प्रदेश में 15.45 लाख किसानो को बाॅटा जा चुका है 5163 करोड़ का ऋण: मुकुट बिहारी वर्मा
लखनऊ: प्रदेश के कृषकों की आय में वृद्धि करने हेतु सहकारिता विभाग बड़ी भूमिका निभा रहा है। सहकारी संस्थाओं द्वारा कृषि कार्यों के लिये लगभग 15.45 लाख किसानों को 5163 करोड़ रूपये ऋण के रूप में वितरित किये गये है।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा ने सहकारी संस्थानों के अधिकारियों को ऋण वितरण में तेजी लाने के कड़े निर्देश दिये हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि कहीं से भी यदि किसानों को ऋण देने में हीला हवाली या उत्पीड़न की शिकायते प्राप्त हुयी तो जांच कराकर जिम्मेदारी तय करते हुये कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
सहकारिता मंत्री ने बताया है कि सहकारिता विभाग में कृषकों, विशेष रूप से निर्बल वर्ग के समिति सदस्यों को अल्पकालीन फसली ऋण, उर्वरक एवं उन्नतशील बीज आदि का वितरण किया जाता है। कृषकों को फसल उगाने एवं उनकी आय में वृद्धि करने के लिए सहकारी साख का त्रिस्तरीय ढांचा है, जिसमें प्रदेश स्तर पर उ0प्र0 कोआपरेटिब बैंक लि0 लखनऊ, जिला स्तर पर 50 जिला सहकारी बैंक कार्यरत है, और न्याय पंचायत स्तर पर 7,479 प्रारम्भिक कृषि ऋण सहकारी समितियाॅ (पैक्स) कार्यरत है। इसके साथ-साथ दीर्घकालीन ऋण वितरण उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक की कुल 323 शाखाओं के माध्यम से किया जा रहा है।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि वर्ष 2018-19 के लिये अल्पकालीन ऋण वितरित लक्ष्य 7911.72 करोड़ रूपये के सापेक्ष लगभग 5163.17 करोड़ का ऋण वितरित किया गया है। अब तक हुए ऋण वितरण से कुल 15.45 लाख कृषक सदस्य लाभान्वित हुए है। वर्ष 2019-2020 हेतु अल्पकालीन ऋण वितरित किये जाने का 9500.00 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है, जिसके सापेक्ष अबतक 2028.78 करोड़ का अल्पकालीन ऋण वितरण किया जा चुका है। वर्ष 2018-2019 के लिये दीर्घकालीन ऋण वितरित किये जाने के लक्ष्य 700.00 करोड़ रू0 के सापेक्ष अब तक 119.61 करोड़ रू0 का ऋण वितरण हो चुका है।
श्री वर्मा ने बताया कि प्रदेश में किसानों को प्रारम्भिक कृषि ऋण सहकारी समितियों के माध्यम से बेहतर ढंग से ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु दिसम्बर 1999 से प्रदेश में किसान के्रडिट कार्ड योजना लागू की गयी है, वर्ष 2018-19 में अब तक 18.62 लाख किसानों को किसान के्रडिट कार्ड बनाये गये।
सहकारिता मंत्री ने किसानों से अपील की है कि वे कृषि कार्यों हेतु सहकारी संस्थाओं से आवश्यकतानुसार ऋण लेकर अपनी आय बढ़ाये और यदि कही कोई परेशानी हो तो अधिकारियों से सम्पर्क करें। उन्होंने अधिकारियों को भी चेतावनी दी है कि किसानों को ऋण प्राप्त करने में कोई परेशानी न हों उन्हें अनावश्यक दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़े। यह सुनिश्चित किया जाये।