उत्तर प्रदेश

प्रदेश में 52,50,000 गोटापाक्स वैक्सीन क्रय की गयी एवं 50,00,000 खुराक वैक्सीन क्रय हेतु आदेश जारी: धर्मपाल सिंह

लखनऊः उत्तर प्रदेश के पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने आज यहां विधानभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में लम्पी स्किन डिजीज से बचाव एवं रोकथाम के संबंध में विस्तृत समीक्षा बैठक की। उन्होंने लम्पी रोग से प्रभावित ग्रामों, पशुओं के टीकाकरण के संचालन तथा इम्युनिटी बेल्ट बनाने के बारे में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। अब तक प्रदेश में 52,50,000 गोट पाक्स वैक्सीन क्रय की जा चुकी है, जिसमें से 15,06,095 खुराक वैक्सीन प्रयुक्त की जा चुकी है और 37,43,905 खुराक रिजर्व में संरक्षित है तथा 50,00,000 खुराक वैक्सीन क्रय हेतु आदेश निर्गत किये जा चुके है। प्रभावित जनपदों में 1506095 पशुओं का टीकाकरण किया गया है।
पशुधन मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने प्रदेश के पश्चिमांचल के 17 जनपदों की 3268 गौशालाओं में टीम बनाकर आज 13 सितम्बर से 05 दिन का लक्ष्य निर्धारित कर सभी 4,24,330 पशुओं का टीकाकरण का कार्य कराये जाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। पश्चिमांचल के 17 जनपदों की गौशालाओं में संरक्षित 4,24,330 पशुओं में 12 सितम्बर तक 252800 पशुओं का टीकाकरण किया गया है।
लम्पी स्किन डिजीज से प्रभावित 25 जनपदों में 2526 प्रभावित गॉवों में 24850 पशु प्रभावित हुए थे, जिसमें से 14101 पशु स्वस्थ हुए है अन्य पशुओं का उपचार एवं देखभाल की जा रही है। बैठक में पशुपालन मंत्री श्री धर्मपाल सिंह को निदेशक डा0 पी0के0 सिंह ने अवगत कराया कि लम्पी बीमारी का अन्य जनपदों में फैलाव रोकने हेतु 02 इम्यून बेल्ट निर्धारण किया गया है, जिससे कि बीमारी का आगे जनपदों में फैलाव न हो सके, जिसमें पीलीभीत से इटावा एवं इटावा से कानपुर नगर तक कुल 08 जनपदों के 32 विकास खण्डों के 2390 ग्राम पंचायतों में 4,88,983 पशुओं का सघन टीकाकरण कराया जा रहा है।
पशुधन मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम हेतु जारी गाइडलाइन के अनुसार प्रभावी कार्यवाही लगातार जारी रखी जाए और प्रदेश के बार्डर से लगे हुए अन्य राज्यों तथा प्रदेश के अन्तर जनपदीय पशु परिवहन पूर्णतया प्रतिबन्धित है तथा प्रदेश में अग्रिम आदेशों तक पशुओं का कोई भी हॉट/मेला इत्यादि के आयोजन पर भी प्रतिबन्ध का कड़ाई से पालन किया जाए।
बैठक में पशुपालन निदेशालय के निदेशक रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र डा0 पी0के0 सिंह, निदेशक प्रशासन एवं विकास डा0 इन्द्रमणि तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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