अपराध

बैंक खातों से लाखों की रकम हड़पने वाले ठगों की डायरी में दर्ज हैं बड़े राज़

देहरादून : दून के 97 बैंक खातों से लाखों की रकम हड़पने वाले साइबर ठगों की डायरी में कई ऐसे राज दर्ज हैं, जिसने अंतरराज्यीय गिरोह के नेटवर्क की पूरी कलई खोल कर रख दी है। हालांकि पुलिस डायरी में मिली जानकारियों के खुलासे से इंकार कर रही है। लेकिन, सूत्रों की मानें तो डायरी में उन्हें सरपरस्ती देने वाले कई रसूखदारों के नामों के साथ उनकी ई-मेल आइडी और उनके बैंक अकाउंट नंबर भी दर्ज हैं। इसके इलावा सैकड़ों एटीएम कार्ड नंबर और उनके पासवर्ड भी डायरी में लिखे जाने की बात कही जा रही है।

दरअसल, बीती 21 अगस्त को महाराष्ट्र के कोल्हापुर से गिरफ्तार तीन शातिर साइबर ठग देहरादून ही नहीं राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली समेत कई राज्यों में सैकड़ों बैंक उपभोक्ताओं को लाखों की चपत लगा चुके हैं। इसका खुलासा वारदात की शुरुआती जांच में ही हो गया था। पुलिस तभी से आरोपियों को रिमांड पर लेकर उनके घरों की तलाशी लेने की कोशिश में लगी थी। इसके तहत बीती शनिवार को नेहरू कॉलोनी पुलिस को जब ठगों की चार दिन की रिमांड मिली तो पुलिस बिना समय गंवाए हरियाणा स्थित उनके ठिकानों की तलाशी लेने पहुंच गई।

रिमांड के दौरान पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने आरोपी रामबीर के अर्बन स्टेट जिला रोहतक, सुनील के ग्राम खराबड़ जिला झज्जर और जगमोहन के ग्राम बरहाना जिला झज्जर स्थित ठिकानों से 32 एटीएम कार्ड, दो स्कीमर, एटीएम खोलने के उपकरण व एक कार बरामद किए। इस दौरान जो सबसे महत्वपूर्ण चीज पुलिस के हाथ लगी वह थी आरोपियों की डायरी। हालांकि पुलिस डायरी में सामान्य जानकारी दर्ज होने की बात कर रही है। लेकिन, सूत्रों की माने तो डायरी में उन लोगों के भी नाम दर्ज हैं, जिन्होंने किसी न किसी रूप में ठगों की मदद की है। उनकी भूमिका के साथ उनके नाम और ईमेल आइडी तक डायरी में दर्ज हैं। साथ ही एटीएम कार्ड के नंबर और उनके पासवर्ड भी डायरी में लिखे हुए हैं, जिन्हें पुलिस ने जांच के दायरे में ले लिया है।

कार्ड नंबर से पता चलेगा कहां की है वारदात

डायरी में मिले एटीएम कार्ड के नंबरों की पुलिस बैंकों से पड़ताल करा रही है। जिससे यह पता चल जाएगा कि संबंधित बैंक अकाउंट किस राज्य व  किस जिले के हैं। इससे यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि ठगों ने उस जिले के एटीएम में स्कीमर फिट किए थे। यदि इसका खुलासा करने में पुलिस कामयाब रही तो आने वाले दिनों में साइबर गैंग के कई और कारनामे सामने आ सकते हैं।

कैंट पुलिस ने ली न्यायिक अभिरक्षा 

सोमवार को चार दिन के रिमांड की अवधि खत्म होने के बाद नेहरू कॉलोनी पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर दिया। यहां कैंट इंस्पेक्टर एसएस बिष्ट ने अदालत में अर्जी देकर रिमांड की मांग की। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 14 दिन की जूडिशियल कस्टडी कैंट पुलिस को दे दी। कैंट पुलिस ने बताया कि वह ठगों के सात केस की विवेचना कर रही है।

साइबर क्राइम पुलिस ने वापस कराए 13.54 लाख रुपये 

साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में इस साल ऑनलाइन ठगी के 68 मामले दर्ज हुए। जिनमें से 42 का निस्तारण करते हुए 3.50 लाख रुपये पीड़ितों को वापस करा दिए गए। इसके अलावा धोखाधड़ी के 26 मामले सामने आए, जिसमें 20 मामलों में 10 लाख रुपये वापस कराए गए। वहीं सोशल मीडिया के जरिये हुई ठगी के 57 मामलों में से 40 को जांच के लिए संबंधित थानों को भेज दिया गया है। एसएसपी एसटीएफ रिदिम अग्रवाल ने बताया कि जनवरी से अब तक कुल 207 प्रार्थना पत्र आए, जिसमें से 147 का निस्तारण करते हुए कुल 13.54 लाख रुपये पीड़ितों को वापस कराए गए।

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