उत्तराखंड समाचार

भूमिगत नहर कार्य की जांच की मांग

कालसी: ¨सचाई विभाग अंबाड़ी की ओर से कालसी व्यासभूड़ नहर को भूमिगत कराने में लाखों रुपये खर्च हो गए। लेकिन, नहर का पानी सड़कों पर बहने के कारण लोग परेशान हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने ¨सचाई अधिकारियों पर बजट ठिकाने लगाने के लिए नहर को भूमिगत करने का आरोप भी लगाया है। हालत यह है कि नहर का पानी सड़क पर बह जा रहा है और खेतों तक पर्याप्त पानी न पहुंचने के कारण ¨सचाई नहीं हो पा रही है। ग्रामीणों ने भूमिगत नहर कार्य की जांच की मांग की है।

कांग्रेस शासन में वर्ष 2014-15 में तीन किलोमीटर लंबी कालसी-व्यासभूड़ नहर को भूमिगत कराया गया था। जिस पर विभाग ने मोटी धनराशि खर्च की। उद्देश्य यह था कि नहर के भूमिगत होने से खेतों तक पर्याप्त पानी पहुंचेगा और कोई हादसा भी नहीं होगा। लेकिन, कार्य की गुणवत्ता सही नहीं होने पर वर्तमान में नहर में जगह-जगह लीकेज हो रही है। सड़क तर होने के चलते ग्रामीणों का सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। सड़क तर होने के कारण किसानों के खेतों में ¨सचाई नहीं हो पा रही है। किसान कांतिराम, सरदारु, श्याम ¨सह चौहान, बहादुर ¨सह बताते हैं कि पहले नहर खुली थी तो किसान लीकेज बंद कर खेतों तक पानी पहुंचा लिया करते थे। लेकिन, भूमिगत नहर की लीकेज बंद करने का कोई रास्ता नहीं है। ग्रामीणों ने सरकार से भूमिगत नहर निर्माण कार्य की जांच की मांग की है। उधर, ¨सचाई खंड अंबाड़ी के अधिशासी अभियंता पीएन राय के अनुसार जेई को मौके पर भेजकर जांच कराई जाएगी। गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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