उत्तराखंड विकास खण्ड

छोटे हाउसिंग प्रोजेक्ट को पीसीबी से एनओसी जरूरी नहीं

अब प्रदेश में छोटे हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) से एनओसी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। केंद्रीय पर्यावरण वन मंत्रालय ने भवन निर्माण के मानकों में संशोधन किया है, जिसके तहत अब डेढ़ लाख स्क्वायर मीटर या इससे ज्यादा क्षेत्रफल में बन रहे हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए ही एनओसी लेना अनिवार्य होगा।

उत्तराखंड में बड़ी तादात में हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का निर्माण हो रहा है। अकेले देहरादून जिले में ही 56 हाउसिंग प्रोजेक्ट पीसीबी ने चिह्नित किए हैं। अभी तक 20 हजार स्क्वायर मीटर या इससे ज्यादा क्षेत्रफल में बन रहे हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए पीसीबी की अनुमति लेना जरूरी था। दरअसल, हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में पर्यावरण संबंधी मानकों का ध्यान रखते हुए कूड़ा प्रबंधन और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की व्यवस्था करना अनिवार्य है।

पीसीबी वैज्ञानिक अधिकारी एसएस पाल का कहना है कि  इसलिए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के निर्माण को पीसीबी से अनुमति लेनी जरूरी होती है। पीसीबी यह अनुमति प्रोजेक्ट में कूड़ा प्रबंधन और एसटीपी की व्यवस्था जांचने के बाद देता है। हालांकि, अधिकतर प्रोजेक्ट इन मानकों को दरकिनार कर रहे हैं। जिसके चलते पीसीबी देहरादून में ही 16 हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को क्लोजर का नोटिस दे चुका है। मगर, अब भवन निर्माण के मानकों में संशोधन कर दिया गया है तो संभव है कि इन प्रोजेक्ट्स पर कार्रवाई भी टल जाए।

भवन निर्माण के मानकों में परिवर्तन हाल ही में हुआ है। अब डेढ़ लाख स्क्वायर मीटर से कम क्षेत्रफल में बन रहे प्रोजेक्टों को पीसीबी की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। जिन प्रोजेक्ट्स को नोटिस दिया गया है, उन पर क्या कार्रवाई की जाए, इस पर दिशा-निर्देश मांगे जाएंगे।

प्रधानमंत्री आवास योजना के मद्देनजर लिया गया फैसला

भवन निर्माण के मानकों में यह बदलाव प्रधानमंत्री आवास योजना को ध्यान में रखकर किया गया है। विभिन्न शहरों में लोगों को सस्ते घर उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना बनाई गई है। बताया जा रहा है कि एनओसी आदि के चलते योजना को लागू करने में अनावश्यक देरी हो रही थी, जिसके चलते यह निर्णय लिया गया।

पर्यावरण सेल गठित करने के निर्देश 

हाउसिंग प्रोजेक्ट में पर्यावरण संबंधी मानकों की अनदेखी न हो, इसके लिए पर्यावरण मंत्रालय ने एमडीडीए सहित नक्शा पास करने वाले विभागों को पर्यावरण सेल गठित करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, इसके बाद भी हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में मनमानी बढ़ सकती है। क्योंकि, नक्शा पास करने वाले विभागों के पास पहले से ही पर्यावरण संबंधी मानकों का पालन करवाने का अधिकार है, मगर आज तक इस पर कोई काम नहीं हुआ। मानकों का उल्लंघन करने वालों के भी नक्शे आसानी से पास हो रहे हैं।

 

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