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प्रधानमंत्री 24 दिसंबर, 2018 को पाइका विद्रोह की याद में स्‍मारक सिक्‍का और डाक टिकट जारी करेंगे और ललितगिरी पुरातत्‍व संग्रहालय का उद्घाटन करेंगे

नई दिल्ली:  संस्‍कृति राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा तथा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धमेन्‍द्र प्रधान ने आज एक संयुक्‍त संवाददाता सम्‍मेलन आयोजित कर प्रधानमंत्री श्रीनरेन्‍द्र मोदी की 24 दिसंबर,2018 की भुवनेश्‍वर यात्रा और पाइका विद्रोह की याद में मनाए जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी।

संवाददाता सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री 24, दिसंबर को आईआईटी भुवनेश्‍वर के परिसर में आयोजित कार्यक्रम में पाइका विद्रोह की याद में स्‍मारक सिक्‍का और डाक टिकट जारी करेंगे। उन्‍होंने बताया कि भारत सरकार ने उत्‍कल विश्‍वविद्यालय, भुवनेश्‍वर में इस कार्यक्रम की याद में 5 करोड़ रुपये की लागत से एक पीठ स्‍थापित करने का फैसला किया है। उन्‍होंने बताया कि यह धनराशि विश्‍वविद्यालय को संचित निधि के रूप में जारी की जाएगी। पीठ का खर्च संचित निधि पर अर्जित होने वाले ब्‍याज की रकम से वहन किया जाएगा।

संस्‍कृति मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री पुरातत्‍व संग्रहालय, ललितगिरी का भी उद्घाटन करेंगे, जो निश्चित रूप से क्षेत्र के पर्यटन के फलक में एक नया आयाम जोड़ेगी और रोजगार के अवसरों की संभावनाओं में अपार वृद्धि करेगी।

पाइका विद्रोह को राष्‍ट्रीय स्‍तर पर पहचान दिलाने के लिए संस्‍कृति मंत्रालय का आभार प्रकट करते हुए श्री धमेन्‍द्र प्रधान ने कहा कि सन 1857 के प्रथम स्‍वाधीनता संग्राम से 40 साल पहले 1817 में बक्सि जगबन्धु ने खोर्धा में दमनकारी ब्रिटिश राज के खिलाफ बहादुर पाइका योद्धाओं को जागृत किया था और जंग में उनका नेतृत्‍व किया था। उन्‍होंने कहा कि दुनियाभर में रह रहे ओडिशा के वासियों के लिए यह गर्व का क्षण है जब मौजूदा सरकार ने पाइका को गौरवपूर्ण स्‍थान देने का फैसला किया है। उन्‍होंने कहा कि इस विद्रोह के दो सौ साल पूरे होने के अवसर को उचित ढंग से मनाने के निर्णय की घोषणा 2017-18 के बजट भाषण में की गई थी।

भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण विभाग की महानिदेशक श्रीमती उषा शर्मा ने उद्घाटित होने जा रहे संग्रहालय के बारे में मीडिया को जानकारी दी।

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