उत्तराखंड समाचार

योगी आदित्यनाथ व पुष्कर सिंह धामी की चंद मिनट की बैठक में निपटा यूपी व उत्तराखंड का 21 वर्ष पुराना विवाद

लखनऊ। उत्तर प्रदेश का पड़ोसी राज्य उत्तराखंड से 21 वर्ष पुराना संपत्ति विवाद गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंद मिनटों में निपटा दिया। लखनऊ में सीएम योगी से साथ भेंट के दौरान उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 21 वर्ष से लम्बित मामले को उठाया। इसके बाद दोनों राज्यों के अधिकारियों ने दोनों मुख्यमंत्रियों के सामने सारे विवाद को निपटा दिया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री लखनऊ के दो दिन के दौरे पर आज उत्तराखंड महोत्सव का समापन भी करेंगे।

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच संपत्ति-परिसंपत्तियों को लेकर 21 वर्ष से चल रहे विवाद का अंतत: निस्तारण हो गया। दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ आए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई एक ही बैठक में इन मामलों का हल निकाल लिया गया। तय हुआ है कि 15 दिन में दोनों राज्यों के अधिकारी बैठक करेंगे, सर्वे होगा और समझौते के मुताबिक बंटवारा हो जाएगा। इसके साथ ही दोनों राज्य सरकारें न्यायालयों में दायर वाद भी वापस ले लेंगी।

लखनऊ प्रवास पर आए पुष्कर सिंह धामी गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने के लिए उनके सरकारी आवास पर पहुंचे। वहां शिष्टाचार भेंट के अलावा दोनों राज्यों के बीच संपत्ति-परिसंपत्ति को लेकर लंबित मामलों को लेकर बैठक हुई। अधिकारियों ने संबंधित मामलों पर तथ्य रखे और योगी-धामी उनका निस्तारण करते चले। बैठक के बाद भाजपा मुख्यालय पहुंचे धामी ने पत्रकारों को बताया कि आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच में 21 वर्ष से जो मामले लंबित पड़े थे, उन पर सहमति बन गई है।

पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि सिंचाई विभाग उत्तराखंड की 5700 हेक्टेयर भूमि और 1700 आवासों को लेकर दोनों राज्यों का संयुक्त रूप से सर्वे पंद्रह दिन में होगा। इसमें जो भी उत्तर प्रदेश के जरूरत की संपत्ति होगी, वह यूपी को मिल जाएगी और बाकी उत्तराखंड को। इसी तरह भारत-नेपाल सीमा के चंपावत जिले में स्थित बनबसा का बैराज पुराना है और जीर्णशीर्ण हो चुका है। उसका पुनर्निर्माण और किच्छा के बैराज का निर्माण यूपी सरकार द्वारा कराया जाएगा। उप्र ने वाटर स्पोट्र्स को शुरू करने की अनुमति दे दी है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम अब उत्तराखंड को 205 करोड़ रुपये देगा। दोनों राज्यों के बीच में आवास विभाग की संपत्तियों और देनदारियों का आधा-आधा बंटवारा होगा। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच में समझौते के तहत अलकनंदा होटल और किच्छा बस अड्डा उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित किया जाएगा। वन विभाग उत्तराखंड को 90 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा। सारे विवादों को लेकर चल रहे केस दोनों राज्य न्यायालय से वापस लेंगे।

सरकार वही, सिर्फ चेहरा बदला : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका उत्तर प्रदेश से पुराना नाता है। सारे शैक्षणिक दस्तावेज उप्र के ही हैं। इन दो राज्यों के बीच भी बड़े भाई और छोटे भाई जैसा रिश्ता है, जो आगे भी बरकरार रहेगा। उन्होंने कहा कि सीएम योगी ने बड़ा दिल दिखाकर सभी बातों को माना है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर पहले भी सरकारों ने लगातार काम किया, लेकिन अब उनका निस्तारण हो गया है। धामी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उत्तराखंड में सरकार तथा संगठन के बीच में किसी भी प्रकार का अंतर्विरोध नहीं है। वहां पर सरकार वही है, सिर्फ चेहरा बदला है।

अनुकूल बनीं परिस्थितियां : गौरतलब है कि 2000 में जब से उत्तराखंड अलग राज्य बना है, तभी से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा है। इन 21 वर्ष में ऐसा संयोग भी न के बराबर रहा कि केंद्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में एक ही पार्टी की सरकार रही हो। यह संयोग भाजपा के पास है और पिछले कुछ वर्ष से है तो अब अनुकूल परिस्थितियां बनीं तो विधानसभा चुनाव से ऐन पहले इस विवाद को सुलझाने की कवायद शुरू की गई, ताकि भाजपा यह संदेश दे सके कि दोनों राज्यों में उसकी सरकारें होने से एक बड़ा फायदा हुआ।

कार्यकर्ताओं से आत्मीयता से मिले : लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र रहे धामी यहां विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूप में छात्र राजनीति में सक्रिय थे। भाजपा के तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं से उनका पुराना रिश्ता है। जब वह भाजपा मुख्यालय पहुंचे तो कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। लगभग सभी को नाम लेकर पुकारा। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह, प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित, सहप्रभारी हिमांशु दुबे और प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेयी ने उनका अभिवादन किया।

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