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अब उत्तराखंड में खेल विभाग लेगा द्रोणाचार्यों की परीक्षा

युवाओं का हुनर तराशने वाले द्रोणाचार्यों (प्रशिक्षक) को अब खुद भी परीक्षा देनी होगी। यदि प्रशिक्षक विफल होते हैं तो उनके विकल्प तलाशे जाएंगे।

देहरादून,  युवाओं का हुनर तराशने वाले द्रोणाचार्यों (प्रशिक्षक) को अब खुद भी परीक्षा देनी होगी। खेल विभाग तमाम प्रशिक्षकों का रिपोर्ट कार्ड तलब करेगा कि उन्होंने पिछले तीन साल में कितने खिलाड़ियों को कम से कम राष्ट्रीय फलक पर चमकाया। यदि प्रशिक्षक यह काम करने में विफल रहे हैं तो खेल विभाग उनके विकल्प तलाशेगा।

जिला खेल कार्यालय की बात करें तो यहां विभिन्न खेलों के 23 शिविर चल रहे हैं। इन शिविरों में 1500 से अधिक खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। अब खेल विभाग ने सभी प्रशिक्षकों के रेकार्ड तलब किए हैं।

रेकार्ड आने के बाद खेल विभाग प्रशिक्षकों की मेरिट लिस्ट तैयार करेगा, जिससे उनकी छंटनी की जाएगी, जिन्हें प्रशिक्षण देते हुए तीन साल या इससे अधिक समय हो गया है, उनकी काबिलियत के अनुसार ही जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

विभाग आकलन करेगा कि उन्होंने कितने खिलाड़ियों को राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया है और पदक जिताने में अहम भूमिका निभाई है। साथ ही प्रशिक्षण जिन खिलाड़ियों की सूची विभाग को सौपेंगे, विभाग उनकी भी जांच करेगा कि उक्त खिलाड़ी जिला खेल कार्यालय में रजिस्टर्ड हैं भी या नहीं।

जिन प्रशिक्षकों का रेकार्ड अच्छा होगा, ऐसे प्रशिक्षकों के अनुबंध को खेल विभाग आगे बढ़ाएगा। संतोषजनक काम न करने वाले प्रशिक्षकों का विभाग इस साल अनुबंध खत्म कर देगा। उनके स्थान पर नए प्रशिक्षक नियुक्त किए जाएंगे।

जिला खेल अधिकारी एसके सार्की के अनुसार शिविर का संचालन कर रहे सभी प्रशिक्षकों के रेकार्ड तलब किए गए हैं। जिनके रेकार्ड अच्छे होंगे उनके अनुबंध को आगे बढ़ाया जाएगा। संतोषजनक काम न करने वाले प्रशिक्षकों को हटाया जाएगा।

 

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