अपराध

कार्बेट टाइगर रिजर्व में मारे गए थे 20 से ज्यादा बाघ!

देहरादून, : उत्तराखंड में पिछले साल हुई बाघ की छह खालों व हड्डियों की बरामदगी के मामले में विभागीय हीलाहवाली का जिन्न फिर बाहर निकल आया है। ‘आपरेशन आई ऑफ द टाइगर ट्रस्ट’ ने इस प्रकरण में विभाग की कार्यशैली पर न सिर्फ सवाल उठाए हैं, बल्कि परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) में 20 से ज्यादा बाघों के शिकार की आशंका जताई है।

यही नहीं, सीटीआर में भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआइआइ) के कैमरा ट्रैप हटवाने पर भी कड़ा ऐतराज जताया है। उधर, वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि प्रमुख मुख्य वन संरक्षक को इस प्रकरण की जांच कराकर एक माह में रिपोर्ट देने को कहा गया है। साथ ही डब्ल्यूआइआइ को सीटीआर में कैमरा ट्रैप लगाने की अनुमति देने को भी कहा है।

वन्यजीव अपराधों की रोकथाम की नोडल एजेंसी पुलिस की एसटीएफ ने गत वर्ष 13 मार्च को श्यामपुर (हरिद्वार) में बाघ की पांच खाल और 130 किलो हड्डियां बरामद की थीं। इसके बाद 15 मई को रायवाला से भी बाघ की खाल बरामद की। श्यामपुर में खालों के साथ पकड़े गए आरोपी ने कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों का शिकार करने और खाल व हड्डियां रिजर्व से लगे उप्र के कोटकादर क्षेत्र से लगे जंगल में गड्ढे खोदकर इनमें छिपाने की बात कही।

‘आपरेशन आई ऑफ द टाइगर ट्रस्ट’ के ट्रस्टी राजीव मेहता के अनुसार 14 मार्च को आरोपी की निशानदेही पर मौके पर 32 गड्ढे पाए गए थे। छानबीन करने पर इन गड्ढों के आसपास हड्डियां, मांस, खून से सने कपड़े, पॉलीथिन, भाले आदि बरामद हुए थे। बावजूद इसके विभाग ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। यही नहीं, डब्ल्यूआइआइ से कराई गई जांच में चार बाघों का शिकार सीटीआर में होने की बात सामने आई। जिन बाघों की यह खालें थी, उनकी तस्वीरें 31 मई 2015 से 13 मार्च 2016 से पहले तक रिजर्व के विभिन्न क्षेत्रों में कैमरा ट्रैप में आई थीं।

मेहता के मुताबिक परिस्थितिजन्य साक्ष्यों और पकड़े गए आरोपी के बयानों को आधार लें तो गुजरे तीन सालों में सीटीआर में संभवत: 20 से ज्यादा बाघों का शिकार हुआ। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इसके बाद भी विभाग ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। वन्यजीव अपराधों की रोकथाम में रुचि लेने की बजाए अपराधों को रफा-दफा करने की कोशिशें की गईं। मेहता ने बताया कि उन्होंने वन मंत्री से मुलाकात कर इस ओर उनका ध्यान दिलाया। साथ ही साक्ष्यों से संबंधित दस्तावेज भी उन्हें सौंपे।

हटवा दिए गए थे कैमरा ट्रैप

बाघ की खालों की बरामदगी और इनमें से चार का शिकार कार्बेट टाइगर रिजर्व में होने की पुष्टि के बाद वन महकमे ने सीटीआर में लगे डब्ल्यूआइआइ के कैमरा ट्रैप हटवा दिए थे। इसे लेकर वन महकमे की छीछालेदर हुई थी। वजह ये कि डब्ल्यूआइआइ ही भारत में बाघ गणना एवं शोध कार्य करता आया है।

 

Related Articles

Back to top button