खेल

सम्मान को शायद ज्यादा मेहनत की है दरकार: भूमिका शर्मा

देहरादून : हर खिलाड़ी को सम्मान की चाह होती है। वो भी तब जब लीक से हटकर कुछ कर दिखाया हो। खासकर उस क्षेत्र में जहां पुरुषों का वर्चस्व हो। लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश व प्रदेश का नाम रोशन करने पर भी जब अपने ही प्रदेश में कोई पूछनहार न हो तो यही लगता है कि शायद और मेहनत की जरूरत है, ताकि प्रदेश सरकार उनकी सुध ले। वर्ल्‍ड बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में 50 महिला बॉडी बिल्डरों को पछाड़कर खिताब जीतने वाली भूमिका शर्मा का तो यही कहना है। अंतरराष्ट्रीय फलक पर उपलब्धि हासिल करने के बाद भी भूमिका को प्रदेश सरकार की ओर से न तो किसी पुरस्कार की बात हुई और न उन्हें अभी तक सम्मानित किया गया।

सहस्रधारा रोड निवासी भूमिका शर्मा ने मात्र तीन साल में बॉडी बिल्डिंग में ऊंचा मुकाम हासिल किया। भूमिका राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित हंसा मनराल शर्मा की बेटी हैं, हंसा खुद वेटलिफ्टर रहने के साथ ही राष्ट्रीय कोच भी रह चुकी हैं। भूमिका ने मां से प्रेरित होकर पुरुष प्रधान खेल बॉडी बिल्डिंग में दमखम दिखाने का निर्णय लिया। 17-18 जून तो वेनिस इटली में आयोजित हुई वर्ल्‍ड बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में खिताब जीता। भूमिका का कहना है कि देश के लिए उपलब्धि हासिल करने के बावजूद प्रदेश सरकार की ओर से कोई सुध नहीं ली गई।

यह जरूर है कि राष्ट्रीय खेल दिवस पर राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पदक विजेताओं के सम्मान समारोह में भूमिका को आमंत्रित किया गया है। बकौल भूमिका, मुझे ज्यादा मेहनत करनी होगी ताकि प्रदेश सरकार से सम्मान मिल सके। मैं फिलहाल मिस यूनिवर्स की तैयारी कर रही हूं। अफगानिस्तान में बनने वाली कोड अल फिल्म में कमांडो के रोल मिला है। जल्द ही इसकी शूटिंग शुरू होगी।

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