देश-विदेश

बेटियों के सम्मान के साथ उनकी सुरक्षा भी जरूरी: स्वामी चिदानंद

अमेरिका के विभिन्न प्रांतों में रहने वाले अप्रवासी भारतीय परिवार के सदस्यों ने अमेरिका में परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज से मुलाकात की। इस अवसर पर स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि विश्व भर में जहां भी भारतीय निवास करते हैं वहीं भारतीय संस्कृति अपनी पहचान बना लेती है।

परमार्थ प्रवक्ता के अनुसार इन दिनों आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज अमेरिका प्रवास पर हैं। मंगलवार को अमेरिका में रहने वाले भारतीय परिवारों ने स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज से मिलकर विभिन्न विषयों पर चर्चा की। एकता और सम्मान का संदेश देते हुए स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि बेटियों और बेटों दोनों को ही समान सम्मान मिलना जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमारी बेटियां सफलता के परचम लहरा रही हैं, वहीं दूसरी ओर वे आज भी पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं है। हमें बेटियों के उत्थान और विकास के साथ उनकी सुरक्षा के लिए भी सामूहिक प्रयास किए जाने चाहिए। इसके लिए हमें हर स्तर पर प्रयासरत रहना होगा। स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कन्याओं को भारतीय संस्कारों के महत्व को समझाते हुये तुलसी का पौधा और मोगरे की माला भेंट कर साधुवाद भी दिया। उन्होंने कहा कि नारी समाज की शक्ति है और शक्ति ही सृष्टि है। बुद्ध जैसे मनीषी, शंकराचार्य जैसी विभूतियों एवं आइस्टांइन जैसे वैज्ञानिकों ने भी शक्ति के गर्भ से जन्म लिया है। अत: शक्ति और सृष्टि को सुरक्षित, संरक्षित रखने की दिशा में कार्य करना नितांत आवश्यक है।

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