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चंडीगढ़: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान कश्मीर को भूल जाए और आतंकवाद के खिलाफ ‘ईमानदारी से लड़ाई’ लड़े। इसके साथ ही उन्होंने पड़ोसी मुल्क को चेताया कि अगर उसने यही रवैया जारी रखा तो कोई भी ताकत उसे टूटने से रोक नहीं पाएगी। सिंह ने कहा कि अगर पाकिस्तान अपने दम पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ सकता है तो भारत उसकी मदद करने को तैयार है, लेकिन पाकिस्तान की मंशा कपटपूर्ण है।

हरियाणा के पटौदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के निर्वाचन क्षेत्र कनराल में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने दशहरा पर राफेल की ‘शस्त्र पूजा’ करने के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा उनकी आलोचना करने पर कहा कि विपक्षी पार्टी की टिप्पणी पाकिस्तान को फायदा पहुंचा रही है। उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस को विमान पर ‘ ऊं’ लिखने पर क्यों ऐतराज है। सिंह ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर का मुद्दा उठाते रहने के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान के लिए उन्हें आड़े हाथों लिया। सिंह ने कहा, ”इसे भूल जाइए। कश्मीर के बारे में सोचिएगा भी मत। आपने कीमत चुकाई है। 1947 में, आपने दो राष्ट्र सिद्धांत की वजह से भारत को विभाजित किया था 1971 में पाकिस्तान दो हिस्सों में बंट गया।”

रक्षा मंत्री ने कहा, ” पाकिस्तान को कश्मीर का राग अलापना बंद देना चाहिए। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा और दुनिया की कोई भी ताकत इसे हमसे अलग नहीं कर सकती है।” उन्होंने चेताया, ” मैं पाकिस्तान को सुझाव देना चाहता हूं सोच में बदलाव लेकर आओ, अन्यथा अगर आप इसी तरह चलते रहे तो दुनिया की कोई भी शक्ति पाकिस्तान को टूटने से रोक नहीं सकती है।”

रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान भारत को कमज़ोर करने और तोड़ने के लिए आतंकवाद का इस्तेमाल करने के बजाया इसके खिलाफ ‘ईमानदार लड़ाई’ लड़े। उन्होंने कहा कि अगर इस्लामाबाद को इस खतरे से निपटने में दिक्कत आती है तो भारत अपने पड़ोसी की मदद करने को तैयार है। सिंह ने कहा, ” हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए उनका सहयोग करेंगे, लेकिन पाकिस्तान के इरादे कपटीपूर्ण हैं।” रक्षा मंत्री का यह बयान अगस्त में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने के बाद भारत और पाकिस्तान के मध्य तनाव के बीच आया है। फ्रांस से राफेल विमान लेने के संदर्भ में सिंह ने कहा, ” अब हमें आतंकवादियों का सफाया करने के लिए उनके क्षेत्र में घुसने की जरूरत नहीं हैं। अब हम भारत में बैठकर ही ‘जय श्री राम’ कर सकते हैं।”

उन्होंने दोहारा कि लड़ाकू विमान आत्म रक्षा के लिए हैं न कि हमले के लिए। करनाल की रैली में सिंह ने कहा, ”मैंने विमान पर ‘ऊं’ लिखा, नारियल फोड़ा और विमान में रक्षा बंधन बांधा। लेकिन कांग्रेस ने यह कहते हुए विवाद पैदा कर दिया कि हम सांप्रदायिक हो गए हैं। उन्हें ऊं लिखने पर भी आपत्ति है।” सिंह ने कहा, ” मैं पूछना चाहता हूं कि आपके घरों पर ‘ऊं’ नहीं लिखा जाता है क्या? सिख भाई यहां बैठे हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या वे एक ओंकार नहीं जपते हैं।” उन्होंने कहा, ” क्या ईसाई आमेन नहीं कहते हैं, क्या मुसलमान भाई आमीन नहीं कहते इस पर सवाल उठाये जा रहे हैं। जब मैं वहां पूजा कर रहा था तब वहां मुसलमानों, ईसाई, हिंदुओं और सिखों समेत विभिन्न धर्मों के लोग थे। सभी सहयोग कर रहे थे।”

उन्होंने जनसभा से कहा, ”कांग्रेस को इस बात का स्वागत करना चाहिए कि हम यह लड़ाकू विमान हासिल कर रहे हैं लेकिन उसने आलोचना शुरू कर दी। वे बिना ध्यान दिए बोलते रहते हैं और यदि किसी को इन बयानों से हिम्मत मिली है तो वह पाकिस्तान है। इसलिए मैं कह रहा हूं कि उन्हें इन विधानसभा चुनावों में मुंहतोड़ सबक सिखाना चाहिए जैसा कि आपने लोकसभा चुनाव में किया।”

हरियाणा में 21 अक्टूबर को चुनाव हैं। कांग्रेस और भाजपा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा पहला राफेल प्राप्त करने के लिए फ्रांस जाने और वहां विमान की पूजा करने को लेकर वाकयुद्ध में उलझ गई हैं। विपक्षी दलों ने इसे ड्रामा करार दिया था।

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