उत्तर प्रदेश

इस वर्ष 10,000 सोलर फोटोवोल्टाइक सिंचाई पम्प स्थापित होंगे: ब्रजेश पाठक

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य के अतंर्गत किसानों को सोलर फोटोवोल्टाइक पम्प के माध्यम से सिंचन सुविधा सुलभ कराने की व्यवस्था को और प्रभावी बनाया जा रहा है। इस वर्ष 10,000 सोलर सिंचाई पम्पों के स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। पम्पों की स्थापना के कार्य को प्रमुखता से पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए है। सिंचाई हेतु सोलर फोटोवोल्टाइक पम्प अत्यंत ही उपयोगी साधन है।

यह जानकारी प्रदेश के अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री ब्रजेश पाठक ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि गत वित्तीय वर्ष में 9656 सोलर सिंचाई पम्पों की स्थापना कराई गई। उन्होंने बताया कि किसानों को अनुदान पर सोलर सिंचाई पम्प उपलब्ध कराये जा रहे है। यह सिंचाई पम्प योजना कृषि विभाग एवं यूपी नेडा द्वारा संयुक्त रूप से संचालित है। योजनान्तर्गत सोलर सिंचाई पम्पों की स्थापना के उपरांत पांच सालों के कम्प्रीहेंसिव रख रखाव की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।

श्री पाठक ने बताया कि 2 एच.पी.डी.सी. सर्फेस सोलर पम्प की अनुमोदित दर 1,24,420 रुपये है। इसमें केन्द्र व राज्य सरकार का अनुदान कुल 87094 रुपये है। इसमें लाभार्थी कृषक का अंशदान 37326 रुपये है। इसी प्रकार 3 एच.पी.डी.सी. सवमर्सिवल पम्प की अनुमोदित दर 188600 रुपये है। इसमें केन्द्र एवं राज्य सरकार का अनुदान 132020 रुपये है। इसमें लाभार्थी कृषक का अंशदान 56580 रुपये है। इसी प्रकार 3 एच.पी.एसी. सवमर्सिवल सोलर पम्प की दर 184554 रुपये है। इसमें केन्द्र एवं राज्य सरकार का अनुदान 129188 रुपये है। लाभार्थी कृषक का अंशदान 55366 रुपये होगी। इनके अतिरिक्त 5 एच.पी.एसी. सवमर्सिवल पम्प की अनुमोदित दर 243590 रुपये है। इसमें केन्द्र एवं राज्य सरकार का अनुदान 97436 रुपये है। लाभार्थी कृषक का अंशदान 146154 रुपये है।

श्री पाठक ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी सोलर फोटोवोल्टाइक पम्प के प्रयोग से किसानों को अनेक लाभ है। इस पम्प के उपयोग से क्षारीय भूमि में स्थायित्वकरण आता है और सुधार होता है। किसी पारम्परिक ईधन यथा-विद्युत कोयला एवं पेट्रोल/डीजल आदि की आवश्यकता नहीं रहती है। उन्होंने बताया कि ग्रिड संयोजित विद्युत ऊर्जा की भी आवश्यकता नहीं होती है।

अतिरिक्त ऊर्जा óोत मंत्री ने बताया कि सौर विद्युत पारेषण लाइन्स में अत्यधिक व्ययों से बचत होती है। डीजल एवं ग्रिड संयोजित विद्युत ऊर्जा का संरक्षण होता है। ये पम्प अत्यधिक विश्वसनीय एवं व्यवधान मुक्त संचालित रहते है। उन्होंने बताया कि इनका संचालन एवं रख रखाव अत्यंत ही आसान है। फोटोवोल्टाइक सोलर पम्प पर्यावरण प्रदूषण मुक्त होते है। इसके साथ ही इन पम्पों के माध्यम से लगभग पूरे वर्ष जल की उपलब्धता बनी रहती है। उन्होंने किसानों को इन सोलर पम्पों का अधिकाधिक उपयोग करने की सलाह दी है।

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