परिवहन घोटाले में साढ़े तीन माह बाद जांच अधिकारी नियुक्त
देहरादून: परिवहन विभाग में हुए घोटालों की जांच के लिए आखिरकार शासन ने साढ़े तीन माह के इंतजार के बाद जांच अधिकारी की नियुक्ति कर ही दी। विभाग में हुए टैक्स व बिल घोटाले की जांच अब अपर सचिव परिवहन हरिश चंद्र सेमवाल को सौंपी गई है।
परिवहन विभाग में बीते वर्ष आर्थिक अनियमितताओं से जुड़े दो बड़े घोटाले सामने आए थे। एक मामला देहरादून का था। यहां तैनात सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) संदीप सैनी पर आरोप था कि उन्होंने एआरटीओ देहरादून के पद पर रहते हुए अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर टैक्स माफी की और विभाग को लाखों के राजस्व का नुकसान पहुंचाया। दूसरा मामला परिवहन कर अधिकारी आनंद जायसवाल का था। उन पर आरोप थे कि उन्होंने वाहन चालकों से चालान की पूरी राशि वसूलने के बाद टैक्स रसीद में हेराफेरी की और कम पैसे कोष में जमा किए।
ऐसा कर उन्होंने भी विभाग को लाखों का नुकसान पहुंचाया। इस मामले में पहले विभागीय जांच कराई गई थी। विभागीय जांच में दोनों अधिकारियों पर लगे आरोप सही पाए गए। इसके बाद इनका निलंबन किया गया। इसमें और अधिक विभागीय कर्मियों की संलिप्तता की आशंका जताई गई।
भाजपा सरकार बनने के बाद इसमें पहले यह जांच आइएएस अधिकारी ज्योति नीरज खैरवाल को सौंपी गई। इसी बीच अप्रैल में उनका तबादला हो गया। तब से इस मामले में कोई जांच अधिकारी नामित नहीं हो पाया था। अब इस मामले में शासन ने अपर परिवहन सचिव हरिशचंद्र सेमवाल को जांच सौंपी है।