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उत्‍तराखंड: एलटी को प्रवक्ता पदों पर तदर्थ पदोन्नति

देहरादून : त्योहारी सीजन में माध्यमिक शिक्षकों की झोली में भी तोहफा गिरा है। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत एलटी शिक्षकों को प्रवक्ता संवर्ग में तदर्थ पदोन्नति दी जाएगी।

सरकार के इस कदम से सैकड़ों शिक्षक को प्रवक्ता के रूप में तैनाती तो मिलेगी ही, पदोन्नत ग्रेड वेतन 4800 का लाभ भी मिलेगा। प्रवक्ता के सीधी भर्ती के पदों पर तदर्थ पदोन्नति नहीं होगी। विद्यालयी शिक्षा सचिव चंद्रशेखर भट्ट ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।

राज्य में पहली बार एलटी शिक्षकों को प्रवक्ता के पदों पर तदर्थ पदोन्नति दी गई है। इससे पहले यह पदोन्नति केवल राजकीय हाईस्कूलों के प्रधानाध्यापकों और राजकीय इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्यों के पदोन्नति के पदों पर मिलती रही है। उक्त दोनों ही पदों पर सीधी भर्ती का प्रावधान नहीं है।

शिक्षक संगठन लंबे अरसे से यह मांग कर रहे थे। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने उक्त संबंध में प्रस्ताव शासन को भेजा था। राज्य में कार्मिकों और शिक्षकों पर मेहर बरसा रही सरकार ने बुधवार को निदेशालय के प्रस्ताव पर मुहर लगाकर उनकी यह मुराद भी पूरी कर दी।

शासनादेश के मुताबिक राजकीय इंटर कॉलेजों में 4600 ग्रेड वेतन पर कार्यरत एलटी शिक्षकों को प्रवक्ता के रिक्त पदों पर तदर्थ पदोन्नति दी जाएगी। साथ ही उन्हें प्रवक्ता पद का ग्रेड वेतन 4800 भी दिया जाएगा। तदर्थ पदोन्नति के लिए तय शर्तों और प्रतिबंधों के मुताबिक पहले चरण में प्रवक्ता के रिक्त पदों के सापेक्ष वर्ष 2008 तक कार्यरत एलटी शिक्षकों को पदोन्नति मिलेगी।

तदर्थ पदोन्नति के लिए पोषक संवर्ग में वरिष्ठता के आधार पर विचार होगा। पदोन्नति निर्धारित पदों की रिक्तियों के सापेक्ष की जाएगी। उक्त पदोन्नति सीधी भर्ती के पदों पर नहीं की जाएगी। अधिवर्षता आयु पूरी करने के बाद सत्रांत लाभ पर कार्यरत और ऐसे एलटी शिक्षक जो राष्ट्रपति या राज्य पुरस्कार पाने के बाद दो वर्ष के सेवा विस्तार पर कार्यरत हैं, उन्हें तदर्थ पदोन्नति का सेवा लाभ नहीं दिया जाएगा।

तदर्थ रूप से प्रवक्ता पद पर पदोन्नत एलटी शिक्षक का धारणाधिकार (लियन) एलटी पद पर तब तक रहेगा, जब तक उन्हें प्रवक्ता पद पर मौलिक नियुक्ति नहीं मिल जाती। शासन ने यह स्पष्ट किया है कि तदर्थ पदोन्नति सेवा अवधि की गणना वरिष्ठता के लिए नहीं की जाएगी। तदर्थ पदोन्नति की व्यवस्था को पूर्ण रूप से कामचलाऊ और अस्थायी करार दिया गया है। शासन ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को उक्त आदेश का अनुपालन करने को कहा है।

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