उत्तर प्रदेश

‘निर्मल गंगा-अविरल गंगा बनाने हेतु प्लास्टिक मुक्त नदियां‘ विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए: योगी आदित्यनाथ

लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि नदियां हमारी सभ्यता एवं संस्कृति की वाहक हैं। नदियांे के प्रदूषण का सीधा प्रभाव हमारी सभ्यता एवं संस्कृति पर पड़ेगा क्यांेकि प्राचीन समय से मानव सभ्यताएं नदियों के किनारे विकसित होती रही हैं। उन्होंने कहा कि गंगा जी में किसी भी प्रकार का औद्योगिक अथवा नगरीय कचरा नहीं गिरना चाहिए। गंगा जी को प्रदूषण से बचाने के लिए 15 दिसम्बर, 2018 तक सभी नालों की टैपिंग का कार्य प्रत्येक स्थिति में कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। टेनरियों का प्रदूषित जल गंगा में न जाये इसके लिए सीईटीपी का कार्य शीघ्रता से पूर्ण कराया जाए।

मुख्यमंत्री जी विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आज जनपद कानपुर में ‘निर्मल गंगा-अविरल गंगा बनाने हेतु प्लास्टिक मुक्त नदियां‘ विषय पर छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय प्रेक्षागृह में आयोजित एक संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री जी ने वृक्षारोपण तथा नगर निगम के स्वच्छता ए0टी0एम0 का शुभारम्भ कर किया। इस मौके पर उन्होंने ‘गंगा हरीतिमा अभियान‘ से जुडे़ महानुभावों, चित्रकला एवं निबंध प्रतियोगिता के विजेता छात्रों, आदर्श शिक्षकों तथा मेधावी छात्रों को सम्मानित भी किया गया। मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर काफी टेबल बुक ‘कानपुर: सुनहरा अतीत उन्नत भविष्य‘ का विमोचन भी किया।

कानपुर नगर निगम को प्रदेश का प्रथम ओ0डी0एफ0 नगर निगम घोषित किए जाने के लिए नगरवासियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि बीमारियों के बढ़ने का मुख्य कारण नदियों का जल प्रदूषण है। गंगा जी को स्वच्छ, निर्मल व अविरल बनाने के लिए ‘गंगा हरीतिमा अभियान‘ के अंतर्गत गंगा के दोनों तटों पर सघन वृक्षारोपण के लिए सम्बन्धित विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है, इस कार्य की सफलता हेतु जनसहभागिता आवश्यक है। प्लास्टिक, पर्यावरण के लिए एक समस्या व संकट बनता जा रहा है। हम सबको मिल कर इस गम्भीर समस्या से निपटना होगा।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण के साथ-साथ कई अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं। पर्यावरण के प्रति जागरूकता एवं प्रकृति की ओर जनसाधारण को आकर्षित करने के लिए इको टूरिज्म़ को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी जीव जन्तुओं के लिए पर्यावरण का संतुलित होना आवश्यक है। असंतुलित पर्यावरण प्राकृतिक आपदाओं का कारण बन जाता है। पर्यावरण की सुरक्षा एवं सरंक्षण के लिए प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम एक वृक्ष लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में गेहूं, धान आदि फसलों का उत्पादन बढ़ा है तथा इस वर्ष 46 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है।

संगोष्ठी को नगर विकास मंत्री श्री सुरेश खन्ना तथा वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री दारा सिंह चैहान ने भी सम्बोधित किया।

     इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री उपेंद्र तिवारी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने जनपद कानपुर के नगरी क्षेत्र के लिए 30 करोड़ की लागत से तैयार एकीकृत यातायात प्रबंधन प्रणाली (आई0टी0एम0एस0) का लोकार्पण कर गहनता से निरीक्षण किया। इसके अंतर्गत सिटी के 68 चैराहों पर सेंसर युक्त सिग्नल प्रणाली लगाई गई है जिसमें से 8 मॉडल चैराहों पर सर्विलांस कैमरे, पब्लिक एड्रेस सिस्टम एवं एवं दो सुपरमॉडल चैराहों पर सर्विलांस कैमरे ,पब्लिक एड्रेस सिस्टम एवं सिस्टम एवं 2 सुपर मॉडल चैराहे पर सर्विलांस कैमरे, पब्लिक एड्रेस सिस्टम के साथ साथ रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन (आर 0एल0वी0डी0) कैमरे लगाये गये है, जिनसे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालांे का ऑटोमैटिक चालान कटता है जो वाहन मालिक के घर प्रेषित होगा। चैराहों पर लगे पब्लिक एड्रेस सिस्टम से आपातकाल अथवा अन्य किसी दैवीय आपदा के समय सन्देश अथवा सूचना प्रसारित करने की भी सुविधा उपलब्ध है ।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एकीकृत यातायात प्रबंधन प्रणाली आई0टी0एम0एस0 के माध्यम से यातायात का कुशल संचालन होगा, साथ ही जाम एवं बेतरतीब यातायात की असुविधा से नागरिकों को राहत मिलेगी। सड़क दुर्घटनाओं में कमी आयेगी। यातायात नियमों के अनुपालन से गतंव्य तक समय से पहुँचने के साथ साथ धन  एवं ईधन की बचत होगी। साथ ही, ध्वनि एवं वायु प्रदूषण में भी कमी आयेगी, जिससे पर्यावरण पर प्रत्यक्ष रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पर्यावरण संरक्षण के लिए दृढ़ संकल्पित कानपुर विकास प्राधिकरण का यह सराहनीय प्रयास अन्य अभिकरणों के लिए भी सार्थक मिसाल कायम करेगा।

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