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उत्तर प्रदेश निर्माण निगम के जीएम-ठेकेदार पर आयकर छापा

आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के महाप्रबंधक एसए शर्मा व ठेकेदार अमित शर्मा के देहरादून, ऋषिकेश व विकासनगर के आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। मंगलवार सुबह से देर रात तक जारी छापे की कार्रवाई में आयकर अधिकारियों को महाप्रबंधक की देहरादून में अकूत संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं।

एसए शर्मा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के ठेकमा गांव के रहने वाले हैं और उत्तराखंड में वह निर्माण निगम में वर्ष 2004 से कार्यरत हैं। शुरुआत में वह परियोजना प्रबंधक पद पर कार्यरत रहे, जबकि महाप्रबंधक पद पर कार्य करते हुए भी उन्हें लंबा समय हो गया। अधिकारियों ने उनकी संपत्ति के तमाम कागजात कब्जे में लेकर उनकी पड़ताल शुरू कर दी है।

मंगलवार सुबह आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग के संयुक्त निदेशक प्रदीप कुमार के निर्देशन और उप निदेशक एमएल जोशी व अजय सोनकर के नेतृत्व में आठ टीमों ने एक साथ छापे की कार्रवाई शुरू की। इस दौरान टीमों ने निर्माण निगम के महाप्रबंधक के राजपुर रोड स्थित आवास, नेहरू कॉलोनी के मुख्य कार्यालय समेत उनके विकासनगर क्षेत्र में ढकरानी स्थित फार्म हाउस पर जांच-पड़ताल शुरू की। निगम के मुख्य कार्यालय पर आयकर टीम के घुसते ही हड़कंप जैसी स्थिति पैदा हो गई।

वहीं, निगम के ठेकेदार अमित शर्मा के ऋषिकेश के शास्त्रीनगर, गणेश विहार, देहरादून में फ्रेंड्स कॉलोनी, हरिद्वार बाईपास रोड में एक न्यूज चैनल के कार्यालय पर जांच शुरू की गई। अमित शर्मा की शिवा मीडिया प्रोडक्शन सॉल्यूशंस प्रा.लि. नाम की कंपनी के अधीन चार फर्म कार्यरत हैं और इन सभी को जांच के दायरे में लिया गया है। अधिकतर के कार्यालय बाईपास रोड पर न्यूज चैनल के कार्यालय से संचालित किए जा रहे हैं।

आयकर की प्रारंभिक जांच में महाप्रबंधक व ठेकेदार के आपसी गठजोड़ की बात सामने आई है। वर्ष 2013-14 में ही अमित शर्मा को 60 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य आवंटित किए गए हैं। जांच में पता चला कि निगम के अधिकतर कार्य अमित शर्मा को ही दिए जाते हैं। वहीं, महाप्रबंधक के फार्म हाउस में ऐशोआराम में तमाम संसाधन को विभाग आयकर से कहीं गुना अधिक कीमत का आंक रहा है।

जबकि ठेकेदार अमित शर्मा के ठिकानों से मिले दस्तावेजों में हिसाब-किताब में बड़ी गड़बड़ियां पाई गई हैं। कार्रवाई की पुष्टि करते हुए संयुक्त निदेशक प्रदीप कुमार ने बताया कि कब्जे में लिए गए दस्तावेजों की पड़ताल शुरू कर दी गई है। छापेमारी में आयकर अधिकारी सुशील दीक्षित, अजय आनंद समेत करीब 100 आयकर व पुलिस कर्मियों की टीम शामिल रही।

 

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