उत्तर प्रदेश

चंपारण की तर्ज अब जैविक भारत के लिए आंदोलन: वंदना शिवा

मेरठ: खेतीबाड़ी में रसायनों के धुआंधार प्रयोग से थाली विष बन गई। सरकारें बहुराष्ट्रीय कंपनियों की चंगुल में खेलती रहीं और किसान विषाक्त रसायनों से अपनी और मिट्टी की सेहत गंवाता रहा। मेरठ की धरती से एक बार फिर 1857 की क्रांति की तर्ज पर जैविक भारत के लिए हुंकार भरी जा रही है। चंपारण सत्याग्रह से लेकर बीज सत्याग्रह तक का सफर 2047 तक पूरा करना है। धरती और भोजन शुद्ध होगा तो स्वस्थ भारत खड़ा होगा। उक्त बातें पर्यावरणविद् डा. वंदना शिवा ने शहीद स्मारक पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं।

पर्यावरणविद डा. वंदना की अगुआई में बीज स्वराज, अन्न स्वराज कार्यक्रम का आगाज गुरुवार को औघड़नाथ मंदिर से किया गया। इतिहासकार डा. केके शर्मा, डा. अमित पाठक समेत कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं गंगानगर स्थित द एवेन्यू पब्लिक स्कूल के छात्रों ने भी कार्यक्रम में भाग लेते हुए औघड़नाथ मंदिर से शहीद स्मारक तक पैदल मार्च किया। शहीदों को नमन करने के साथ ही शहीद स्मारक में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें इतिहासकार डा. एसके मित्तल ने लोगों को चंपारण आंदोलन महात्मा गांधी एवं किसानों की भूमिका पर प्रकाश डाला। कहा कि अंग्रेजों द्वारा शोषित किसान गांधी की अगुआई में जाग उठा, जो इतिहास बन गया। इतिहासविद् डा. केडी शर्मा ने कहा कि गुजरात के किसानों ने ही वल्लभ भाई पटेल को सरदार की उपाधि दी थी। चौ. चरण सिंह विवि के पूर्व कुलपति प्रो. रवींद्र कुमार ने कहा कि भारत के इतिहास को नए नजरिए से देखने की जरूरत है। तमाम बड़े लम्हों के साथ न्याय नहीं हुआ है। पर्यावरणविद डा. वंदना शिवा ने कहा कि अंग्रेजों ने किसानों को धर्म एवं जाति में बांटा। उनका दोहन किया। बाद में सरकारों को अंग्रेजी दवाओं एवं कीटनाशकों का आदी बनाया। कहा कि वेस्ट यूपी में दुनिया की सबसे उपजाऊ जमीन है, जिसे कीटनाशकों ने नष्ट कर दिया। उन्होंने दुनियाभर के आंकड़ों के हवाले से बताया कि भारत में विषाक्त खेती की वजह से शुगर, स्ट्रोक एवं कैंसर फैल गया, और इन्हीं बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने दवा बेचकर दोहरा मुनाफा कमाया। उन्होंने किसानों के 2047 तक कीटनाशक मुक्त खेती के लक्ष्य पर काम करने के लिए कहा। 1857 की क्रांति के शहीदों के परिवार वालों को सम्मानित भी किया गया। रमन त्यागी, गिरीश शुक्ल एवं दर्जनों गांवों के किसान भी शामिल हुए।

 

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