग के असुरक्षित व्यक्तियों के ठण्ड से बचाव के लिए अपने क्षेत्र में रैन बसेरा, शेल्टर होम आदि की स्थापना की जाए है। इन रैन बसेरों, शेल्टर होम में रूकने वाले कमजोर वर्ग के लोगों को ठण्ड से बचाने के लिए आवश्यक समस्त निःशुल्क उपाय जैसे-गद्दे कम्बल, स्वच्छ पेयजल, शौचालय एवं किचन आदि का प्रबन्ध किया जाये तथा इन रैन बसेरों के आस-पास अलाव जलाये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाये। समस्त शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम, मोबाइल नम्बर अवश्य दर्शाया जाये तथा रात्रि में जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण अवश्य किया जाये। उल्लेखनीय है कि इस संबंध में पहले ही प्रदेश सरकार ने 19.25 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं।

Related Articles

Back to top button