उत्तर प्रदेश

पुस्तकें विचारों को स्थायित्व और गहराई प्रदान करती हैं: प्रो. रीता बहुगुणा जोशी

लखनऊ: प्रदेश की महिला एवं परिवार कल्याण, मातृ-शिशु कल्याण, पर्यटन मंत्री  प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने आज कहा कि एक लेखक में यह क्षमता होती है कि वह अपने विचारों से समाज में परिवर्तन ला दे। पुस्तकें समाज का दर्पण ही नही होती, समाज को प्रभावित भी करती हैं। उन्हांेने कहा कोई विषय जब पुस्तकों में दर्ज हो जाता है तो वह पीढ़ी दर पीढ़ी पढ़ा जाता है, इस मायने में छपा हुआ साहित्य इलेक्ट्रानिक चैनलों में प्रसारित विषयों की तुलना में स्थायी होता है।

प्रो. रीता बहुगुणा जोशी आज गोमतीनगर लखनऊ स्थित एक होटल में उच्च न्यायालय लखनऊ बेंच के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री निरंकार नाथ जायसवाल द्वारा रचित पुस्तक ‘‘योर थाट्स रियली वक्र्स’’ के पुस्तक विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी समय के अभाव में तेजी से इलेक्ट्राॅनिक कम्यूनिकेशन की ओर रूख कर रही है, लेकिन आज भी विचारों की गहराई हमें प्रिंट साहित्य, अखबार, पुस्तकों से ही प्राप्त होती है। अधिवक्ता श्री जायसवाल की पुस्तक पर विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इतिहास और अध्यात्म के बिन्दुओं पर समीक्षात्मक विचारों के साथ प्रस्तुत विषयों पर प्रश्नचिन्ह् नहीं रह जाता है, इसलिए इसमें प्रस्तुत सभी विषय बेहद सटीक हंै। उन्होंने श्री जायसवाल को उनके विशाल अनुभवों पर आगे भी लिखने को प्रोत्साहित किया।

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