अपराध

भाजपा नेताओं ने किया जमीन घोटाला, सांसद संजय सिंह का दावा

आप सांसद संजय सिंह ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि अयोध्या विकास प्राधिकरण ने अपने क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग एवं कॉलोनियों के निर्माण करने वालों की जारी की 40 लोगों की सूची में पहला नाम भाजपा के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय का है।

आम आदमी पार्टी के नेता व सांसद संजय सिंह ने दावा किया है कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बनाने के दौरान भाजपा नेताओं की ओर से जमीन घोटाला करने का मामला साबित हो गया है। इसको अयोध्या विकास प्राधिकरण ने भी मान लिया है। प्राधिकरण ने अपने क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग एवं कॉलोनियों के निर्माण करने वाले 40 लोगों की सूची जारी की है। इसमें भाजपा नेताओं के नाम भी शामिल हैं।

संजय सिंह ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि अयोध्या विकास प्राधिकरण ने अपने क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग एवं कॉलोनियों के निर्माण करने वालों की जारी की 40 लोगों की सूची में पहला नाम भाजपा के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय का है। इसके अलावा अयोध्या के नगर के विधायक वेदप्रकाश गुप्ता और भाजपा के पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा, सुल्तान अंसारी, नन्हे मियां, बन्ने खान के नाम भी शामिल हैं। उनका आरोप है कि भाजपा की आस्था श्रीराम भगवान में नहीं, भ्रष्टाचार, लूट और जमीन के घोटाले में है। इस सूची से यह सारे आरोप सही साबित होते हैं।

उन्होंने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल किया। उन्होंने कहा कि जब यह घोटाला हो रहा था तो शासन कहां था, जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर महीने तीन से चार बार प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या जाते रहे हैं। उनका आरोप है कि भाजपा नेताओं पर उन्होंने रोक नहीं लगाई। अब इस खुलासे के बाद यह सारे लोग जेल में होने चाहिए। इसके अलावा प्रभु राम की नगरी में ग्रीन बेल्ट के अंदर बनाई अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर चलना चाहिए और सारी जमीन खाली कराई जानी चाहिए। उन्होंने योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया कि 24 जुलाई 2021 को कोतवाली नगर थाने में दिए गए आवेदन पर कार्रवाई करवाएं।

उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण में भाजपा नेताओं पर हजारों करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा करने पर योगी सरकार ने उन पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा किया। इतना ही नहीं, उनके खिलाफ एक दिन में योगी सरकार ने 9-9 एफआईआर दर्ज की। उन पर 23 एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन वह आरोपी लोगों पर कार्रवाई की मांग करता रहा और उन्होंने आरोपियों के नामों का भी खुलासा किया था। इसके अलावा नगर कोतवाल को एफआईआर दर्ज करने के लिए कई आरोपियों के नाम दिए थे।

Related Articles

Back to top button