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डिजिटल पेमेंट में भारत का बजा डंका, जानिए 2021 में हम चीन से कितने फासले हैं दूर

भारत ने डिजिटल पेमेंट क्षेत्र में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी है। खासकर 2021 के मुकाबले 2021 में यह काफी तेजी से बढ़ा है। जानकारों की मानें तो ऐसा Covid महामारी के कारण हुआ। क्‍योंकि इस दौरान कॉन्‍टैक्‍टलेस ट्रांजैक्‍शन को बढ़ावा दिया गया। इस समय 1.18 बिलियन वायरलेस टेलीकॉम सब्सक्रिप्शन के साथ हम दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इंटरनेट आबादी हैं। देश लगभग 1 अरब डेबिट/क्रेडिट कार्ड, 2.25 अरब पीपीआई (प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स) और कई नए पेमेंट मोड के साथ सबसे बड़े और तेजी से बढ़ते डिजिटल पेमेंट बाजार में से एक होने वाला है।

वर्ल्डलाइन इंडिया की ताजा रिपोर्ट “इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट Q3 2021” में इसका जिक्र है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दो साल में कोविड महामारी से संकट के बावजूद डिजिटल भुगतान ने देश भर के ग्रामीण इलाकों में भी बढ़ोतरी जारी रखी। यह तेजी सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं रही।

उत्तर-पूर्वी राज्यों का हाल

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक सितंबर 2021 तक उत्तर-पूर्वी राज्यों के अलावा टियर 3-6 सेंटरों में 5.6 मिलियन से ज्‍यादा डिजिटल डिवाइस को तैनात किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक दूरसंचार, स्वास्थ्य सेवा, आईटी, खुदरा, ऑटोमोबाइल और कृषि जैसे क्षेत्रों में भारत की मजबूत ग्रोथ के कारण स्थायी और सुरक्षित पेमेंट सिस्‍टम की जरूरत रफ्तार पकड़ रही है। वर्ल्डलाइन इंडिया ने रिपोर्ट में कहा कि यूपीआई के आने और दुकानों में लाखों QR कोड के रोलआउट से मोबाइल फोन के जरिए लेनदेन किए जा रहे हैं। अप्रैल 2020 में मोबाइल ऐप से लेन-देन की संख्या 1.12 अरब थी और जून 2021 में यह संख्या 3.7 अरब पर पहुंच गई। इसी तरह, वैल्‍यू के मामले में देखें तो अप्रैल 2020 में यह 3.6 ट्रिलियन रुपये था जबकि जून 2021 में यह 11.4 ट्रिलियन रुपये हो गया।

2022 में और बढ़ेगा डिजिटल पेमेंट

वर्ल्‍डलाइन इंडिया के उपाध्‍यक्ष सुनील रोगला के मुताबिक डिजिटल पेमेंट ने 2021 में अपनी वृद्धि जारी रखी है, जिसमें बड़े पैमाने पर मोबाइल से यूपीआई लेनदेन में बड़ा बदलाव आया। लेकिन कार्ड और अन्य पेमेंट चैनलों में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2021 में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार को आरबीआई से पर्याप्त समर्थन मिला। जैसे कि घरेलू पेमेंट प्रोडक्‍ट को प्रोत्साहित करना, संपर्क रहित लेनदेन की सीमा बढ़ाना। इन प्रयासों के लिए धन्यवाद। वर्ष 2022 में डिजिटल भुगतान उद्योग और भी तेजी से बढ़ेगा। अधिक संख्या में लोग डिजिटल भुगतान को अपना रहे हैं। RuPay कार्ड और UPI के लिए P2M लेनदेन के लिए प्रोत्साहन देने की सरकार की हालिया घोषणा भी दुकानों को डिजिटल पेमेंट के लिए बढ़ावा देगी।

चीन सबसे आगे

दिलचस्प है कि मोबाइल से दुकानों पर पेमेंट के मामले में चीन बीते छह महीनों में इस तरह के भुगतान करने वाले 81 प्रतिशत स्मार्टफोन यूजर के साथ अव्‍वल है। डेनमार्क 41 फीसदी के साथ दूसरे नंबर पर। मोबाइल पेमेंट अपनाने के मामले में चीन 39.5 प्रतिशत के साथ आगे है, उसके बाद दक्षिण कोरिया 29.9 प्रतिशत और वियतनाम 29.1 प्रतिशत है। भारत 20.2 फीसदी के साथ छठे और अमेरिका 17.7 फीसदी के साथ लिस्‍ट में सातवें स्‍थान पर आता है। प्रति यूजर औसत वार्षिक लेनदेन के मामले में अमेरिका 7,961 डॉलर, फिर चीन 2,300 डॉलर और भारत 80 डॉलर के साथ लिस्‍ट में जगह बनाए है।

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