अपराध

दो नाबालिग बहनों को बनाया हवस का शिकार, 17 साल की कैद

देहरादून : सगी नाबालिग बहनों से दुष्कर्म के आरोपी को विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडे की अदालत ने दोषी करार देते हुए दोनों मामलों में 17 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर अलग-अलग कुल 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने की रकम से 50 हजार रुपये दोनों पीड़ित बहनों को प्रतिकर के रूप में प्रदान किए जाएंगे। जुर्माना अदा न करने पर दोषी को छह-छह माह की अतिरिक्त कैद भी भुगतनी होगी।

मामला थाना राजपुर में प्रकाश में आया था। अभियोजन पक्ष के सरकारी वकील भरत सिंह नेगी ने अदालत को बताया कि चार नवंबर 2014 को थाना क्षेत्र के एक शख्स ने थाना राजपुर पुलिस से शिकायत की। जिसमें बताया गया कि उसके भाई के मकान पर किराये में रहने वाले सूरज श्रेष्ठ ने उसकी दोनों नाबालिग बेटियों के साथ दुष्कर्म किया है। आरोपी सूरज श्रेष्ठ उसके साथ ही एक हॉस्टल में कुक का काम करता है।

शिकायतकर्ता के अनुसार आरोपी ने 24 अक्टूबर 2014 में उसकी बड़ी बेटी (14) के साथ घर में घुसकर दुष्कर्म किया। इसके बाद एक नवंबर को उसकी 11 वर्षीय छोटी बेटी को बहला-फुसला कर स्कूटर में बैठाकर जमनीवाला के जंगल में ले गया और उसके साथ भी दुष्कर्म किया। दुष्कर्म के इस मामले में बड़ी बेटी को तीन दिन तक अस्पताल में भी भर्ती रहना पड़ा था। आरोपी ने दोनों को जान से मारने की भी धमकी देकर मुंह बंद रखने को कहा था। मूल रूप से धौलागिरी नेपाल के रहने वाले आरोपी सूरज श्रेष्ठ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। जांच के लिए पुलिस ने युवतियों के कपड़े आदि कब्जे में लिए। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल नौ गवाह अदालत में पेश किए गए। इसके अलावा दोनों पीड़ितों के मजिस्ट्रेटी बयान आरोपी के खिलाफ महत्वपूर्ण साबित हुए। साक्ष्यों के आधार पर मंगलवार को अदालत ने बड़ी बहन के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी को दोषी पाते हुए सूरज श्रेष्ठ को सात वर्ष के कठोर कारावास व 30 हजार रुपये के जुर्माने, जबकि छोटी बहन के साथ दुष्कर्म मामले में उसे दस साल के कठोर कारावास व 30 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। जान से मारने की धमकी देने के मामले में दो-दो हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी भरना पड़ेगा।

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