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भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द के संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधन

नई दिल्ली: 1. महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के वर्ष में, 17वीं लोकसभा का चुनाव होने के बाद, संसद के पहले संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है। इस लोकसभा के लिए निर्वाचित सभी सांसदों को मैं हार्दिक बधाई देता हूं।

2.       देश के 61 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मतदान कर, एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है और दुनिया में भारत के लोकतंत्र की साख बढ़ाई है। भीषण गर्मी में भी लोगों ने लंबी कतारों में खड़े रहकर अपना वोट दिया है। इस बार, महिलाओं ने पहले की तुलना में अधिक मतदान किया है और उनकी भागीदारी पुरुषों के लगभग बराबर रही है। करोड़ों युवाओं ने पहली बार मतदान करके भारत के भविष्य निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस चुनाव की सफलता के लिए सभी मतदाता बधाई के पात्र हैं।

3.       मैं लोकसभा के नए अध्यक्ष को भी उनके इस नए दायित्व के लिए शुभकामनाएं देता हूं।

4.       विश्व के सबसे बड़े चुनाव को सम्पन्न कराने के लिए चुनाव आयोग की पूरी टीम को मैं बधाई देता हूं। चुनाव-प्रक्रिया की सफलता में, प्रशासन-तंत्र के अनेक विभागों और विभिन्न संस्थानों के कर्मचारियों, तथा सुरक्षा-बलों का योगदान अत्यंत सराहनीय है।

5.       इस लोकसभा में लगभग आधे सांसद पहली बार निर्वाचित हुए हैं। लोकसभा के इतिहास में सबसे बड़ी संख्या में, 78 महिला सांसदों का चुना जाना नए भारत की तस्वीर प्रस्तुत करता है।

6.       यह प्रसन्नता का विषय है कि भारत की विविधताओं का प्रतिबिंब इस संयुक्त सत्र में दिख रहा है। हर आयु के, गांव और शहर के, हर प्रोफेशन के लोग, दोनों सदनों के सदस्य हैं। अनेक सदस्य समाजसेवा से हैं, बहुत से सदस्य कृषि के क्षेत्र से हैं, व्यापार और अर्थजगत से हैं, तो अन्य बहुत से सदस्य शिक्षा के क्षेत्र से हैं, लोगों का जीवन बचाने वाले मेडिकल प्रोफेशन से हैं, लोगों को न्याय दिलाने वाले लीगल प्रोफेशन से हैं। फिल्म, कला, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाने वाले सांसदगण भी यहां उपस्थित हैं। मुझे विश्वास है कि आप सभी के विशेष अनुभवों से, संसद में होने वाले विचार-विमर्श और समृद्ध होंगे।

7.       इस चुनाव में देश की जनता ने बहुत ही स्पष्ट जनादेश दिया है। सरकार के पहले कार्यकाल के मूल्यांकन के बाद, देशवासियों ने दूसरी बार और भी मजबूत समर्थन दिया है। ऐसा करके देशवासियों ने वर्ष 2014 से चल रही विकास यात्रा को अबाधित, और तेज गति से आगे बढ़ाने का जनादेश दिया है।

8.       वर्ष 2014 से पहले देश में जो वातावरण था, उससे सभी देशवासी भली-भांति परिचित हैं। निराशा और अस्थिरता के माहौल से देश को बाहर निकालने के लिए, देशवासियों ने तीन दशकों के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार चुनी थी। उस जनादेश को सर्वोच्च मान देते हुए मेरी सरकार ने ‘सबका साथ – सबका विकास के मंत्र पर चलते हुए, बिना भेदभाव के काम करते हुए, एक नए भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना शुरू किया।

9.       मैंने, इसी वर्ष 31 जनवरी को इसी सेंट्रल हॉल में कहा था कि मेरी सरकार पहले दिन से ही सभी देशवासियों का जीवन सुधारने, कुशासन से पैदा हुई उनकी मुसीबतें दूर करने और समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक सभी जरुरी सुविधाएं पहुंचाने के लक्ष्य के प्रति समर्पित है।

10.     बीते पांच वर्षों के दौरान देशवासियों में यह विश्वास जगा है कि सरकार हमेशा उनके साथ है, उनका जीवन बेहतर बनाने और Ease of Living बढ़ाने के लिए काम कर रही है। देशवासियों के विश्वास की इस पूंजी के आधार पर ही एक बार फिर जनादेश मांगा गया।

11.     देश के लोगों ने, जीवन की मूलभूत सुविधाओं के लिए लंबे समय तक इंतजार किया। लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं। मेरी सरकार जन-साधारण को इतना सजग, समर्थ, सुविधा-युक्त और बंधन-मुक्त बनाना चाहती है कि अपने सामान्य जीवन में उसे सरकार का दबाव, प्रभाव या अभाव न महसूस हो। देश के प्रत्येक व्यक्ति को सशक्त करना मेरी सरकार का मुख्य ध्येय है।

12.     मेरी सरकार राष्ट्र-निर्माण की उस सोच के प्रति संकल्पित है, जिसकी नींव वर्ष 2014 में रखी गई थी। देशवासियों की मूलभूत आवश्यकताएं पूरी करते हुए, अब सरकार उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप एक सशक्त, सुरक्षित, समृद्ध और सर्वसमावेशी भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रही है। यह यात्रा सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की मूल भावना से प्रेरित है।

नए भारत की यह परिकल्पना केरल की महान आध्यात्मिक विभूति, समाज सुधारक और कवि श्री नारायण गुरु के इन सद‌्विचारों से प्रेरित है:

“जाति-भेदम मत-द्वेषम एदुमइल्लादे सर्वरुम

सोदरत्वेन वाड़ुन्न मात्रुकास्थान मानित” 

अर्थात, एक आदर्श स्थान वह है जहां जाति और धर्म के भेदभाव से मुक्त होकर सभी लोग भाई-भाई की तरह रहते हैं।

13.     तीन सप्ताह पहले, 30 मई को शपथ लेते ही सरकार नए भारत के निर्माण में और तेज़ी के साथ जुट गई। एक ऐसा नया भारत:

–    जहां हर व्यक्ति को आगे बढ़ने के समान अवसर उपलब्ध हों;

–    जहां प्रत्येक देशवासी का जीवन बेहतर बने और उसका आत्म-सम्मान बढ़े;

–    जहां बंधुता और समरसता सभी देशवासियों को एक दूसरे से जोड़ती हो;

–    जहां आदर्शों और मूल्यों की हमारी बुनियाद और भी मजबूत बने; और

–    जहां विकास का लाभ हर क्षेत्र में एवं समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचे।

यह नया भारत, गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर के आदर्श भारत के उस स्वरूप की ओर आगे बढ़ेगा जहां लोगों का चित्त भय-मुक्त हो, और आत्म-सम्मान से उनका मस्तक ऊंचा रहे। गुरुदेव के शब्दों में:

“चित्तो जेथा भय-शून्नो, उच्चो जेथा शिर।”

14.     हर भारतवासी के लिए यह गौरव का विषय है कि जब वर्ष 2022 में हमारा देश अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे करेगा तब हम नए भारत के निर्माण के अनेक राष्ट्रीय लक्ष्य हासिल कर चुके होंगे। नए भारत के स्वर्णिम भविष्य के पथ को प्रशस्त करना, मेरी सरकार का संकल्प है:

§  नए भारत के इस पथ पर ग्रामीण भारत मजबूत होगा और शहरी भारत भी सशक्त बनेगा;

§  नए भारत के इस पथ पर उद्यमी भारत को नई ऊंचाइयां मिलेंगी और युवा भारत के सपने भी पूरे होंगे;

§  नए भारत के इस पथ पर सभी व्यवस्थाएं पारदर्शी होंगी और ईमानदार देशवासी की प्रतिष्ठा और बढ़ेगी;

§  नए भारत के इस पथ पर 21वीं सदी के लिए इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर तैयार होंगे और शक्तिशाली भारत के निर्माण के सभी संसाधन जुटाए जाएंगे।

इन्हीं संकल्पों के परिप्रेक्ष्य में, 21 दिन के अल्प समय में ही मेरी सरकार ने तेज़ी से किसानों, जवानों, विद्यार्थियों, उद्यमियों, महिलाओं तथा समाज के अन्य वर्गों के कल्याण हेतु कई फैसले लिए हैं और उन पर अमल करना भी शुरू कर दिया है। साथ ही, कई नए कानून बनाने की दिशा में भी पहल की गई है।

15.     जो किसान हमारा अन्नदाता है, उसकी सम्मान-राशि की पहुंच बढ़ाते हुए, अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि को, देश के प्रत्येक किसान के लिए उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। अपने खेत में दिन-रात काम करने वाले किसान भाई-बहन 60 वर्ष की आयु के बाद भी सम्मानजनक जीवन बिता सकें, इसे ध्यान में रखते हुए किसानों से जुड़ी ‘पेंशन योजना’ को भी स्वीकृति दी जा चुकी है।

16.     पशुधन, किसानों के लिए बहुमूल्य है। जानवरों से जुड़ी बीमारी के इलाज में उनका बहुत पैसा खर्च होता है। इस खर्च को कम करने के लिए मेरी सरकार ने 13 हज़ार करोड़ रुपए की राशि से एक विशेष योजना शुरू करने का भी फैसला लिया है।

17.     पहली बार किसी सरकार ने छोटे दुकानदार भाई-बहनों की आर्थिक सुरक्षा पर ध्यान दिया है। कैबिनेट की पहली बैठक में ही छोटे दुकानदारों और रीटेल ट्रेडर्स के लिए एक अलग ‘पेंशन योजना’ को मंजूरी दे दी गई है। इस योजना का लाभ देश के लगभग 3 करोड़ छोटे दुकानदारों को मिलेगा।

18.     अपनी हर खुशी, हर सुख, हर त्योहार को त्याग करके, देशवासियों की सुरक्षा के लिए स्वयं को समर्पित करने वाले जवानों के प्रति हम सभी कृतज्ञ हैं। वह जवान, जो सीमा पर डटा रहता है, जिसकी वजह से सभी देशवासी निश्चिंत रहते हैं, उसके बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करना भी हमारा दायित्व है। इसी भावना से प्रेरित होकर नेशनल डिफेंस फंड से वीर जवानों के बच्चों को मिलने वाली स्कॉलरशिप की राशि बढ़ा दी गई है। इसमें पहली बार राज्य पुलिस के जवानों के बेटे-बेटियों को भी शामिल किया गया है।

19.     21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है- बढ़ता हुआ जल-संकट। हमारे देश में जल संरक्षण की परंपरागत और प्रभावी व्यवस्थाएं समय के साथ लुप्त होती जा रही हैं। तालाबों और झीलों पर घर बन गए और जल-स्रोतों के लुप्त होने से गरीबों के लिए पानी का संकट बढ़ता गया। क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वॉर्मिंग के बढ़ते प्रभावों के कारण आने वाले समय में, जलसंकट के और गहराने की आशंका है। आज समय की मांग है कि जिस तरह देश ने स्वच्छ भारत अभियान’ को लेकर गंभीरता दिखाई है, वैसी ही गंभीरता ‘जल संरक्षण एवं प्रबंधन’ के विषय में भी दिखानी होगी।

20.     हमें अपने बच्चों और आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी बचाना ही होगा। नए जलशक्ति मंत्रालय का गठन, इस दिशा में एक निर्णायक कदम है जिसके दूरगामी लाभ होंगे। इस नए मंत्रालय के माध्यम से जल संरक्षण एवं प्रबंधन से जुड़ी व्यवस्थाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।

21.     मेरी सरकार सूखे की चपेट में आए क्षेत्रों की समस्याओं के प्रति पूर्णतया सचेत है और हर प्रभावित देशवासी के साथ खड़ी है। राज्य सरकारों और गांव के स्तर पर सरपंचों के सहयोग से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पीने के पानी की कम से कम दिक्कत हो, और किसानों को भी मदद मिल सके।

22.     Co-operative Federalism की व्यवस्था और भावना को निरंतर मजबूत बनाते हुए, मेरी सरकार, राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में राज्यों को साथ लेकर चल रही है। पिछले सप्ताह ही मुख्यमंत्रियों के साथ, विकास के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया तथा कृषि क्षेत्र में Structural Reform के लिए मुख्यमंत्रियों की एक समिति के गठन का निर्णय लिया गया।

23.     मजबूत ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था के आधार पर ही सशक्त राष्ट्रीय अर्थ-व्यवस्था का निर्माण संभव है। हमारे किसान, ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था के आधार स्तंभ हैं। राज्यों को कृषि विकास में पूरी मदद मिले, इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

24.     ग्रामीण भारत को मजबूत बनाने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश किया गया है। कृषि क्षेत्र की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए, आने वाले वर्षों में 25 लाख करोड़ रुपए का और निवेश किया जाएगा।

25.     वर्ष 2022 तक देश के किसान की आय दोगुनी हो सके, इसके लिए पिछले 5 वर्षों में अनेक कदम उठाए गए हैं। MSP में बढ़ोतरी का फैसला हो, या फूड प्रोसेसिंग में 100 प्रतिशत FDI को मंजूरी;दशकों से अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का काम हो या फिर फसल बीमा योजना का विस्तार; सॉयल हेल्थ कार्ड हो या फिर यूरिया की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग; मेरी सरकार ने किसानों की ऐसी छोटी-बड़ी आवश्यकताओं को समझते हुए, अनेक फैसले लिए हैं। सरकार ने कृषि नीति को उत्पादन-केंद्रित रखने के साथ-साथ आय-केंद्रित भी बनाया है।

26.     इन्हीं प्रयासों की एक महत्वपूर्ण कड़ी है – ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’। इसके माध्यम से सिर्फ तीन महीने में ही 12 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की राशि किसानों के पास पहुंचाई जा चुकी है। हर किसान को इस योजना के दायरे में लाए जाने के बाद, अब इस योजना पर प्रतिवर्ष लगभग 90 हज़ार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।

27.     कृषि उपज के भंडारण की सुविधा से किसानों की आर्थिक सुरक्षा को बल मिलता है। अब ग्रामीण भंडारण योजना के माध्यम से किसानों के अपने गांव के पास ही भंडारण की सुविधा प्रदान की जाएगी।

28.     कृषि क्षेत्र में सहकारिता का लाभ, डेयरी व्यवसाय से जुड़े किसानों को मिल रहा है। कृषि के अन्य क्षेत्रों में भी, किसानों को लाभान्वित करने के लिए, 10 हज़ार नए किसान उत्पादक संघ बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

29.     आज भारत मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में दुनिया में दूसरे स्थान पर है। हमारे देश में प्रथम स्थान पाने की क्षमता है। समुद्री मछली उद्योग तथा आंतरिक मत्स्य पालन द्वारा किसानों की आय में वृद्धि की अपार संभावना है। इसीलिए सरकार, ‘ब्लू रिवोल्यूशन’ यानि ‘नीली क्रांति’ के लिए प्रतिबद्ध है। मछली पालन के समग्र विकास के लिए एक अलग विभाग गठित किया गया है। इसी प्रकार, मत्स्य उद्योग से जुड़े इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर को विकसित करने के लिए, एक विशेष फंड बनाया गया है।

30.     देश के निर्धन परिवारों को गरीबी से मुक्ति दिलाकर ही, हम अपने संवैधानिक लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। पिछले पांच वर्षों के दौरान देश में किसानों, मजदूरों, दिव्यांगजनों, आदिवासियों और महिलाओं के हित में लागू की गई योजनाओं में व्यापक स्तर पर सफलता मिली है। गरीबों को सशक्त बनाकर ही उन्हें गरीबी के कुचक्र से बाहर निकाला जा सकता है। इसीलिए सरकार ने गरीब, वंचित और कमजोर वर्गों को आवास, स्वास्थ्य, जीवन की आवश्यक सुविधाओं, आर्थिक समावेश, शिक्षा, कौशल तथा स्वरोजगार के जरिए उन्हें सशक्त करने का मार्ग अपनाया है। यही दीन दयाल उपाध्याय के अंत्योदय का कार्यरूप है।

31.     देश के 112 ‘आकांक्षी जिलों’ यानि ‘एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स’ के विकास के लिए व्यापक स्तर पर कार्य हो रहा है। इन जिलों में देश के सबसे पिछड़े 1 लाख 15 हज़ार गांव हैं। इन गांवों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तथा इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर के विकास से, करोड़ों गरीब परिवारों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

32.     ‘जनधन योजना’ के रूप में विश्व के सबसे बड़े आर्थिक समावेशन के अभियान की सफलता के बाद, मेरी सरकार बैंकिंग सेवाओं को देशवासियों के द्वार तक पहुंचाने का काम भी कर रही है। देश के गांव-गांव में और नॉर्थ-ईस्ट के दुर्गम क्षेत्रों में भी, बैंकिंग सेवाएं आसानी से उपलब्ध हों, इसके लिए तेज़ी से काम हो रहा है। ‘इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक’ के माध्यम से देश के लगभग डेढ़ लाख डाकघरों को बैंकिंग सेवाओं के लिए तैयार किया जा रहा है। हमारा लक्ष्य है कि हमारे डाकिया-साथी ही चलते-फिरते बैंक बनकर, बैंकिंग सेवाएं घर-घर तक पहुंचाएं।

33.     इलाज के खर्च से गरीब परिवार आर्थिक संकट में फंस जाते हैं। उन्हें इस संकट से बचाने के लिए, 50 करोड़ गरीबों को ‘स्वास्थ्य-सुरक्षा-कवच’ प्रदान करने वाली विश्व की सबसे बड़ी हेल्थ केयर स्कीम ‘आयुष्मान भारत योजना’ लागू की गई है। इसके तहत, अब तक लगभग 26 लाख गरीब मरीजों को अस्पताल में इलाज की सुविधा दी जा चुकी है। सस्ती दरों पर दवा उपलब्ध कराने के लिए 5,300 ‘जन औषधि केंद्र’ भी खोले जा चुके हैं। हमारा प्रयास है कि दूर-सुदूर इलाकों में भी लोगों को जन औषधि केंद्रों से सस्ती दरों पर दवाइयां मिल सकें।

34.     वर्ष 2022 तक सभी ग्रामीण अंचलों में लगभग डेढ़ लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित किए जाने का लक्ष्य है। अब तक, लगभग 18 हज़ार  ऐसे सेंटर शुरू किए जा चुके हैं।

35.     जनजातीय समुदायों से हमारे अन्य देशवासी बहुत कुछ सीख सकते हैं। पर्यावरण एवं प्रकृति के अनुकूल जीवन-यापन करने वाले आदिवासी भाई-बहन विकास और परंपरा का सुंदर संतुलन बनाए रखते हैं। नए भारत में, जनजातीय समुदायों के हित में, समावेशी तथा संवेदनशील व्यवस्था के निर्माण के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। जनजातीय क्षेत्रों का संपूर्ण विकास हो, इसके लिए अनेक योजनाएं कार्यान्वित की गई हैं। वन्य क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं को ‘पढ़ाई से लेकर कमाई तक की सुविधाएं उपलब्ध कराने के कार्य प्रगति पर हैं। आदिवासी बहुल इलाकों में, बच्चों के लिए ‘एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल’ बनाए जा रहे हैं। वन-धन केंद्रों के माध्यम से वन-उपज में वैल्यू एडिशन और मार्केटिंग पर बल दिया जा रहा है।

36.     महिला सशक्तीकरण, मेरी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। नारी का सबल होना तथा समाज और अर्थ-व्यवस्था में उनकी प्रभावी भागीदारी, एक विकसित समाज की कसौटी होती है। सरकार की यह सोच है कि न केवल महिलाओं का विकास हो, बल्कि महिलाओं के नेतृत्व में विकास हो। महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, राज्यों के सहयोग से अनेक प्रभावी कदम उठाए गए हैं। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के दंड अधिक सख्त बनाए गए हैं और नए दंड प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जा रहा है। ‘बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ’ अभियान से भ्रूण हत्या में कमी आई है और देश के अनेक जिलों में सेक्स-रेशियो में सुधार हुआ है।

37.     ‘उज्ज्वला योजना’ द्वारा धुएं से मुक्ति, ‘मिशन इंद्रधनुष’ के माध्यम से टीकाकरण, ‘सौभाग्य’ योजना के तहत मुफ्त बिजली कनेक्शन, इन सभी का सर्वाधिक लाभ ग्रामीण महिलाओं को मिला है। ग्रामीण क्षेत्र में ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के अंतर्गत बने घरों की रजिस्ट्री में भी महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इस योजना में अगले तीन वर्षों के दौरान गांवों में लगभग 2 करोड़ नए घर बनाए जाएंगे।

38.     असंगठित क्षेत्र की महिला श्रमिकों के लिए भी सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं।       दीन दयाल उपाध्याय राष्ट्रीय आजीविका मिशन के द्वारा ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ‘राष्ट्रीय आजीविका मिशन’ के तहत ग्रामीण अंचलों की 3 करोड़ महिलाओं को अब तक 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण दिया जा चुका है।

39.     राष्ट्र की प्रगति और समृद्धि में, महिलाओं को समान रूप से भागीदार बनाने के लिए मेरी सरकार प्रतिबद्ध है। उद्योग और कॉरपोरेट क्षेत्र के सहयोग से महिलाओं को रोजगार के बेहतर अवसर दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। साथ ही, सरकारी खरीद में ऐसे उद्यमों को वरीयता दी जाएगी जहां कार्य-बल में महिलाओं की भागीदारी निर्धारित स्तर से अधिक हो।

40.     देश में हर बहन-बेटी के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करने हेतु तीन तलाक और ‘निकाह-हलाला’ जैसी कुप्रथाओं का उन्मूलन जरूरी है। मैं सभी सदस्यों से अनुरोध करूंगा कि हमारी बहनों और बेटियों के जीवन को और सम्मानजनक एवं बेहतर बनाने वाले इन प्रयासों में अपना सहयोग दें।

41.     नए भारत के निर्माण में हमारी युवा पीढ़ी की प्रभावी भागीदारी होनी ही चाहिए। बीते पांच वर्षों में, युवाओं के कौशल विकास से लेकर उन्हें स्टार्ट-अप एवं स्वरोजगार के लिए आर्थिक मदद देने और उच्च-शिक्षा के लिए पर्याप्त सीटें उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है। साथ ही स्कॉलरशिप की राशि में भी 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

42.     सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के गरीब युवाओं के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इससे उन्हें नियुक्ति तथा शिक्षा के क्षेत्र में और अवसर प्राप्त हो सकेंगे।

43.     समाज के हर वर्ग का युवा अपने सपने पूरे कर सके, इसके लिए समय पर वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने पर बल दिया जा रहा है। ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ का प्रभाव व्यापक स्तर पर महसूस किया गया है। इस योजना के तहत, स्वरोजगार के लिए लगभग 19 करोड़ ऋण दिए गए हैं। इस योजना का विस्तार करते हुए अब 30 करोड़ लोगों तक इसका लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। उद्यमियों के लिए बिना गारंटी 50 लाख रुपए तक के ऋण की योजना भी लाई जाएगी। इसके अलावा अर्थ-व्यवस्था को गति प्रदान करने वाले क्षेत्रों में समुचित नीतियों के माध्यम से, रोजगार के नए अवसर उत्पन्न किए जाएंगे।

44.     आज भारत दुनिया के सबसे अधिक स्टार्ट-अप वाले देशों में शामिल हो गया है। स्टार्ट-अप ईकोसिस्टम को बेहतर बनाने के लिए, सरकार नियमों को और भी सरल बना रही है। इस अभियान में और तेज़ी लाई जाएगी। हमारा लक्ष्य है कि वर्ष 2024 तक देश में 50 हज़ार स्टार्ट-अप स्थापित हों।

45.     उच्च शिक्षण संस्थानों में रिसर्च को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इस प्रयास को और सशक्त बनाने के लिए ‘नेशनल रिसर्च फाउंडेशन’ स्थापित करने का प्रस्ताव है। यह प्रस्तावित फाउंडेशन, केंद्र सरकार के अलग-अलग विभागों, विज्ञान प्रयोगशालाओं, उच्च शिक्षण संस्थानों और औद्योगिक संस्थानों के बीच सेतु का काम करेगा।

46.     विश्व के शीर्ष 500 शैक्षणिक संस्थानों में भारत के अनेक संस्थान अपना स्थान बना सकें, इसके लिए उच्च शिक्षण संस्थानों को स्वायत्तता तथा वित्तीय योगदान के जरिए प्रेरित किया जा रहा है।

47.     मेरी सरकार, देश के Higher Education System में सीटों की संख्या को वर्ष 2024 तक, डेढ़ गुना करने के लिए प्रयासरत है। इस पहल से युवाओं के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में 2 करोड़ अतिरिक्त सीटें उपलब्ध होंगी।

48.     बच्चों की प्रतिभा को निखारने के लिए, उचित अवसर एवं वातावरण तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना हम सभी की जिम्मेदारी है। इसके लिए ‘प्रधानमंत्री इनोवेटिव लर्निंग प्रोग्राम’ की शुरुआत की जाएगी।

49.     स्कूली स्तर पर ही बच्चों में टेक्नॉलॉजी के प्रति आकर्षण पैदा करने के लिए इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर तैयार किया जा रहा है। अटल इनोवेशन मिशन के माध्यम से देशभर के लगभग 9 हज़ार स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब’ की स्थापना का कार्य तेज़ी से प्रगति पर है। इसी प्रकार, 102 विश्वविद्यालयों तथा अन्य संस्थानों में अटल इंक्यूबेशन सेंटर बनाए जा रहे हैं।

50.     विश्व-स्तर पर, खेल-प्रतियोगिताओं में प्रभावशाली प्रदर्शन से देश का गौरव बढ़ता है। साथ ही, बच्चों और युवाओं में खेल-कूद के प्रति रुचि बढ़ती है। इससे स्वास्थ्य को जीवन में प्राथमिकता देने की संस्कृति को भी बल मिलता है। भारत को विश्व-स्तर की खेल-शक्ति बनाने के लिए, देश के दूर-दराज इलाकों में रहने वाले प्रतिभावान खिलाड़ियों की पहचान और उनका पारदर्शी चयन, महत्वपूर्ण है। राज्य और जिला स्तर पर, खिलाड़ियों की पहचान के लिए खेलो-इंडिया कार्यक्रम को व्यापक रूप देने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत, 2,500 प्रतिभावान खिलाड़ियों का चयन करके, उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब आने वाले हर साल में यह सुविधा 2,500 नए खिलाड़ियों को दी जाएगी।

51.     देश के खेल इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर को आधुनिक बनाने के साथ ही उसका विस्तार भी किया जाएगा। यह आधुनिक इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर एवं सुविधाएं खिलाड़ियों को उपलब्ध हों, इसके लिए नई व्यवस्था विकसित की जा रही है। हमारा प्रयास है कि खेल-जगत में उच्च स्थान प्राप्त करके हमारे खिलाड़ी देश का गौरव बढ़ाएं।

52.     देशवासियों का जीवन बेहतर बनाने में आर्थिक विकास की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आज भारत विश्व की सबसे तेज़ी से विकसित हो रही अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक है। महंगाई दर कम है, फिस्कल डेफ़िसिट नियंत्रण में है, विदेशी मुद्रा का भंडार बढ़ रहा है तथा Make In India का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।

53.     अब भारत, GDP की दृष्टि से दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थ-व्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। विकास दर को उच्च स्तर पर बनाए रखने के लिए Reforms की प्रक्रिया जारी रखी जाएगी। हमारा लक्ष्य है कि वर्ष 2024 तक, भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनॉमी बने।

54.     भारत को ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने के लिए तेज़ी से काम हो रहा है। इंडस्ट्री 4.0 को ध्यान में रखते हुए, जल्द ही नई औद्योगिक नीति की घोषणा की जाएगी। Ease of Doing Business’ की रैंकिंग में वर्ष 2014 में भारत 142वें स्थान पर था। पिछले 5 वर्षों में 65 रैंक ऊपर आकर हम 77वें स्थान पर पहुंच गए हैं। अब विश्व के शीर्ष 50 देशों की सूची में आना हमारा लक्ष्य है। इसके लिए राज्यों के साथ मिलकर, नियमों को सरल बनाने की प्रक्रिया को और तेज किया जाएगा। इसी कड़ी में कंपनी कानून में भी आवश्यक बदलाव लाए जा रहे हैं।

55.     आर्थिक विकास को गति प्रदान करने में, टैक्स-व्यवस्था की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। टैक्स-व्यवस्था में निरंतर सुधार के साथ-साथ सरलीकरण पर भी जोर दिया जा रहा है। 5 लाख रुपए तक की आय को कर-मुक्त करने का फैसला इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।

56.     इसी प्रकार, अप्रत्यक्ष कर-व्यवस्था को भी आसान और प्रभावी बनाया जा रहा है। GST के लागू होने से ‘एक देश, एक टैक्स, एक बाजार की सोच  साकार हुई है। GST को और सरल बनाने के प्रयास जारी रहेंगे।

57.     छोटे व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए मेरी सरकार ने उनके लिए नई पेंशन योजना शुरू की है। अब जल्द ही ‘राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड’ का गठन किया जाएगा और खुदरा कारोबार में बढ़ोतरी के लिए राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति भी बनाई जाएगी। GST के तहत रजिस्टर्ड, सभी व्यापारियों को, 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा भी उपलब्ध कराया जाएगा।

58.     MSME सेक्टर, देश की अर्थ-व्यवस्था का मजबूत आधार है। रोजगार सृजन में इस सेक्टर की बहुत बड़ी भूमिका होती है। छोटे उद्यमियों के व्यापार में कैश-फ्लो बना रहे, इसके लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। MSME सेक्टर से जुड़े उद्यमियों को ऋण लेने में दिक्कत न हो, इसके लिए क्रेडिट गारंटी कवरेज का दायरा एक लाख करोड़ रुपए तक बढ़ाने पर काम किया जा रहा है।

59.     सुशासन सुनिश्चित करने से भ्रष्टाचार कम होता है, नागरिकों का आत्म-सम्मान बढ़ता है और वे अपनी प्रतिभा एवं क्षमता का पूरा उपयोग कर पाते हैं।

60.     मेरी सरकार, भ्रष्टाचार के विरुद्ध Zero Tolerance की अपनी कड़ी नीति को और व्यापक तथा प्रभावी बनाएगी। सार्वजनिक जीवन और सरकारी सेवाओं से भ्रष्टाचार को समाप्त करने का अभियान और तेज किया जाएगा। इसके लिए Minimum Government-Maximum Governance पर और अधिक बल दिया जाएगा। साथ ही Human Interface को कम करने के लिए, टेक्नॉलॉजी का अधिक से अधिक उपयोग किया जाएगा। लोकपाल की नियुक्ति से भी, पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

61.     काले धन के खिलाफ शुरू की गई मुहिम को और तेज गति से आगे बढ़ाया जाएगा। पिछले 2 वर्ष में, 4 लाख 25 हज़ार निदेशकों को अयोग्य घोषित किया गया है और 3 लाख 50 हज़ार संदिग्ध कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा चुका है।

62.     आर्थिक अपराध करके भाग जाने वालों पर नियंत्रण करने में ‘Fugitive and Economic Offenders Act’ उपयोगी सिद्ध हो रहा है। अब हमें 146 देशों से जानकारी प्राप्त हो रही है जिसमें स्विटजरलैंड भी शामिल है। इनमें से 80 देश ऐसे हैं जिनसे हमारा ऑटोमैटिक एक्सचेंज करने का भी समझौता हुआ है। जिन लोगों ने विदेश में काला धन इकट्ठा किया है, अब हमें उन सबकी जानकारी प्राप्त हो रही है।

63.     रियल एस्टेट सेक्टर में काले धन के लेनदेन को रोकने और ग्राहकों के हित की रक्षा में ‘रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट’ यानि RERA का प्रभाव दिखाई दे रहा है। इससे मध्यम वर्ग के परिवारों को बहुत राहत मिल रही है।

64.     ‘Insolvency and Bankruptcy Code’, देश के सबसे बड़े और सबसे प्रभावी आर्थिक सुधारों में से एक है। इस कोड के अमल में आने के बाद प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों की साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि का निपटारा हुआ है। इस कोड ने बैंकों तथा अन्य वित्तीय संस्थानों से लिया हुआ कर्ज न चुकाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया है।

65.     ‘Direct Benefit Transfer’ के तहत आज 400 से अधिक योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थियों के खाते में जा रहा है। पिछले पांच वर्षों के दौरान, 7 लाख 30 हज़ार करोड़ रुपए DBT के माध्यम से ट्रांसफर किए गए हैं। DBT की वजह से अब तक 1 लाख 41 हज़ार करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं। इतना ही नहीं, लगभग 8 करोड़ गलत लाभार्थियों के नाम हटा दिए गए हैं। आने वाले समय में DBT का और विस्तार किया जाएगा। मैं राज्य सरकारों से आग्रह करूंगा कि वे भी ज्यादा से ज्यादा योजनाओं में DBT का इस्तेमाल करें।

66.     समृद्ध भारत के निर्माण में इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। मेरी सरकार का सतत प्रयास है कि इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर का निर्माण इको-फ्रेंडली हो। हाईवे और एक्सप्रेसवे की परियोजनाओं में कंक्रीट के साथ, हरियाली का भी समावेश किया जा रहा है। बिजली की आपूर्ति के लिए, सौर ऊर्जा के अधिक से अधिक उपयोग पर बल दिया जा रहा है। घरों और उद्योगों से निकले वेस्ट का उपयोग भी सड़क निर्माण में हो रहा है।

67.     21वीं सदी की अर्थ-व्यवस्था में शहरीकरण की गति और व्यापकता निरंतर बढ़ेगी। शहरों और उपनगरों में अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास होने से आर्थिक प्रगति और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। मेरी सरकार, आधुनिक भारत के लिए देश के गांवों से लेकर शहरों तक, विश्व-स्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर और नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सतत प्रयासरत है। विशेषकर नॉर्थ-ईस्ट, पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्रों में, कनेक्टिविटी सुधारने पर खास जोर दिया जा रहा है। नॉर्थ-ईस्ट में रहने वाले हमारे देशवासियों का जीवन आसान बनाने के साथ ही, बेहतर कनेक्टिविटी का लाभ पर्यटन, कृषि एवं अन्य क्षेत्रों को भी मिलेगा। नॉर्थ-ईस्ट में जैविक खेती का प्रसार बढ़े, इसके लिए प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं।

68.     ‘भारतमाला परियोजना’ के तहत वर्ष 2022 तक लगभग 35 हज़ार किलोमीटर नेशनल हाईवे का निर्माण या अपग्रेडेशन किया जाना है। साथ ही, ‘सागरमाला परियोजना’ के द्वारा देश के तटीय क्षेत्रों में और बंदरगाहों के आसपास, बेहतर सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है।

69.     सरकार हाईवे के साथ-साथ रेलवे, एयरवे और इनलैंड वॉटरवे के क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर काम कर रही है। ‘उड़ान योजना’ के तहत, देश के छोटे शहरों को, हवाई यातायात से जोड़ने का काम तेज़ी से चल रहा है।

70.     शहरी ट्रांसपोर्ट इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर आज की जरूरतों के साथ-साथ, भविष्य के लिए भी तैयार किया जा रहा है। इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर निर्माण के साथ ही शहरों में प्रदूषण की समस्या के समाधान पर भी बल दिया जा रहा है। मेरी सरकार एक ऐसी ट्रांसपोर्ट व्यवस्था का निर्माण कर रही है, जिसमें गति और सुरक्षा के साथ-साथ पर्यावरण का भी ध्यान रखा जाए। इसके लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत बनाने पर विशेष बल दिया जा रहा है। अनेक शहरों में, मेट्रो नेटवर्क के विस्तार में तेज़ी लाई जा रही है। सीमलेस मोबिलिटी के सपने को सच करने के लिए ‘वन नेशन, वन कार्ड’ की व्यवस्था शुरु की जा चुकी है। इसी तरह, प्रदूषण रहित यातायात के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। शहरों में इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन बनाने का काम तेज़ी से हो रहा है।

71.     गैस-ग्रिड और आई-वे (I-Way) जैसी आधुनिक सुविधाओं के विकास के कार्यों में तेज़ी लाई जा रही है। PNG आधारित घरेलू ईंधन, और CNG आधारित यातायात व्यवस्था का निर्माण किया जा रहा है। आधुनिक भारत में बायो-फ्यूल के निर्माण पर हमारा विशेष जोर है। 2014 से पहले देश में  67 करोड़ लीटर इथेनॉल की ब्लेंडिंग होती थी। इस साल लगभग 270 करोड़ लीटर इथेनॉल की ब्लेंडिंग निर्धारित है। इथेनॉल की ब्लेंडिंग बढ़ने से हमारे किसानों को लाभ होगा, पर्यावरण की सुरक्षा होगी और पेट्रोलियम पदार्थों का आयात घटने से विदेशी मुद्रा की बचत भी होगी।

72.     मेरी सरकार, गंगा की धारा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए समर्पित भाव से जुटी हुई है। हाल ही में, जगह-जगह से गंगा में जलीय जीवन के लौटने के जो प्रमाण मिले हैं, वे काफी उत्साहवर्धक हैं। इस वर्ष प्रयागराज में अर्धकुंभ के दौरान गंगा की स्वच्छता और श्रद्धालुओं को मिली सुविधा की चर्चा पूरे विश्व में हो रही है। मेरी सरकार ने अर्धकुंभ के सफल आयोजन में योगदान देने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सम्मानित करके उनका आत्म-गौरव बढ़ाया है।

73.     मेरी सरकार ‘नमामि गंगे’ योजना के तहत गंगा नदी में गिरने वाले गंदे नालों को बंद करने के अभियान में और तेज़ी लाएगी। सरकार का प्रयास रहेगा कि गंगा की तरह ही कावेरी, पेरियार, नर्मदा,यमुना, महानदी और गोदावरी जैसी अन्य नदियों को भी प्रदूषण से मुक्त किया जाए।

74.     वन, वन्य जीवों और पर्यावरण के संरक्षण के लिए मेरी सरकार पूरी गंभीरता से काम कर रही है। हाल के वर्षों में वन और वृक्ष आवरण विस्तार में 1 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई है। पिछले पांच साल में देश के संरक्षित क्षेत्र का दायरा बढ़ाया गया है। वर्ष 2014 में देश में संरक्षित क्षेत्रों की संख्या 692 थी जो अब बढ़कर 868 हो गई है। वायु प्रदूषण से जुड़ी चुनौतियों को देखते हुए, देश के 102 शहरों में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया गया है।

75.     क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वॉर्मिंग के प्रभावों को कम करने में सौर ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत के सक्रिय प्रयासों से इंटरनेशनल सोलर अलायंस का गठन हुआ है। इस संगठन के माध्यम से दुनिया के विकासशील देशों में सौर ऊर्जा के विकास में भारत अहम योगदान कर रहा है।

76.     सामान्य आदमी के जीवन को बेहतर बनाने, आपदाओं की पूर्व सूचना देने, प्राकृतिक संपदाओं को चिह्नित करने, संचार माध्यमों को सिग्नल उपलब्ध कराने से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ाने में अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी की केंद्रीय भूमिका है। मेरी सरकार का प्रयास है कि अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी का अधिक से अधिक उपयोग मानव कल्याण के लिए किया जाए। सड़कें हों, गरीबों का घर हो, खेती हो, मछुआरों के लिए उपयोगी उपकरण हों, ऐसी अनेक सुविधाओं को अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी से जोड़ा गया है।

77.     अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी की सहायता से जल, थल और नभ में हमारी सुरक्षा और मजबूत हुई है। मौसम का सटीक पूर्वानुमान करने की हमारी विशेषज्ञता बढ़ी है। इसका प्रमाण हाल ही में देश के पूर्वी तट पर आए फणि चक्रवात के दौरान देखने को मिला। समय पर सही जानकारी और तैयारी के कारण बड़े पैमाने पर  जान-माल की रक्षा करने में देश को सफलता मिली है।

78.     अंतरिक्ष में छुपे रहस्यों को जानने और समझने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए भी भारत आगे बढ़ रहा है। हमारे वैज्ञानिक, ‘चंद्रयान-2’ के लॉन्च  की तैयारी में लगे हुए हैं। चंद्रमा पर पहुंचने वाला यह भारत का पहला अंतरिक्ष यान होगा। वर्ष 2022 तक, भारत के अपने ‘गगन-यान में पहले भारतीय को स्पेस में भेजने के लक्ष्य की तरफ भी तेज़ी से काम चल रहा है।

79.     लोकसभा चुनाव के दौरान, देश ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की। हालांकि इसकी उतनी चर्चा नहीं हो पाई, जितनी होनी चाहिए थी। ‘मिशन शक्ति’ के सफल परीक्षण से भारत की अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी की क्षमता और देश की सुरक्षा-तैयारियों में नया आयाम जुड़ा है। इसके लिए आज मैं, अपने वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को फिर से बधाई देता हूं।

80.     सुरक्षा के क्षेत्र में टेक्नॉलॉजी की भूमिका निरंतर बढ़ रही है। इस पर ध्यान देते हुए स्पेस, साइबर और स्पेशल फोर्सेस के लिए तीन ज्वाइंट सर्विस एजेंसियों के गठन पर काम चल रहा है। इन साझा प्रयासों से देश की सुरक्षा मजबूत होगी।

81.     नया भारत, विश्व समुदाय में अपना उचित स्थान पाने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। आज पूरे विश्व में भारत की एक नई पहचान बनी है तथा अन्य देशों के साथ हमारे संबंध और मजबूत हुए हैं। यह प्रसन्नता की बात है कि वर्ष 2022 में भारत  G-20 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा।

82.     21 जून को संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस’ घोषित किए जाने के भारत के प्रस्ताव को विश्व समुदाय ने व्यापक और उत्साहपूर्ण समर्थन दिया। इस समय विश्व के अनेक देशों में बड़े उत्साह के साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से जुड़े कार्यक्रम चल रहे हैं जिसके सबसे महत्वपूर्ण आयोजन, कल 21 जून को किए जाएंगे।

83.     जलवायु परिवर्तन हो, आर्थिक और साइबर अपराध हों, भ्रष्टाचार और काले धन पर कार्रवाई हो या फिर ऊर्जा सुरक्षा; हर मुद्दे पर भारत के विचारों को विश्व समुदाय समर्थन देता है। आज आतंकवाद के मुद्दे पर पूरा विश्व, भारत के साथ खड़ा है। देश में बड़े आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करना इसका बहुत बड़ा प्रमाण है।

84.     मेरी सरकार की “Neighbourhood First” की नीति दक्षिण एशिया एवं निकटवर्ती क्षेत्रों को प्राथमिकता देने की हमारी सोच का प्रमाण है। इस पूरे क्षेत्र की प्रगति में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यही कारण है कि इस क्षेत्र में व्यापार, कनेक्टिविटी और पीपुल-टू-पीपुल कॉनटेक्ट को प्रोत्साहित किया जा रहा है। नई सरकार के शपथ-ग्रहण समारोह में ‘BIMSTEC’ देशों, ‘Shanghai Cooperation Organisation’ के अध्यक्ष किर्गिज़स्तान और मॉरीशस के राष्ट्राध्यक्षों तथा शासनाध्यक्षों का शामिल होना इसी सोच को दर्शाता है।

85.     मेरी सरकार, विदेशों में बसे तथा वहां कार्यरत भारतीयों के हितों की रक्षा के प्रति भी सजग है। आज विदेश में अगर कोई भारतीय संकट में फंसता है तो उसे शीघ्र मदद और राहत का भरोसा होता है। पासपोर्ट से लेकर वीज़ा तक की अनेक सेवाओं को आसान और सुलभ बनाया गया है।

86.     भारत के दर्शन, संस्कृति और उपलब्धियों को मेरी सरकार के प्रयासों से विश्व में एक विशिष्ट पहचान मिली है। इस वर्ष, दुनिया भर में आयोजित हो रहे, महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के कार्यक्रमों से भारत की ‘Thought Leadership’ को बढ़ावा मिलेगा। इसी प्रकार, गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के कार्यक्रमों से भी, भारत के आध्यात्मिक ज्ञान का प्रकाश पूरे विश्व में फैलेगा।

87.     नया भारत संवेदनशील भी होगा और आर्थिक रूप से समृद्ध भी। लेकिन इसके लिए देश का सुरक्षित होना बहुत ज़रूरी है। मेरी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। यही कारण है कि आतंकवाद और नक्सलवाद से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।

88.     सीमा पार आतंकवादी ठिकानों पर, पहले सर्जिकल स्ट्राइक और फिर पुलवामा हमले के बाद एयर स्ट्राइक करके भारत ने अपने इरादों और क्षमताओं को प्रदर्शित किया है। भविष्य में भी अपनी सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।

89.     अवैध तरीके से भारत में दाखिल हुए विदेशी, आतंरिक सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं। इससे देश के अनेक क्षेत्रों में सामाजिक असंतुलन की समस्या भी उत्पन्न हो रही है। इसके साथ ही आजीविका के अवसरों पर भी भारी दबाव अनुभव किया जा रहा है। मेरी सरकार ने यह तय किया है कि घुसपैठ की समस्या से जूझ रहे क्षेत्रों में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स की प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर अमल में लाया जाएगा। घुसपैठ को रोकने के लिए सीमा पर सुरक्षा को और सशक्त किया जाएगा।

90.     सरकार जहां घुसपैठियों की पहचान कर रही है, वहीं आस्था के आधार पर उत्पीड़न का शिकार हुए परिवारों की सुरक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है। इसके लिए भाषाई, सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को उचित संरक्षण देते हुए नागरिकता कानून में संशोधन का प्रयास किया जाएगा।

91.     मेरी सरकार जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को सुरक्षित और शांतिपूर्ण माहौल देने के लिए, पूरी निष्ठा के साथ प्रयास कर रही है। वहां पर स्थानीय निकायों के शांतिपूर्ण चुनाव और हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव से हमारे इन प्रयासों को बल मिला है। मेरी सरकार जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए आवश्यक हर कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।

92.     मेरी सरकार देश को नक्सलवाद से मुक्ति दिलाने पर भी संकल्प-बद्ध होकर काम कर रही है। इस दिशा में पिछले 5 वर्ष में काफी सफलता मिली है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का दायरा निरंतर घट रहा है। आने वाले वर्षों में इन क्षेत्रों में विकास के कार्यक्रमों में और तेज़ी लाई जाएगी जिससे वहां रहने वाले आदिवासी भाई-बहन लाभान्वित होंगे।

93.     मेरी सरकार, सेना और सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के काम को तेज़ी से आगे बढ़ा रही है। निकट भविष्य में ही भारत को पहला रफाएल लड़ाकू विमान और ‘अपाचे हेलीकॉप्टर भी मिलने जा रहे हैं।

94.     सरकार द्वारा ‘मेक इन इंडिया’ के तहत आधुनिक अस्त्र-शस्त्र बनाने पर विशेष बल दिया जा रहा है। आधुनिक राइफल से लेकर तोप, टैंक और लड़ाकू जहाज तक भारत में बनाने की नीति को सफलता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में बन रहे ‘डिफेंस कॉरिडोर’ इस मिशन को और मजबूती प्रदान करेंगे। अपनी सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करते हुए रक्षा उपकरणों के निर्यात को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

95.     सैनिकों और शहीदों का सम्मान करने से सैनिकों में आत्म-गौरव और उत्साह बढ़ता है तथा हमारी सैन्य क्षमता मजबूत होती है। इसीलिए सैनिकों और उनके परिवार-जनों का ध्यान रखने की हर संभव कोशिश की जा रही है। ‘वन रैंक वन पेंशन’ के माध्यम से पूर्व सैनिकों की पेंशन में बढ़ोतरी करके तथा उनकी स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करके, उनके जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

96.     आजादी के सात दशक के बाद, मेरी सरकार द्वारा दिल्ली में इंडिया गेट के समीप बनाया गया ‘नेशनल वॉर मेमोरियल’ शहीदों के प्रति कृतज्ञ राष्ट्र की विनम्र श्रद्धांजलि है। इसी तरह देश की सुरक्षा में शहीद होने वाले हमारे पुलिस बल के जवानों की स्मृति में, मेरी सरकार ने ‘नेशनल पुलिस मेमोरियल’ का निर्माण किया है।

97.     राष्ट्र – निर्माण के पथ पर, इतिहास से मिली प्रेरणा, भविष्य का हमारा मार्ग और प्रशस्त करती है। इसके लिए, राष्ट्र-निर्माताओं की स्मृति को कृतज्ञता-पूर्वक सँजोना भी हमारा दायित्व है। पिछले पांच वर्षों में देश में अनेक ऐसे कार्य हुए हैं। पूज्य बापू और ऐतिहासिक दांडी मार्च के सम्मान में ‘दांडी म्यूजियम’ का निर्माण किया गया है। लौहपुरुष सरदार पटेल के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा, ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की स्थापना की गई है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज के अन्य सेनानियों को श्रद्धांजलि देते हुए, दिल्ली के लाल किले में ‘क्रांति मंदिर’ का निर्माण किया गया है। बाबासाहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण स्थल, दिल्ली के 26 अलीपुर रोड को नेशनल मेमोरियल का स्वरूप दिया गया है। देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान को सम्मान देते हुए दिल्ली में एक म्यूजियम का निर्माण भी किया जा रहा है।

98.     मेरी सरकार, सरदार पटेल की प्रेरणा से, ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को और भी मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए National Ambitions और Regional Aspirations को महत्व देना ज़रूरी है। इसके लिए संवाद और सहयोग की हर संभावना को प्रोत्साहित किया जाएगा। ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ की भावना पर चल रही मेरी सरकार का प्रयास है कि भारत की प्रगति यात्रा में कोई भी देशवासी छूटने न पाए।

99.     भारत को लंबे समय तक गुलामी के दौर से गुजरना पड़ा था। लेकिन उस पूरे दौर में देश में कहीं न कहीं भारतवासी आजादी के लिए संघर्ष करते रहे थे। आजादी की चाहत और उसके लिए बलिदान देने की ललक कभी कमजोर नहीं पड़ी। स्वाधीनता की इसी ललक ने सन 1942 में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का रूप लिया। तब पूरे देश ने यह तय किया था कि आजादी हासिल करनी ही है और उस प्रयास में अपने प्राण तक न्योछावर कर देने हैं। उस समय हर देशवासी जो कुछ भी कर रहा था वह स्वाधीनता संग्राम में अपना योगदान देने की भावना से कर रहा था। इसी जनभावना की शक्ति से, हमने 1947 में आजादी हासिल की थी।

100.    आज हम सब, एक बार फिर, इतिहास रचने के मोड़ पर खड़े हैं। हम नवयुग के सूत्रपात के लिए एक नया आंदोलन छेड़ने को तत्पर हैं। हमारे आज के संकल्प यह तय करेंगे कि वर्ष 2047 में जब हम अपनी स्वाधीनता की शताब्दी मनाएंगे, तब हमारे देश का स्वरूप क्या होगा।

101.    आज हमारे देश के पास स्वतंत्रता के बाद के लगभग 72 वर्ष की यात्रा के संचित अनुभव हैं। उन अनुभवों से सीख लेते हुए ही देश आगे बढ़ रहा है। हम सभी को इस संकल्प के साथ आगे बढ़ना है कि वर्ष 2022 में जब हम स्वाधीनता की 75वीं वर्षगांठ मनाएं तब नए भारत की हमारी परिकल्पना साकार रूप ले चुकी होगी। इस प्रकार, आजादी के 75वें साल के नए भारत में:

–    किसान की आय दोगुनी होगी;

–    हर गरीब के सिर पर पक्की छत होगी;

–    हर गरीब के पास स्वच्छ ईंधन की सुविधा होगी;

–    हर गरीब के पास बिजली का कनेक्शन होगा;

–    हर गरीब खुले में शौच की मजबूरी से मुक्त हो चुका होगा;

–    हर गरीब की पहुंच में मेडिकल सुविधाएं होंगी;

–    देश का हर गांव, सड़क संपर्क से जुड़ा होगा;

–    गंगा की धारा अविरल और निर्मल होगी;

–    राज्यों के सहयोग से, हम 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनने के लक्ष्य के निकट होंगे;

–    हम, विश्व की तीन सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में शामिल होने की तरफ अग्रसर होंगे;

–    भारतीय संसाधनों के बल पर कोई देशवासी अंतरिक्ष में तिरंगा लहराएगा; और

–    हम, एक नई ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ विश्व के विकास को नेतृत्व देने के लिए कदम बढ़ाएंगे।

102.    जनता और सरकार के बीच की दूरी कम करते हुए, जन-भागीदारी पर जोर दिया जाए तो सरकार की योजनाओं को देशवासी जन-आंदोलन का रूप दे देते हैं। बड़े राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने का यही तरीका है। इसी मार्ग पर चलने से ‘बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ’ योजना से लेकर ‘स्वच्छ भारत अभियान’ ने जन-आंदोलनों का रूप प्राप्त किया। जन-भागीदारी की इसी शक्ति से हम नए भारत के लक्ष्यों को भी प्राप्त करेंगे।

103.    मेरी सरकार का मानना है कि सभी राजनैतिक दल, सभी राज्य और 130 करोड़ देशवासी, भारत के समग्र और त्वरित विकास के लिए एकमत हैं। हमारे जीवंत लोकतंत्र में पर्याप्त परिपक्वता आ गई है। पिछले कुछ दशकों के दौरान देश के किसी न किसी हिस्से में प्रायः कोई न कोई चुनाव आयोजित होते रहने से विकास की गति और निरंतरता प्रभावित होती रही है। हमारे देशवासियों ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर, अपना स्पष्ट निर्णय व्यक्त करके, विवेक और समझदारी का प्रदर्शन किया है। आज समय की मांग है कि एक राष्ट्र – एक साथ चुनाव की व्यवस्था लाई जाए जिससे देश का विकास तेज़ी से हो सके और देशवासी लाभान्वित हों। ऐसी व्यवस्था होने पर सभी राजनैतिक दल अपनी विचारधारा के अनुरूप, विकास व जनकल्याण के कार्यों में अपनी ऊर्जा का और अधिक उपयोग कर पाएंगे। अतः मैं सभी सांसदों का आह्वान करता हूं कि वे ‘एक राष्ट्र – एक साथ चुनाव’ के विकासोन्मुख प्रस्ताव पर गंभीरता-पूर्वक विचार करें।

104.    इसी वर्ष, हमारे संविधान को अंगीकृत किए जाने के 70 वर्ष भी पूरे हो रहे हैं। सांसद के रूप में आप सभी ने भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की शपथ ली है। हम सभी के लिए संविधान ही सर्वोपरि है। हमारे संविधान के प्रमुख शिल्पी बाबासाहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने कहा था कि देश के सामाजिक और आर्थिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए संविधान-सम्मत तरीके ही उपयोग में लाने चाहिए।

105.    हमारा संविधान, देश के समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय; स्वतंत्रता, समानता और व्यक्ति की गरिमा तथा बंधुता के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।

106.    मुझे विश्वास है कि राज्यसभा एवं लोकसभा के आप सभी सदस्य-गण, सांसद के रूप में अपने कर्तव्यों को भली-भांति निभाते हुए संविधान के आदर्शों को प्राप्त करने में अपना अमूल्य योगदान देंगे। इस प्रकार, आप सभी नए भारत के निर्माण में अपनी प्रभावी भूमिका निभाएंगे।

107.    जन-प्रतिनिधि तथा देश के नागरिक के तौर पर हम सभी को अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता देनी होगी। तभी देशवासियों को हम, नागरिक-कर्तव्यों के पालन की प्रेरणा दे पाएंगे।

108.    आप सभी सांसदों को मेरा सुझाव है कि आप गांधी जी के मूल मंत्रों को हमेशा याद रखिए। गांधी जी ने कहा था कि हमारा हर फैसला इस बात पर निर्भर होना चाहिए कि उसका प्रभाव समाज के सबसे गरीब और कमजोर व्यक्ति पर क्या पड़ेगा। आप भी उस मतदाता को याद रखिए जो अपना सब काम छोड़कर, तमाम कठिनाइयों के बीच, वोट देने के लिए निकला, पोलिंग बूथ तक गया और मतदान करके देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाया। उसकी आकांक्षाओं को पूरा करना ही आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए।

109.    मैं आप सभी से आगामी पांच वर्षों के दौरान भारत के नव-निर्माण के लिए स्वयं को समर्पित करने तथा अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाने का आह्वान करते हुए, आप सभी को पुनः हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

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