उत्तराखंड विकास खण्ड

डाट काली मंदिर के पास डबल लेन टनल का रास्ता साफ

देहरादून  कविन्द्र पयाल : डाट काली की जिस डबल लेन टनल (सुरंग) पर उत्तर प्रदेश सरकार दो साल से अड़ंगा डाले बैठी रही, उसकी राह अब जाकर योगी सरकार में आसान हो पाई। उत्तर प्रदेश की सीमा में करीब 250 मीटर हिस्से के वन क्षेत्र में निर्माण की अनुमति सोमवार को उत्तराखंड को दे दी गई। इसके साथ ही कार्यदाई संस्था लोनिवि ने टनल निर्माण की कवायद भी शुरू कर दी है।

डाट काली मंदिर के पास सिंगल लेन टनल के पास डबल लेन टनल के निर्माण की अनुमति केंद्र सरकार ने मार्च 2015 में जारी कर दी थी। इसके तुरंत बाद उत्तराखंड सरकार ने भी निर्माण की कवायद शुरू कर दी थी, टनल निर्माण क्षेत्र का बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश के वन क्षेत्र में आने के बाद यह कसरत अधर में लटक गई थी। तब उत्तर प्रदेश सरकार ने टनल निर्माण पर सैद्धांतिक सहमति तो दे दी थी, लेकिन अंतिम स्वीकृति देने में अपेक्षित दिलचस्पी नहीं दिखाई।

अंतिम स्वीकृति को लेकर लोनिवि की राष्ट्रीय राजमार्ग यूनिट के रुड़की खंड ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु पर्यावरण मंत्रालय के लखनऊ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय (मध्य) में संपर्क किया तो अधिकारियों ने राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की राह बता दी। दरअसल, उत्तर प्रदेश के इस हिस्से में हाथी आरक्षित वन क्षेत्र है। हालांकि बोर्ड से लोनिवि को वापस लखनऊ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय भेज दिया गया। इसके बाद लोनिवि अधिकारी कई बार लखनऊ के चक्कर लगाते रहे और उन्हें हर बार गोलमोल जवाब मिलता रहा।

उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कामकाज की तस्वीर बदली तो लखनऊ में बैठे अधिकारियों को भी अपनी जिम्मेदारी याद आ गई। सोमवार को 15वीं बार राजमार्ग खंड के सहायक अभियंता डीसी नौटियाल क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ पहुंचे तो उन्हें अप्रत्याशित बदलाव नजर आया। इस बार उन्हें बैरंग लौटाने के बजाए अधिकारियों ने अंतिम स्वीकृति का पत्र थमा दिया।

वहीं, मुख्य अभियंता (राष्ट्रीय राजमार्ग) हरिओम शर्मा का कहना है कि डाट काली टनल पर लोनिवि को उत्तर प्रदेश की अंतिम स्वीकृति मिलने के बाद बहुत जल्द ठेकेदार को निर्माण की तारीख भी दे दी जाएगी।

परियोजना पर एक नजर

लागत: करीब 58 करोड़ रुपये

चौड़ाई: डबल लेन (करीब सात मीटर)

सुरंग की लंबाई: 330 मीटर

उत्तर प्रदेश की तरफ टनल: 250 मीटर

एप्रोच रोड: करीब 455 मीटर

देहरादून की तरफ एप्रोच: 250 मीटर

उत्तर प्रदेश की तरफ एप्रोच: 205 मीटर

इसलिए जरूरी है डबल लेन टनल

अभी तक वाहनों के आवागमन के लिए डाट काली मंदिर के पास सिंगल लेन टनल ही है। इसके चलते यहां पर जाम की स्थिति बनी रहती है। डबल लेन टनल के बाद यह समस्या दूर हो पाएगी।

 

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