उत्तर प्रदेश

सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ तरीके से संचालित करने के लिए कटिबद्ध है: उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा

लखनऊ: शिक्षा एवं कौशल विकास भारत सरकार की प्राथमिकता है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रतिभा की प्रचुरता है। उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने आज यहां चक गजरिया, सुल्तानपुर रोड लखनऊ स्थित एच०सी०एल आई टी सिटी में कैरियर विकास कार्यक्रम के अंतर्गत लखनऊ व आसपास के जिलों में  इंटर पास  विद्यार्थियों को  रोजगार प्रदान किए जाने के संदर्भ में आयोजित कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर यह विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं में कौशल विकास हेतु प्रदेश में 2700 कौशल विकास केंद्र खोलने पर विचार कर रही है, इसके साथ साथ युवाओं में कौशल विकास हेतु स्किल कनेक्ट एप का भी विकास किए जाने पर विचार किया जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि कौशल विकास केंद्र के माध्यम से देश के युवाओं कौशल का विकास किया जा सके, जिससे छात्र-छात्राएं अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के साथ-साथ रोजगार भी पाने में सक्षम हो सके और बेरोजगारी को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि  कार्य एकीकृत उच्च शिक्षा कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों के भविष्य को संवारने का जो काम किया है यह बहुत ही सराहनीय है। इस कार्यक्रम के द्वारा चयनित छात्रों को कंपनी द्वारा दिए जाने वाले प्रशिक्षण से उनको रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और वह देश के निर्माण में अपनी तकनीकी क्षमता का योगदान दे सकेंगे । अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त बिट्स पिलानी एवं सहस्त्र यूनिवर्सिटी, तमिलनाडु के माध्यम से भी प्रदेश के युवाओं में कौशल विकास हेतु सहयोग किया जाएगा और स्नातक और परास्नातक की उपाधियां नौकरी के साथ-साथ प्रदान की जाएगी। इसके अलावा इस क्षेत्र में अन्य कंपनियों के माध्यम से भी सहयोग लिया जाएगा जिससे देश की युवा आबादी में बेरोजगारी की समस्या का समाप्त किया जा सके।

     डॉ दिनेश शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि उत्तर  सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ तरीके से संचालित करने के लिए कटिबद्ध है। विद्यालय में शिक्षकों द्वारा शैक्षिक पंचांग के अनुसार शिक्षण कार्य, सहपाठी  क्रियाकलापों के माध्यम से छात्रों के बौद्धिक एवं नैतिक स्तर का विकास तथा खेलकूद के माध्यम से छात्रों की शारीरिक दक्षता के विकास पर विशेष बल दिया जा रहा है।  माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित हाई स्कूल इंटरमीडिएट परीक्षाओं की पवित्रता एवं स्वच्छता को बनाए रखते हुए अनुचित साधन विहीन परीक्षाएं संचालित कराने के लिए प्रदेश सरकार कटिबद्ध है। इसी को ध्यान में रखते हुए सभी परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे एवं वॉइस रिकॉर्डर भी लगवाए गए हैं। गुणवत्ता परक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया गया, माध्यमिक शिक्षा से ग्रामीण क्षेत्रों को संतृप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने पंडित दीनदयाल मॉडल राजकीय बालक एवं बालिका विद्यालय की स्थापना प्रदेश स्तर पर किया का रहा है, प्रत्येक मंडल में एक राजकीय विद्यालय को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करते हुए सभी संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, केंद्र सरकार द्वारा संचालित की गई कौशल विकास योजना के अनुसार प्रदेश सरकार युवा शक्ति के भविष्य को उज्जवल करके उनके विकास एवं देश के निर्माण में उनकी सहभागिता प्राप्त करने के लिए प्रयत्न शील है। कंपनी द्वारा प्रारंभ किए जा रहे इस कार्यक्रम में प्रदेश सरकार पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी। कक्षा 12 उत्तीर्ण करने वाले छात्र इस कार्य एकीकृत शिक्षा कार्यक्रम में सम्मिलित होकर कंपनी के सहयोग से अपने जीवन को संवारेंगे तथा देश के निर्माण में अपनी ऊर्जा, क्षमता एवं प्रतिभा का रचनात्मक योगदान देंगे।

    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने आज यहां आईटी सिटी, लखनऊ में देश की प्रमुख आईटी कंपनियों में से एक एच0सी0एल0 द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अकादमिक रूप से होनहार 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए कैरियर प्रारंभ करने के लिए ष्कार्य एकीकृत उच्च शिक्षा कार्यक्रमष् का शुभारंभ किया।  इस अवसर पर डॉ दिनेश शर्मा  ने एचसीएल की एक  वेबसाइट ीबसपजबपजलसनबादवूण्बवउ की भी शुरूआत की। एचसीएल का अर्ली कैरियर प्रोग्राम अकादमिक रूप से होनहार 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्रों के लिए है जो जल्द कैरियर शुरू करना चाहते हैं, आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनना चाहते हैं और ट्रेंडसेटर्स बनना चाहते हैं। एचसीएल का अर्ली कैरियर प्रोग्राम – टेक बी कार्य एकीकृत उच्च शिक्षा कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम एचसीएल में आईटी नौकरियों में प्रवेश के लिए तकनीकी और व्यावसायिक रूप से छात्रों को तैयार करता है। उम्मीदवारों को सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए पहले व्यापक 15 महीने का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। एचसीएल में नौकरी करते हुए, छात्र आईटी कार्यक्रम में मास्टर्स में भी नामांकन  करा सकते हैं जो प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों द्वारा ऑफर किया जाता है। 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्र इस कार्यक्रम के लिए पात्र हैं। गणित विषय वाले छात्र जिन्होंने सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड में 80 प्रतिशत या उससे अधिक तथा उत्तर प्रदेश राज्य बोर्ड में 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक हासिल किये हों, वे इस कार्यक्रम के लिए पात्र हैं। इस कार्यक्रम के लिए चयन प्रक्रिया में ऑनलाइन परीक्षा, साक्षात्कार, काउंसलिंग और चिकित्सीय परीक्षण शामिल हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम एचसीएल लखनऊ कैंपस में आयोजित किया जाएगा

    इसे भारत में पहली बार शुरू किया गया है, जब एक आईटी कंपनी 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्रों को आईटी इंजीनियर की नौकरी की पेशकश कर रही है। इस कार्यक्रम के द्वारा पहले दिन से छात्र आर्थिक रूप से स्वावलंबी हो जाते हैं और  उन्हें पूरे प्रशिक्षण कार्यक्रम की अवधि के दौरान 1,50,000 रुपये (या हर महीने 10000 रुपये) का स्टाइपेंड मिलता है व प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल समापन के बाद एचसीएल नौकरी की गारंटी देती है।

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