उत्तराखंड विकास खण्ड

उत्तराखंड का अजय अब उप्र का कर्मयोगी

लखनऊ में उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद प्रदेश के नए निजाम के रूप में योगी आदित्यनाथ के नाम का एलान हुआ तो कनेक्शन सीधे उत्तराखंड से जुड़ गया। दरअसल, देश के सबसे बड़े प्रांत की कमान संभालने जा रहे योगी आदित्यनाथ उत्तराखंड के पौड़ी जिले के ही लाल हैं।

इसके चंद घंटे पहले पौड़ी जिले के एक और लाल त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में उत्तराखंड के सीएम के रूप में शपथ ली थी। इस तरह शनिवार का दिन सियासत के लिहाज से पौड़ी के लिए यादगार बन गया। उसके हिस्से दोहरी खुशी आई।

पौड़ी जिले के यमकेश्वर प्रखंड के ग्राम पंचुर (ठांगर) निवासी योगी आदित्यनाथ वर्तमान में उप्र के गोरखपुर संसदीय क्षेत्र  से सांसद हैं। वर्ष 1998 से लगातार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे योगी आदित्यनाथ वर्तमान में गोरखपुर की प्रसिद्ध गोरखनाथ पीठ के महंत भी हैं।

पांच जून 1972 को आनंद सिंह बिष्ट व सावित्री देवी के घर ग्राम पंचुर में जन्मे योगी का वास्तविक नाम अजय सिंह बिष्ट है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई और इसके बाद उन्होंने राजकीय महाविद्यालय कोटद्वार से पीसीएम ग्रुप से स्नातक डिग्री ली।

एमएससी करने वे ऋषिकेश आ गए। यहीं वे गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ के संपर्क में आए और उनसे संन्यास की दीक्षा लेने गोरखपुर चले गए। 15 फरवरी 1994 को माघ शुक्ल पंचमी के दिन महंत अवैद्यनाथ ने उनका अपने उत्तराधिकारी के रूप में दीक्षाभिषेक किया।

योग छात्र जीवन से ही अभाविप कार्यकर्ता के रूप में विभिन्न राष्ट्रवादी आंदोलनों से जुड़े रहे। गुरु के आदेश एवं गोरखपुर संसदीय क्षेत्र की जनता के आग्रह पर योगी ने पहली बार वर्ष 1998 में लोकसभा का चुनाव लड़ा और मात्र 26 वर्ष की आयु में देश का सबसे युवा सांसद चुने जाने का गौरव हासिल किया।

इसके बाद वे 1999, 2004 व 2009 के चुनाव में भी भारी अंतर से जीतकर लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए। योगी लेखक भी हैं और अब तक उनकी ‘यौगिक षटकर्म’, ‘हठयोग : स्वरूप एवं साधना’, ‘राजयोग : स्वरूप एवं साधना’ व ‘हिंदू राष्ट्र नेपाल’ नामक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। साथ ही वे गोरखनाथ पीठ से प्रकाशित होने वाली वार्षिक पुस्तक योगवाणी के भी प्रधान संपादक हैं।

योगी आदित्यनाथ के उप्र का मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद उनके पैतृक गांव पनचुर समेत पूरे पौड़ी जिले में हर्ष का माहौल है। खास बात यह कि प्रधानमंत्री के रक्षा सलाहकार व थल सेनाध्यक्ष से लेकर तमाम महत्वपूर्ण पदों पर वर्तमान में पौड़ी जिले के लाल अपनी प्रतिभा का झंडा बुलंद कर रहे हैं। ऐसे में योगी का उप्र जैसे विशाल प्रांत का मुख्यमंत्री चुना जाना निश्चित रूप से पौड़ी ही नहीं, संपूर्ण उत्तराखंड का मान बढ़ाएगा।

 

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