उत्तराखंड समाचार

शिक्षक दिवस पर बोले सीएम, शिक्षा की गुणवत्ता में राज्य सबसे पीछे

देहरादून : शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशभर के शिक्षकों से संवाद किया। इस दौरान सीएम ने कहा कि शिक्षकों का एक अलग स्थान होता है। अपने संबोधन में सीएम ने यह भी कहा कि सरकारी स्कूलों में 12 बच्चों पर एक शिक्षक है, जबकि निजी स्कूलों में 25 बच्चों पर एक शिक्षक है। ऐसे में सरकारी शिक्षा की हालत में सुधार न होना चिंता का विषय है।

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशभर के शिक्षकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया। इस दौरान उन्होंने शिक्षकों से सभी बच्चों का आधार कार्ड बनाने और विद्यालय में शैक्षणिक माहौल बेहतर बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि शिक्षक ही राष्ट्र के निर्माता होते हैं और उन्हीं के ऊपर बच्चों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी होती है।

वहीं सीएम ने नैनीताल जिले के एनआइसी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इस दौरान अपर निदेशक डॉ. मुकुल सती के अलावा शासकीय और अशासकीय विद्यालयों के 25 शिक्षक शिक्षिकाएं शामिल हुए। करीब 50 मिनट के संबोधन में सीएम ने कहा कि बच्चों की कमी की वजह से राज्य में 385 प्राथमिक और 73 उच्च प्राथमिक स्कूल बंद हो चुके हैं।

सीएम ने कहा कि देश में उत्तराखंड प्रति बच्चा शिक्षा पर सर्वाधिक खर्च कर रहा, मगर शिक्षा की गुणवत्ता में राज्य सबसे पीछे है। यह शिक्षकों को सोचना होगा। जापान व जर्मनी का उदाहरण देते हुए कहा कि शिक्षकों को अपनी मांगों के लिए हड़ताल कभी नहीं करनी चाहिए। इस दौरान मौजूद सभी शिक्षक सीएम के संबोधन से बेहद खुश नजर आए, साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार रिक्त पदों को भरेगी।

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