अपराध

चंपावत के डीएफओ रहे एक गुप्ता पर कसा शिकंजा

देहरादून : लीसा ठेकेदार से कमीशन मांगने का ऑडियो वायरल होने के बाद विभागीय जांच का सामना कर रहे चंपावत वन प्रभाग के डीएफओ एके गुप्ता पर अब शिकंजा कस सकता है। जांच में इस प्रभाग में चीड़ के पेड़ों के गुलिया-छिल्का की आड़ में बड़े पैमाने पर अवैध कटान की शिकायतों की पुष्टि हुई है। यह तब है, जबकि यहां गुलिया-छिल्का की निकासी पर प्रतिबंध है। जांच अधिकारी वन संरक्षक (जैव विविधता संरक्षण, अनुसंधान एवं विकास हल्द्वानी) ने लगभग 200 पेज की रिपोर्ट वन विभाग के मुखिया को सौंप दी है। उधर, प्रमुख मुख्य वन संरक्षक आरके महाजन रिपोर्ट मिलने की पुष्टि करते हुए बताया कि प्रथम दृष्ट्या प्रकरण में डीएफओ गुप्ता की लापरवाही उजागर हुई है। रिपोर्ट का गहन अध्ययन करने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

सितंबर के दूसरे पखवाड़े में सोशल मीडिया पर डीएफओ के लीसा ठेकेदार से प्रति टिन तीन रुपये कमीशन मांगने का ऑडियो वायरल हुआ था। तब यह प्रकरण मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद शासन भी हरकत में आया। मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने प्रशासनिक आधार पर तत्काल प्रभाव से चंपावत के डीएफओ एके गुप्ता को प्रमुख वन संरक्षक कार्यालय से संबद्ध कर दिया। यही नहीं, प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) आरके महाजन ने भी 23 सितंबर को ऑडियो मामले के साथ ही चंपावत वन प्रभाग में छह साल में हुए गुलिया-छिल्का के उत्पादन, विदोहन व निकासी रवन्नों की गहनता से पड़ताल और पांच सालों में लीसा आवंटन, भुगतान समेत अन्य कारणों की जांच के आदेश दिए। जांच तेज तर्रार आइएफस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को सौंपी गई।

इस बहुचर्चित प्रकरण में जांच अधिकारी चतुर्वेदी ने अपनी रिपोर्ट पीसीसीएफ के साथ ही मुख्य सचिव को सौंप दी है। सूत्रों के अनुसार 10 सितंबर को सौंपी गई इस रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि गुलिया-छिल्का की आड़ में अवैध कटान की शिकायतों के बाद इसके निकासी रवन्नों पर रोक लगा दी गई थी। इस संबंध में आदेशों की लगातार अवहेलना कर गुलिया-छिल्का के रवन्ने जारी किए गए। दो सितंबर को टनकपुर में पकड़े गए ट्रक से इसकी पुष्टि होती है, जिसमें 50 टन गुलिया-छिल्का और 80 टन चीड़ के लट्ठे व फर का प्रकाष्ठ पाया गया।

रिपोर्ट में यह भी जिक्र है कि पूरे चंपावत जिले में गुलिया-छिल्का के उत्पादन, निकासी आदि की पड़ताल चल रही है और 22 लोगों की टीम जांच में जुटी है। इसके अलावा वायरल हुए ऑडियो के साथ ही लीसा आवंटन व भुगतान में घपले के संबंध में प्रारंभिक तौर पर अहम सुबूत हाथ लगे हैं। जल्द ही इन दोनों बिंदुओं पर रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।

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