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डिस्कशन मोड से एक्शन मोड में आना होगा: राज्यपाल

देहरादून : नैनी झील के संरक्षण में नैनीताल शहर के नागरिकों की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका है। नैनी झील के संरक्षण के लिए अब एक्शन मोड में आना होगा। नैनीताल में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सुनिश्चित करते हुए पानी के दुरूपयोग पर पूरी तरह से रोक लगानी होगी।

सोमवार को राजभवन में यूएनडीपी ‘नैनी झील के संरक्षण के लिए वैज्ञानिक व तकनीकी उपाय’ विषय पर आयोजित कार्यशाला में राज्यपाल डा. कृष्ण पॉल ने यह बात कही। उन्होंने वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों के सुझावों पर शीघ्र क्रियान्वयन करने की जरूरत बताई।

कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए राज्यपाल डा. पॉल ने कहा कि नैनीताल झील के संरक्षण के लिए समय-समय पर अनेक सेमीनार किए गए हैं, जिनमें विशेषज्ञों ने अपने सुझाव दिए हैं। विभिन्न संस्थाओं व समितियों द्वारा भी व्यापक अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की गई हैं। अब समय आ गया है कि नैनीताल झील को बचाने के लिए इन सुझावों का ठोस क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसके लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है। माननीय उच्च न्यायालय ने भी दिशा निर्देश दिए हैं। इसलिए स्थानीय प्रशासन को गम्भीरता के साथ इस पर काम करना होगा।

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