कैबिनेट में कर्मचारियों को दीपावली बोनस का तोहफा
सरकार ने दीपावली के ठीक पहले राज्य कर्मचारियों पर खासी मेहर बरसाई है। सभी अराजपत्रित सरकारी कर्मचारियों को 6908 रुपये बोनस दिया जाएगा। कैबिनेट ने गढ़वाल मंडल विकास निगम व कुमाऊं मंडल विकास निगम के साथ ही स्थानीय निकायों व जिला पंचायत कर्मचारियों को सातवां वेतनमान दिए जाने को भी मंजूरी प्रदान कर दी है। एक अहम फैसले के तहत सरकार ने राजकीय महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों की कमी को देखते हुए 585 पदों पर अस्थायी व कामचलाऊ व्यवस्था के आधार पर शिक्षक रखने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही कैबिनेट ने अब पूरे प्रदेश में शराब की दुकानों के खुलने व बंद होने की समय सीमा एक समान, यानी सुबह दस बजे से लेकर रात्रि दस बजे तक करने का निर्णय लिया है। सरकार ने उज्ज्वला योजना के दायरे में न आने वाले राज्य के चार लाख परिवारों को गैस कनेक्शन देने का भी निर्णय लिया है। मंडी अध्यक्षों का कार्यकाल सरकार ने एक वर्ष घटा दिया है। अब इनका कार्यकाल दो वर्ष का होगा।
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि सरकार ने अराजपत्रित राज्य कर्मचारियों को उत्पादकता बोनस देने का निर्णय लिया है। इनकी संख्या डेढ़ लाख के आसपास है। इन्हें तीस दिन के वेतन के बराबर अथवा अधिकतम 6908 रुपये का बोनस दिया जाएगा। इससे राज्य पर लगभग 164 करोड़ रुपये का व्ययभार आएगा। जिला पंचायतों में लगभग 650 कार्मिक हैं। सातवां वेतनमान लागू होने से सरकार पर प्रतिवर्ष 2.66 करोड़ रुपये का व्ययभार आएगा। जीएमवीएन व केएमवीएन में 1600 से अधिक अधिक कर्मचारी तैनात है। इन्हें सातवां वेतनमान का लाभ देने से प्रतिवर्ष 72.93 करोड़ रुपये का व्ययभार आएगा।
कैबिनेट ने सभी 92 स्थानीय निकायों में भी सातवां वेतनमान देने पर मुहर लगाई। जिन-जिन निकायों से प्रस्ताव शासन को मिलते रहेंगे, उन्हें सातवां वेतनमान देने के आदेश जारी किए जाएंगे। नौ पर्वतीय जिलों में शराब पर छह बजे के बाद बिक्री पर लगी रोक को हटाने को मंजूरी दी गई है। इस फैसले से अब उक्त जिलों में भी सुबह दस से रात दस बजे तक शराब की बिक्री की जाएगी। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सरकार ने लगातार उठ रही मांग को देखते हुए यह निर्णय लिया है। कृषि उत्पादन मंडी अधिनियम में भी संशोधन को हरी झंडी दिखाई गई है। इसके तहत अब मंडी अध्यक्षों का कार्यकाल एक वर्ष कम कर दिया गया है। अब इनका कार्यकाल दो वर्ष होगा, पहले यह कार्यकाल तीन वर्ष का था। कैबिनेट ने प्रदेश में गैस विहीन चार लाख परिवारों को गैस कनेक्शन देने का निर्णय लिया है। इस योजना का नाम जल्द ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तय करेंगे। सरकार की मंशा 2019 तक सभी कार्ड धारकों को गैस कनेक्शन मुहैया कराने की है। आबकारी अधिनियम में संशोधन का फैसला हुआ है। इसके तहत आबकारी की वस्तुओं पर टैक्स लगाने की अधिकतम सीमा दस साल तक के लिए तय की गई है। इससे प्रदेश में शराब की कीमतें बढऩे की संभावना जताई जा रही है।
कैबिनेट के अहम फैसले
-अब पूरे प्रदेश के सभी तेरह जिलों में सुबह दस बजे से लेकर रात दस बजे तक खुलेंगी शराब की दुकानें।
-मंडी परिषद के अध्यक्षों के कार्यकाल की सीमा तीन वर्ष से घटा कर दो वर्ष की।
-समेकित बाल विकास योजना निदेशालय के मिनिस्टीरियल कर्मचारियों की 37 दिन की हड़ताल अवधि को किया समायोजित।
-मृतक आश्रितों की तलाकशुदा बेटी को भी मिल सकेगी सरकारी नौकरी।
-द यूनिवर्सिटी ऑफ नार्दर्न वेस्ट हिमालयाज के लिए कृषि भूमि का बदलेगा भू-उपयोग।
-आपदा प्रबंधन न्यूनीकरण एवं प्रबंध केंद्र का राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में हुआ विलय।
-राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में जीआइएस और ज्योलॉजिस्ट के दो-दो पद सृजित।
-सभी शासकीय, अद्र्धशासकीय, शैक्षणिक संस्थाओं, नगर निकायों, निगमों एवं शासन से अनुदान प्राप्त संस्थाओं में ऊर्जा दक्ष (एलइडी) उपकरणों का उपयोग किया अनिवार्य।
-हरिद्वार नगर निगम का होगा सीमा विस्तार, रुड़की नगर निगम से दो गांव जोड़े व दो गांव हटाए।
-राजकीय महाविद्यालयों में कामचलाऊ व्यवस्था पर रखे जाएंगे 585 शिक्षक, प्रति पीरियड मिलेंगे 500 रुपये।
-जीएसटी पंजीयन के लिए कारोबारियों के सालाना टर्नओवर की सीमा 20 लाख रुपये तक बढ़ाई।
-सरकारी सेवाओं में अब राजपत्रित अधिकारी के स्थान पर स्वप्रमाणित अभिलेख होंगे स्वीकार।
-सेवा के अधिकार अधिनियम में 162 नई सेवाओं को शामिल करने को मंजूरी, कुल संख्या पहुंची 262 से अधिक।