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परिसरों, भवनों और फ्लैटों के लिए जीएसटी की प्रभावी दरें

नई दिल्ली: निर्मित परिसरों, भवनों और तैयार फ्लैटों के खरीददारों को यह सूचित किया जाता है कि ऐसी स्‍थिति में जहां इनकी खरीद सक्षम अधिकारी द्वारा निर्माण पूरा होने का प्रमाण-पत्र जारी करने के बाद की गई हो वहां ऐसी संपत्‍तियों पर वस्‍तु एवं सेवा कर प्रभावी नहीं होगा । जीएसटी केवल उन निर्माणाधीन संपत्‍तियों या  तैयार फ्लैटों पर लगाया जाएगा जिनकी बिक्री के समय तक सक्षम अधिकारी द्वारा उनका निर्माण पूरा होने का प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया गया है।

जीएसटी लागू होने से पूर्व और जीएसटी लागू होने बाद बिल्‍डरों द्वारा चुकाई जाने वाली प्रभावी दरों की तालिका:-

समय आउटपुट टैक्‍स रेट इनपुट टैक्‍स क्रेडिट का ब्‍यौरा कर की प्रभावी दरें
जीएसटी से पूर्व सेवा कर : 4.5%

वैट: 1% से 5%

(कम्‍पोजिशन स्‍कीम)

निर्माण में इस्‍तेमाल होने वाले ज्‍यादा तर  सामान पर  केंद्रीय उत्‍पाद शुल्‍क  : 12.5%

वैट : 12.5 से 14.5%

प्रवेश स्‍तर पर कर : हां

आउट पुट कर चुकाने के लिए बिल्‍डरों को वैट केन्‍द्रीय उत्‍पाद शुल्‍क के मामले में कोई इनपुट टैक्‍स क्रेडिट नहीं मिलेगा। इसिलए इसे संपित्‍त के मूल्‍य में समाहित कर दिया गया है। ऐसा माना गया है कि संपत्‍ति की कुल कीमत में उसमें लगे सामान की हिस्‍सेदारी करीब 45 प्रतिशत होती है। जीएसटी पूर्व प्रभावी दरें 15 से 18%
जीएटी किफायती आवास वर्ग: 8%,

 

अन्‍य वर्ग : जमीन की कीमत में एक तिहाई बढ़ोतरी होने के बाद 12%

फ्लैटों के निर्माण में इस्‍तेमाल होने वाली प्रमुख सामग्रियां, पूंजीगत वस्‍तुओं  और इनपुट सेवाओं पर  18% या उससे अधिक का जीएसटी देय। उपलब्‍ध आईटीसी और औसत आईटीसी के मामलों के करीब 8 से10%. रियायती वर्ग और अन्य वर्गों के लिए  जीएसटी लागू होने के पूर्व की तुलना में प्रभावी जीएसटी में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।

जवाहर लाल नेहरू राष्‍ट्रीय शहरी आवास मिशन, राजीव आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना या ऐसी ही अन्‍य सरकारी रियायती योजनाओं पर 8%. का जीएसटी लगाए जाने का प्रावधान है। हालांकि ऐसी परियोजनाओं के बिल्‍डरों को ज्‍यादातर मामलों में जीएसटी का भुगतान नहीं करना होगा क्‍योंकि उनके बुक ऑफ एकाउंट में आउटपुट जीएसटी चुकाने के लिए पर्याप्त मात्रा में इनपुट टैक्‍स क्रेडिट मौजूद रहेगा। रियायती आवासीय योजनाओं के अलावा ऐसी अन्‍य योजनाओं पर भी कर अदाएगी जीएसटी लागू होने के बाद ज्‍यादा बढ़ने की संभावना नहीं है।

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