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राष्ट्रपति ने विजिटर बुक में लिखा, बाबा केदार के दर्शनों से हूं अभिभूत

देहरादून : मौसम के तेवरों पर आस्था भारी पड़ी। लगातार हो रही बारिश के बावजूद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परिवार सहित केदारनाथ और बदरीनाथ के दर्शन किए। राष्ट्रपति दोनों धामों के आध्यात्मिक और नैसर्गिक सौंदर्य से अभिभूत नजर आए। केदारनाथ में मंदिर समिति की विजिटर बुक में उन्होंने लिखा ‘बाबा केदार के दर्शनों से मैं अभिभूत हूं।’

मौसम के मिजाज को देखते हुए शनिवार को उत्तराखंड पहुंचे राष्ट्रपति भी दौरे को लेकर असमंजस में थे। लेकिन रविवार सुबह सात बजे देहरादून में बारिश के बीच राज्यपाल केके पाल और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के साथ वह परिवार सहित सेना के तीन हेलीकॉप्टर से केदारनाथ के लिए रवाना हुए। एक घंटे की उड़ान के बाद करीब आठ बजे राष्ट्रपति केदारनाथ पहुंचे। यहां मंदिर के मुख्य पुजारी बागेश लिंग और तीर्थपुरोहितों ने उनका स्वागत किया। हेलीपैड से मंदिर तक राष्ट्रपति ऑल टैरेन व्हेकिल (एवीटी) से गए। मंदिर में विशेष पूजा के साथ ही रुद्राभिषेक किया गया। बाद में उन्होंने मुख्य पुजारी बागेश लिंग से मंदिर के बारे में जानकारी ली और उनको धन्यवाद दिया। राष्ट्रपति को पूर्वाह्न 11 बजे तक केदारनाथ में रुकना था, लेकिन खराब मौसम के चलते वह निर्धारित कार्यक्रम से पहले करीब नौ बजे ही रवाना हो गए। कुछ देर चमोली जिले के गौचर में विश्राम करने के बाद वह बदरीनाथ के लिए रवाना हुए।

बदरीनाथ में बदरी-केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। यहां से मंदिर के पास तक काफिला वाहनों से गया। इससे आगे उनके लिए पालकियों की व्यवस्था की गई थी, लेकिन राष्ट्रपति मंदिर तक पैदल ही गए। मंदिर में रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने विशेष पूजा संपन्न कराई। मंदिर समिति की ओर से उन्हें तुलसी का पौधा और प्रसाद दिया गया। राष्ट्रपति मंदिर में करीब 17 मिनट रहे।

मौसम खराब होने के कारण गौचर लौटा हेलीकॉप्टर

लगातार हो रही बारिश के कारण राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर को आधे रास्ते से चमोली जिले के गौचर कस्बे में लौटना पड़ा। रविवार को दोपहर बाद 12.30 बजे राष्ट्रपति बदरीनाथ से देहरादून के लिए रवाना हुए। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार उन्हें देहरादून एयरपोर्ट से ठीक डेढ़ बजे सेना के विशेष विमान से दिल्ली जाना था। लेकिन तेज बारिश और विजिबिल्टी कम होने के कारण गौचर लौटना पड़ा। मौसम साफ होने तक उन्होंने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के कैंप में स्थित गेस्ट हाऊस में विश्राम किया। मौसम ठीक होने पर शाम करीब 4.30 बजे वह देहरादून पहुंचे और सेना के विशेष विमान से पांच बजे दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

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