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बीएसएफ और बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (बीजीबी) के महानिदेशकों का 49 वां सीमा समन्वय सम्‍मेलन

नई दिल्ली: भारत और बांग्लादेश के सीमा सुरक्षा बलों के बीच महानिदेशक स्‍तर की वार्ता 25 दिसंबर से 30 दिसंबर 2019 तक नयी दिल्‍ली में आयोजित की गई। वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक श्री विवेक जौहरी ने किया जबकि बंगलादेश बार्डर गार्ड (बीजीबी) का नेतृत्‍व बल के महानिदेशक मेजर जनरल मोहम्‍मद शफीनुल इस्‍लाम ने किया।

वार्ता के एजेंडे में मादक पदार्थों, सोने, जाली मुद्रा, मेवेशियों तथा मानवों की तस्‍करी, अवैध रूप से सीमा पार करने की गतिविधियों, अंतरराष्‍ट्रीय सीमा पर बीएसएफ के जवानों और भारतीय नागरिकों तथा बंग्‍लादेश के नागरिकों की मौत और घायल होने की घटनाओं के अलावा बांग्‍लादेश में सक्रिय भारत के विद्रोही गुटों के खिलाफ कार्रवाई तथा अंतरराष्‍ट्रीय सीमा के दोनों ओर 150 यार्ड के भीतर बाड़ लगाने और दुर्गम भौगोलिक क्षेत्र की कठिनाइयों के बावजूद सीमा पर निगरानी मजबूत करने के उपयों पर भी  विचार विमर्श किया गया।

ऐजेंडा में शामिल बिंदुओं पर गहन चर्चा के बाद दोनों पक्षों ने वार्ता के नतीजों पर अमल करने पर सहमति जताई। वार्ता के बाद दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों के महानिदेशकों ने चर्चा के मुख्‍य बिंदुओं पर संयुक्‍त रूप से हस्‍ताक्षर किया हुआ एक रिकार्ड पत्र जारी किया जिसमें निम्‍ननिखित बातें शामिल है:–

●          आपराधिक गतिविधियों को रोकने के दौरान सीमाओं पर बीएसएफ कर्मियों की मौत

या चोट पहुंचने की घटनाओं की रोकथाम के उपाय,  मेवेशियों की तस्‍करी के साथ ही किसी भी तरह की आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किये जाने पर सहमति तथा सीमाओं पर शांति बनाए रखना सुनिश्चित किया जाना।

●          सीमाओं पर बांग्लादेशी नागरिकों की मौत की घटनाओं पर बीजीबी की चिंताओं पर

ध्‍यान दिया जाना, सीमा पर बीएसएफ कर्मियों द्वारा गैर-घातक हथियारों के इस्‍तेमाल   का कड़ाई से पालन किया जाना। गश्ती दल पर फायरिंग किए जाने या फिर दाह आतंकवादियों द्वारा हमले की स्थिति में बीएसएफ द्वारा आत्‍मरक्षा में फायरिंग किया जाना तथा यह निर्दिष्‍ट करना कि बीएसएफ राष्‍ट्रीय के आधार पर अपराधियों के बीच भेदभाव नहीं करता।  ●         बांग्‍लादेश में पनाह लिए हुए भारती उग्रवादी गुटों के संबंध में बांग्‍लादेश बॉर्डर गार्ड ने बताया कि बांग्‍लादेश किसी भी आंतकी संगठन को दूसरे देश खिलाफ आंतकी ग‍तिविधियां चलाने के लिए अपनी जमीन के इस्‍तेमाल की इजाजत नहीं देता। हालांकि फिर भी उसने इस बात पर सहमति जताई कि यदि किसी तरह के उपद्रवी तत्‍व उसके यहां है तो उनके खिलाफ कार्रवाई जरूर की जाएगी।

●       मादक पदार्थों और हथियारों की तस्‍करी पर  बीजीबी की चिंताओं को ध्‍यान में रखते हुए दोनों पक्षों ने ऐसी गतिविधियों की रोकथाम के लिए मिलकर उपाय करने तथा ऐसी गतिविधियों में शामिल अपराधियों के बारे में वास्‍तविक सूचनाएं और जानकारी साझा करने  पर सहमती जताई।

●          सीमा सुरक्षा ग्रिड से संबंधित मुद्दों से निबटने के लिए बनायी गयी सीमा समन्‍वय प्रबंधन योजना के महत्‍व को साझा करना। दोनों पक्षों ने फिर से दोहराया कि वे सीमावर्ती क्षेत्रों में अपराधों की संख्‍या और चलन को देखते हुए संवेदनशील क्षेत्रो कों संयुक्‍त रूप से चिन्हित करने का काम करेंगे।

दोनों पक्षों ने सम्मेलन में सौहार्दपूर्ण वातारण में हुयी रचानात्‍मक चर्चाओं पर संतोष व्‍यक्‍त किया और कहा कि यह दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को दर्शाता है। दोनों पक्ष सम्मेलन में लिए गए निर्णयों के शीघ्र कार्यान्वयन पर भी सहमत हुए।

भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा सुरक्षा बलों के महानिदेशकों के स्तर पर वार्ता लंबे समय से जारी है। वार्ता हर साल दो बार आयोजित की जाती है – एक बार भारत में और एक बार बांग्लादेश में। वार्ता में सीमा स्तर के समन्वय सम्मेलनों की पद्धति का पालन किया जाता है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार इस बार की वार्ता नयी दिल्‍ली में आयोजित की गई।

भारत और बांग्‍लादेश सभ्‍यताओं की एक समान विरासत साझा करते हैं। पड़ोसी होने के नाते दोनों देशों के बीच एक समान मुद्दों से जुड़े कई ऐसे विषय है जिनपर विस्‍तार से चर्चा की संभावनाएं बनी रहती हैं।  उपर्युक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों ने एक ऐसी सशक्‍त प्रणाली स्थापित की है जिसके माध्यम से सीमाओं की निगरानी और प्रबंधन में सहयोग सुनिश्चित किया जा रहा है।

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