होम स्टे योजना भी नहीं लुभा पा रही सैलानियों को
देहरादून : पलायन का दंश झेल रहे उत्तराखंड के गांवों में पर्यटन के जरिये स्वरोजगार मुहैया कराने की कोशिशों को पंख नहीं लग पा रहे हैं। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की होम स्टे (अतिथि गृह आवास) योजना इसका उदाहरण है। पर्यटक स्थलों के नजदीकी गांवों में सैलानियों के रहने की व्यवस्था से जुड़ी योजना को लेकर ग्रामीणों की उत्सुकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 21 माह में सिर्फ 273 लोगों ने आवेदन किए हैं। इसमें भी सात जिले ऐसे हैं, जिनमें आवेदकों की संख्या दहाई तक नहीं पहुंच सकी है।
राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण कई पर्यटक स्थल हैं, जहां सैलानियों के लिए ठहरने और भोजन की उचित सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में वहां सैलानियों की आमद नहीं हो पाती। यही नहीं, प्रमुख पर्यटक स्थलों में भी सीजन के दरम्यान भीड़ बढ़ने से वहां पर्यटकों के रहने की दिक्कत खड़ी हो जाती है। इससे निबटने के लिए पर्यटन विकास परिषद ने होम स्टे योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया।
योजना के मुताबिक गांवों में दो से लेकर छह कक्षों को आवास गृह के रूप में तब्दील कर वहां सैलानियों के लिए न सिर्फ ठहरने व भोजन की उचित व्यवस्था होगी, बल्कि वे यहां की सभ्यता, संस्कृति से भी रूबरू हो सकेंगे।
25 फरवरी 2016 को योजना का शासनादेश होने के बाद इसे लेकर जोरशोर से प्रचार भी हुआ, लेकिन ग्रामीणों ने इसमें खास रुचि नहीं दिखाई। अब तक आए महज 273 आवेदन इसकी तस्दीक करते हैं। हालांकि, परिषद की मानें तो कम आवेदनों के पीछे जानकारी का अभाव हो सकता है। इसे देखते हुए अब पर्यटक स्थलों के नजदीकी गांवों में योजना और इससे संबंधित रियायतों आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी। उम्मीद है कि इस साल आवेदकों की संख्या 500 का आंकड़ा पार कर लेगी।
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के कार्यक्रम निदेशक पुरुषोत्तम ने बताया कि होम स्टे योजना में आवेदकों की संख्या बढ़ाने के मद्देनजर लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस कड़ी में पहले उन पर्यटक स्थलों के नजदीकी गांवों पर फोकस किया जा रहा है, जिनमें ठहरने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। ऐसी व्यवस्था भी की जा रही कि सैलानी उन गांवों तक पहुंचे, जहां होम स्टे के तहत व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
होम स्टे में आवेदन
जिला संख्या
टिहरी—————————–65
अल्मोड़ा————————–63
देहरादून————————–53
नैनीताल————————-40
उत्तरकाशी———————–19
बागेश्वर————————–14
हरिद्वार————————–05
पिथौरागढ़————————05
पौड़ी——————————-02
चमोली—————————-02
चंपावत—————————-02
उधमसिंहनगर——————–02
रुद्रप्रयाग————————–01