उत्तराखंड समाचार

लोनिवि के अधूरे और नए कामों के लिए 280 करोड़ स्वीकृत

देहरादून : लम्बे समय से बजट की राह देख रहे लोक निर्माण विभाग की उम्मीदें काफी हद तक पूरी हो गई है। एडीबी के ऋण से मिले करीब 280 करोड़ का बजट विभाग को आवंटित हो गया है। इससे लोनिवि अधूरे और जरूरी काम पूरा कर सकेगा।

प्रदेश का लोक निर्माण विभाग पिछले एक साल से बजट की मार झेल रहा है। नई सरकार बनी तो बजट मिलने की उम्मीदें थी। मगर, इससे पहले पुराने सरकार की देनदारी भारी पड़ गई। पूर्व सरकार ने विदाई से पहले ही करोड़ों के ठेके बांट दिए थे। करीब पांच सौ करोड़ से ज्यादा की रकम काम पूरा होने बावजूद भुगतान नही हो पा रही थी। सरकार बदली तो भुगतान में देरी पर ठेकेदारों ने मोर्चा खोल दिया।

सड़क पर आंदोलन को आए ठेकेदारों से सरकार ने वार्ता कर जल्द भुगतान पर मनाया। करीब 200 करोड़ का बजट से काफी देनदारी चुकाई गई। लेकिन अभी भी करोड़ रुपये बकाया चल रहा है। इस बीच आपदा से भी करीब दो सौ करोड़ का नुकसान राज्यभर में हुआ है। इसके अलावा सड़क, पुल, ट्रैक रूट, भवन निर्माण समेत अन्य के लिए विभाग को एक हजार करोड़ से ज्यादा के बजट की जरूरत है।

बजट की कमी झेल रहे विभाग को एशियन डेवलपमेंट बैंक से करीब 280 करोड़ का बजट स्वीकृत हो गया है। इस बजट से अब विभाग जरूरी और अधूरे काम पूरा करने की योजना बना रहा है। ताकि पुरानी देनदारी के साथ कुछ नए काम भी पटरी पर लाए जा सकें।

25 करोड़ मिले आपदा से 

लोनिवि को आपदा मद में अभी तक सिर्फ 25 करोड़ रुपये मिले हैं। इस बार कड़े मानक तय होने से आपदा का पैसा खर्च करना भारी पड़ रहा है। छोटे कामों का भुगतान करने के बाद बड़े कामों के लिए शासन से बजट की मांग कर रहा है। बजट मिलने के बाद ही इसकी भरपाई होगी।

एचओडी (उत्तराखंड) एचके उप्रेति का कहना है कि एडीबी से करीब 280 करोड़ का बजट मिला है। इसमें 150 करोड़ पुल पर खर्च किए जाएंगे। बाकी बजट से जो जरूरी होगा, उस पर खर्च किया जाएगा। इससे काफी हद तक बजट की समस्या कम हो जाएगी।

मीडिया प्रभारी (ठेकेदार एसोसिएशन) अचिन गुप्ता का कहना है कि इन दिनों पुराने कामों को पूरा किया जा रहा है। अभी भी विभाग पर करोड़ों की देनदारी बाकी है। पूर्व में जो वायदे किए थे, वह भी पूरे नहीं हुए। जनवरी में आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।

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