भारत के मूल में विद्यमान है सेवा और समर्पण की संस्कृति
ऋषिकेश : इजरायल और अमेरिका के विभिन्न शहरों से तीर्थनगरी ऋषिकेश आए एक दल ने परमार्थ निकेतन पहुंचकर स्वच्छता ही सेवा अभियान में प्रतिभाग किया। दल ने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज के सानिध्य में गंगातट पर स्वच्छता का संकल्प लिया।
परमार्थ निकेतन के तत्वावधान में चले ‘स्वच्छता ही सेवा महाभियान’ में इजरायल और अमेरिका सहित विभिन्न देशों से आए एक दल ने प्रतिभाग किया। इस दल ने आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज के साथ भेंटवार्ता भी की। इस दौरान स्वामी चिदानंद महाराज ने दल को वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी कराकर स्वच्छता का संकल्प भी दिलाया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जीवन का असली आनंद स्वच्छ और स्वस्थ रहने में ही है। स्वस्थ जीवन के लिए प्रकृति की शरण श्रेष्ठ मार्ग है। संकल्प में अद्भुत शक्ति होती है और इसी संकल्प शक्ति से भारत में परिवर्तन दिखाई भी दे रहा है। हमें प्राकृतिक जीवन और प्राकृतिक चिंतन अपनाना होगा।
दल प्रमुख रॉबर्ट ने कहा कि गुरु और पर्यावरण के प्रति समर्पित होकर हजारों की संख्या में लोगों का सेवा कार्य के लिए एकत्रित होना हमारे लिए अविस्मरणीय क्षण था। उन्होंने कहा कि सेवा और समर्पण की संस्कृति आज भी भारत के मूल में विद्यमान है।