उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड: 2017 में ह़ुए किडनी कांड का आरोपी डाक्टर अक्षय राऊत गिरफ्तार, नाम बदलकर कर रहा था प्रैक्टिस

देहरादून। सितंबर 2017 में देहरादून के लालतप्पड़ क्षेत्र स्थित गंगोत्री चैरिटेबल अस्पताल में सामने आए किडनी की खरीद-फरोख्त और प्रत्यारोपण कांड में फरार बीस हजार के इनामी डाक्टर अक्षय राऊत को पुलिस ने गुवाहाटी असम से गिरफ्तार कर लिया। गुवाहाटी में अक्षय अपना नाम बदलकर प्रेस्टाइन केयर सेंटर में प्रैक्टिस कर रहा था। किडनीकांड में पुलिस ने पूर्व में 17 आरोपितों को गिरफ्तार किया था, मगर अक्षय की गिरफ्तारी के बाद इस कांड के सभी आरोपित अब गिरफ्त में आ चुके हैं। 11 सितंबर 2017 को गंगोत्री चैरिटेबल अस्पताल में किडनी की खरीद-फरोख्त व प्रत्यारोपण का पर्दाफाश किया था। गोपनीय शिकायत के आधार पर हुई कार्रवाई में उस दिन पुलिस ने अस्पताल के नजदीक हरिद्वार राजमार्ग से पांच आरोपित दबोचे थे। पुलिस के अनुसार इनमें दो की किडनी निकाल ली गई थी, जबकि लेनदेन में बात बिगडऩे की वजह से दो व्यक्तियों ने अपनी किडनी नहीं बेची। पांचों में एक दलाल था। पुलिस जब अस्पताल पहुंची तो अस्पताल का संचालक राजीव चौधरी और डा. अमित राऊत फरार हो गए। हालांकि, राजमार्ग से पकड़े दलाल जावेद खान निवासी मुंबई ने डा. राऊत का पूरा इतिहास पुलिस के सामने खोल दिया। जावेद डा. राऊत का खास था और किडनी बेचने और खरीदने वालों की व्यवस्था वही करता था।

मोबाइल सर्विलांस के आधार पर पुलिस ने चार दिन बाद 15 सितंबर को डा. अमित राऊत को चंडीगढ़ के पंचकूला सेक्टर-18 स्थित पल्लवी होटल से गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद अमित के भाई जीवन और अस्पताल की नर्स सरला व राजीव चौधरी के ड्राइवर प्रमोद उर्फ बिल्लू को भी पकड़ लिया गया। कुछ दिन बाद राजीव चौधरी व प्रकरण में शामिल आधा दर्जन आरोपित भी दबोच लिए गए। पुलिस अब तक मामले में सरगना डा. अमित समेत कुल 17 आरोपित गिरफ्तार कर चुकी थी मगर अमित का बेटा डा. अक्षय फरार चल रहा था। गिरफ्तार 17 आरोपितों समेत फरार अक्षय पर गैंगस्टर भी लगा दिया गया। पुलिस को इस वर्ष मई में अक्षय के गुरुग्राम हरियाणा में छुपे होने की सूचना मिली, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही वह फरार हो गया।

अब पुलिस ने उसे असम गुवाहाटी से गिरफ्तार कर लिया। मंगलवार को एसएसपी कार्यालय में अक्षय की गिरफ्तारी की सूचना देते हुए डीआइजी जन्मेजय खंडूडी ने बताया कि पिछले दिनों पुलिस को सूचना मिली कि गुवाहाटी स्थित प्रेस्टाइन केयर सेंटर में अक्षय राऊत अपना नाम बदलकर पाइल्स ट्रीटमेंट केयर विंग में प्रैक्टिस कर रहा है। वहां उसने अपना नाम लिचर्ड लारेंस नाम बताया हुआ था। पुलिस ने असम पुलिस से संपर्क कर उसकी फोटो मंगाई व पूर्व में गिरफ्तार किए आरोपितों से पूछताछ की तो लिचर्ड लारेंस अक्षय राऊत ही निकला। संदेह दूर होने के बाद रविवार को पुलिस टीम असम पहुंची और आरोपित अक्षय को गिरफ्तार कर लिया।

देश-विदेश में फैला था जाल

डा. अमित राऊत व डा. अक्षय राऊत का जाल सिर्फ अपने देश में ही नहीं, विदेश में भी फैला हुआ था। पुलिस जांच में मालूम चला था कि टूरिस्ट वीजा पर विदेशी लोग यहां बुलाए जाते थे और किडनी प्रत्यारोपण किया जाता था। बाप-बेटे मिलकर केवल दून ही नहीं बल्कि गुरुग्राम, पंचकूला में भी किडनी प्रत्यारोपण का अवैध धंधा कर चुके थे। वे गरीब व्यक्तियों को जाल में फंसाकर सस्ते दाम पर किडनी खरीदते थे और महंगे दाम पर उसे अमीर या विदेशी नागरिकों को प्रत्यारोपित करते थे। पहले विदेशी नागरिकों को दिल्ली बुलाया जाता था व लेनदेन तय होने के बाद दून लाकर आपरेशन होता था।

Related Articles

Back to top button