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देश के कई हिस्सों में भारी बारिश, गुजरात और राजस्थान में बाढ़ की स्थिति, सैकड़ों लोग फंसे

राजस्थान और गुजरात में बाढ़ आने पर कई जलमग्न इलाकों में सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं. वहीं, देश के अन्य हिस्सों में भी हुई भारी बारिश की वजह से सड़कों पर पानी जमा हो गया है, जिससे यातायात और जनजीवन प्रभावित हो गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने गृह राज्य गुजरात में बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित बनासकांठा और पाटन जिलों का मंगलवार को हवाई सर्वेक्षण किया. यहां थल सेना, वायु सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और स्थानीय टीमों ने बचाव और राहत अभियान तेज कर दिया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजर रपानी और राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों के साथ राज्य की स्थिति जानने के लिए बैठक की.

राज्य आपातकालीन अभियान सेंटर (एसइओसी) द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि पिछले 24 घंटों में बनासकांठा, पाटन और साबरकांठा के 12 तालुकाओं में 200 मिमी बारिश दर्ज की गई है.

सबसे ज्यादा प्रभावित बनासकांठा के दंतिवाडा में 463 मिमी, पालनपुर में 380 मिमी,  वदगाम में 357 मिमी, अमिरगढ़ में 337 मिमी और लखानी में 305 मिमी बारिश दर्ज की गई है.

राजस्थान के दो ओर जिले बाढ़ की चपेट में

राजस्थान में लगातार हो रही बारिश के कारण  दो और जिले राजसमंद और माउंट आबू भी  बाढ़ की चपेट में आने से  कई जगह  हालात बिगड़ गये है और बाढ़ के कारण अब तक प्रदेश में सात लोगों की मृत्यु हो गयी है.

प्रदेश के  गत चार दिनों से  पाली, सिरोही, जालौर, बाड़मेर, जोधपुर और उदयपुर में मेघ जमकर बरस रहे हैं. वहीं बांसवाड़ा में भी देर रात से ही लगातार बारिश हो रही है. यहां हालत इतने गंभीर है कि दो पुल के टूटने का खतरा बना हुआ है. इसके साथ प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ की चपेट में है.  जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित जिलों में सरकारी और निजी स्कूलों में आज तीसरे दिन भी अवकाश घोषित किया है.

बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे लोगों को बचाने के लिये सेना के हेलीकाप्टर भी लगाये गये है इसके अलावा एनडीआरएफ और पुलिस बल की टीमें भी जुटी हुयी है.

प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे बचाव कार्यों के तहत सिरोही में 85 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है तथा 800 से ज्यादा प्रभावित लोगों को राहत पहुंचायी गयी है. बाढ़ के कारण पाली में तीन तथा जालौर में चार लोगों की मृत्यु की जानकारी मिली है.

प्रदेश में बाढ़ के कारण रेल एवं सड़क यातायात भी बाधित हुआ है तथा कई गांवों से संपर्क भी कट गया है.  बाढ़ के कारण संचार सेवाएं भी बाधित हुयी है.

वहीं, ओडिशा में भी राज्य की बड़ी नदियों का पानी खतरे के निशान से उपर बहने की वजह से बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है. हवा का कम दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश की आशंका जताई गई है.

पश्चिम बंगाल में मौसम की स्थिति में आज सुधार देखने को मिला है. राज्य के ज्यादातर हिस्सों में कल रात से भारी बारिश नहीं हुई है. हालांकि बीरभूम, पुरलिया, पश्चिम मिदनापुर और हुगली के निचले इलाके वाले क्षेत्र अभी भी जलमग्न हैं. राजधानी कोलकाता में सड़कों पर अब भी पानी जमा है.

वहीं, असम में ज्यादातर नदियों के खतरे के निशान से नीचे बहने की वजह से बाढ़ की स्थति में सुधार हुआ है लेकिन होजाई में एक व्यक्ति के डूबने से राज्य में बाढ़ में मरने वालो की संख्या बढ़कर 77 हो गई है.

झारखंड के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश की वजह से जनजीवन प्रभावित हो गया है. यहां दामोदर, कोनार और सिवनी नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है.

मौसम विभाग की खबर के मुताबिक बिहार के उत्तरी हिस्सों में हल्की बारिश हुई है. वहीं, दक्षिण-पश्चिम के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हुई है.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी बारिश की वजह से पारा गिर गया है. यहां का अधिकतम तापमान 32.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि इस मौसम के सामान्य तापमान से दो डिग्री कम है.

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में 55 मिमी बारिश दर्ज की गई.  वहीं, राज्य के कई हिस्सों में मध्यम बारिश दर्ज की गई

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