उत्तराखंड समाचार

औली की बर्फीली ढलानों पर एक बार फिर स्कीयर्स दिखाएंगे जौहर

देहरादून : सीमांत चमोली जिले में समुद्रतल से 10500 फीट की ऊंचाई पर स्थित औली की बर्फीली ढलानों में एक बार फिर देश-विदेश के स्कीयर्स जौहर दिखाते नजर आएंगे। अगले वर्ष 15 से 21 जनवरी तक औली में प्रस्तावित इंटरनेशनल स्की कप (फिस रेस) दूसरा अंतरराष्ट्रीय आयोजन होगा। इससे पहले वर्ष 2011 में साउथ एशियाई विंटर गेम्स के तहत स्की प्रतियोगिता औली में हो चुकी है।

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ स्की ने प्रतियोगिता की मेजबानी विंटर गेम्स ऑफ इंडिया को सौंपी है। फेडरेशन ने इसे औली में कराने का निर्णय लिया है। देश में इस तरह का यह पहला आयोजन होगा। औली में इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन को कराने की सबसे बड़ी वजह यह है कि यहां कृत्रिम बर्फ बनाने के लिए स्नो मेकिंग सिस्टम भी उपलब्ध है। दरअसल वर्ष 2014-15 में भी औली में फिस रेस कराने की तैयारी थी, लेकिन मौसम के दगा देने और कृत्रिम बर्फ बनाने की मशीनें खराब होने के कारण यह आयोजन रद कर दिया गया। इसके बाद वर्ष 2015-16 में गुलमर्ग में भी इसकी तैयारी की गई, लेकिन मौसम ने फिर साथ नही दिया।

अब एक बार फिर औली में अंतरराष्ट्रीय आयोजन की तैयारी हो रही है। इंटरनेशनल फेडरेशन के नियमों के मुताबिक स्कीइंग के लिए बर्फीले स्लोप होने तो जरूरी हैं ही, बर्फबारी न होने की दशा में वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर स्नो मेकिंग सिस्टम भी होना चाहिए। साउथ एशियाई विंटर गेम्स के दौरान औली में स्की की अनुमति भी इसी शर्त पर मिली थी। हालांकि, तब से कृत्रिम बर्फ बनाने वाली मशीनें बंद पड़ी हैं। अब इन्हें चालू करने के लिए टेक्निकल एक्सपट्र्स बुलाए जा रहे हैं।

विंटर गेम्स एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के संरक्षक एसएस पांगती के मुताबिक सरकार के सहयोग से ही अंतरराष्ट्रीय आयोजन की तैयारी की जा रही है। इस बारे में सरकार से वार्ता भी हुई है। स्नो मेकिंग सिस्टम चालू करने के लिए एक्सपट्र्स बुलाए जा रहे हैं। कहा कि यह प्रतियोगिता औली को इंटरनेशनल स्की रिसोर्ट के रूप में स्थापित  कर सकती हैं। स्नो मेकिंग सिस्टम चालू हालात में रहने से हम ऑफ सीजन में भी यह स्कीइंग कर सकते है। इससे विदेशी सैलानी भी आकर्षित होंगे, जो पर्यटन की दृष्टि से बेहद फायदेमंद है।

Related Articles

Back to top button