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पाकिस्तान:पूर्व PM नवाज शरीफ के बेटी-बेटों के खिलाफ गैर जमानती वारंट

पनामा पेपर मामले में भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने सोमवार को पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम, बेटों-हुसैन और हसन तथा दामाद मोहम्मद सफदर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए। कोर्ट ने उन्हें अगली सुनवाई पर तलब किया। हालांकि शरीफ की ओर से पेश वकील ख्वाजा हैरिस ने दलील दी कि चूंकि उनके मुवक्किल के बच्चे अपनी बीमार मां की देखरेख के लिए लंदन में हैं, इसलिए गैर जमानती वारंट जारी नहीं किए जाने चाहिए, लेकिन अदालत ने उनका यह तर्क नहीं माना। वहीं शरीफ को उस समय थोड़ी राहत मिल गई जब अदालत ने उनके खिलाफ आरोप तय किए जाने की प्रक्रिया नौ अक्तूबर तक के लिए स्थगित कर दी।

शरीफ (67) सोमवार को अपने और अपने परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के तीन मामलों में अदालती सुनवाई के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच जवाबदेही अदालत में पेश हुए। सुनवाई के दौरान उनके वकील ख्वाजा हैरिस ने दलील दी कि आरोप तय किए जाने की प्रक्रिया से पहले मामले के सभी आरोपियों को अदालत के समक्ष पेश होना होगा। एक घंटे से अधिक समय तक चली सुनवाई के बाद शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता मोहसिन शाहनवाज रांझा ने बताया कि आरोप तय किए जाने पर अब 9 अक्तूबर को सुनवाई होगी। मरियम और उनके पति मोहम्मद सफदर लंदन से देश वापस आने को तैयार हैं और अगली सुनवाई पर अदालत में पेश होंगे।

उन्होंने बताया कि बचाव पक्ष ने अदालत में पेशी से शरीफ को छूट दिए जाने के मुद्दे पर जोर नहीं दिया। शरीफ इस मामले में इससे पहले 26 सितंबर को जवाबदेही अदालत में पेश हुए थे।पिछली सुनवाई में शरीफ के वकील ने अदालत से कहा था कि शरीफ को लंदन में अपनी पत्नी की देखरेख करने की जरूरत है, इसलिए उन्हें अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट दी जानी चाहिए।

ट्रांजिटरी जमानत जरूरी
वकील शाहाब सार्की ने कहा कि शरीफ के बच्चों को अब ट्रांजिटरी जमानत की आवश्यकता है ताकि वे लंदन से पाकिस्तान पहुंचने पर गिरफ्तारी से बच सकें।

कोर्ट में सुरक्षा के भारी इंतजाम 
केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर में सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए थे। वहां उस समय अफरातफरी पैदा हो गई जब शरीफ के समर्थकों और गृहमंत्री अहसन इकबाल सहित कई वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों को अदालत परिसर में घुसने की अनुमति नहीं दी गई।

ये था मामला
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर मामले में 28 जुलाई को नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। कोर्ट ने शरीफ, उनके परिवार और वित्त मंत्री इसहाक डार के खिलाफ भ्रष्टाचार और धनशोधन के आरोपों में मामला दर्ज करने का आदेश राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को दिया था।

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