राजनीति

जाति आधारित जनगणना को लेकर जानिए संसद में क्या बोले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय

केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि उसने आजादी के बाद से जनगणना में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के अलावा अन्य जाति के आधार पर आबादी की गणना नहीं की है।केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने आज लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह बात कही।

सदन में एक प्रश्न पूछा गया कि क्या सरकार ने 2021-22 में जाति आधारित जनगणना कराने पर विचार किया है और यदि हां, तो उसका ब्यौरा क्या है और यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं।

केंद्रीय मंत्री राय ने उत्तर दिया कि जिन जातियों और जनजातियों को विशेष रूप से संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश 1950 और संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 के अनुसार अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के रूप में अधिसूचित किया गया है, जैसा कि समय-समय पर संशोधित किया गया है। दशकों की गणना में समय की गणना की जाती है।

उन्होंने कहा कि केंद्र ने आजादी के बाद से जनगणना में एससी और एसटी के अलावा अन्य जाति के आधार पर आबादी की गणना नहीं की है। जनगणना अनुसूची केंद्रीय मंत्रालयों सहित विभिन्न हितधारकों के परामर्श से तैयार की गई है। जनगणना 2021 के संचालन के लिए सरकार की मंशा 28 मार्च 2019 को भारत के राजपत्र में अधिसूचित की गई थी। हालांकि, कोरोना के प्रकोप के कारण जनगणना गतिविधियों को अभी स्थगित कर दिया गया है।

जेडीयू और सपा समेत कई राजनीतिक पार्टियां जातिवार जनगणना की कर रहीं मांग

बता दें कि पिछले कई दिनों से देश के कई राजनीतिक दल जातिवार जनगणना की मांग कर रहे हैं। इसमें आरजेडी, जेडीयू और सपा समेत कई राजनीतिक पार्टियां शामिल हैं। केंद्र सरकार जाति आधारित जनगणना को लेकर इस मामले में इन पार्टियों के साथ नहीं है। मंगलवार को केंद्र सरकार ने भी लोकसभा में स्पष्ट किया कि आजादी के बाद से जनगणना में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के अलावा अन्य किसी भी जाति की गणना नहीं की गई है।

Related Articles

Back to top button