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उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री श्री रावसाहेब पाटील दानवे के नेृतत्‍व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर

नई दिल्ली: उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री श्री रावसाहेब पाटील दानवे के नेतृत्व में भारत सरकार का एक उच्‍च स्‍तरीय प्रतिनिधिमंडल, सिडनी विश्वविद्यालय के अंतर्गत ऑस्ट्रेलिया-भारत सहयोगात्मक उपभोक्ता संरक्षण परियोजना के दूसरे चरण में शामिल होने के लिए आज ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुआ।

1992 में स्थापित ऑस्ट्रेलिया-इंडिया काउंसिल (एआईसी) से प्राप्त धन और भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग एवं सिडनी विश्वविद्यालय के सहयोग के तहत ऑस्ट्रेलिया-भारत सहयोगी उपभोक्ता संरक्षण परियोजना का शुभारंभ किया गया है।

भारत से ऑस्ट्रेलिया के लिए एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के साथ-साथ नई दिल्ली में कार्यशालाओं और गोल-मेज सम्‍मेलनों (सिडनी विश्वविद्यालय द्वारा) के आयोजन के साथ इस परियोजना को चार चरणों में कार्यान्वित किया जाएगा। तीसरे चरण के तहत भारत से ऑस्ट्रेलिया के लिए ऑस्ट्रेलियाई प्रतिस्‍पर्धा और उपभोक्ता आयोग के लिए अधिकारिक व्‍यक्ति की रवानगी, जबकि चौथे चरण के तहत नई दिल्ली (सिडनी विश्वविद्यालय द्वारा) में विशेष कार्यशालाओं का आयोजन शामिल हैं।

इस अवसर पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्‍व कर रहे उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री श्री रावसाहेब पाटील दानवे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में,  देश में उपभोक्ताओं के सभी अधिकारों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है। उन्‍होंने कहा कि संसद द्वारा पारित उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 सभी अनुचित व्यापार कार्यप्रणालियों से उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह विधेयक पहले ही संसद द्वारा पारित किया जा चुका है और वर्तमान में इसके अंतर्गत नियम और विनियम तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है।

श्री रावसाहेब पाटील दानवे ने कहा कि इस प्रक्रिया में ऑस्ट्रेलियाई-भारत परिषद और उपभोक्ता मामले विभाग अत्‍यंत निकटता के साथ कार्य कर रहे हैं। इस परियोजना का मूल उद्देश्य इस क्षेत्र की अंतर्राष्ट्रीय कार्यप्रणालियों को समझना और नए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के नियमों और विनियमों को और मजबूत बनाना है। उन्‍होंने कहा कि यह विधेयक देश के उपभोक्ताओं को और अधिक सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाएगा। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि सिडनी विश्वविद्यालय और भारत सरकार दोनों के द्वारा किए गए इस सहयोगात्मक प्रयासों के उत्कृष्ट परिणाम सामने आएंगे और इनसे उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा और सेवा की जा सकेगी। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सरकार ‘ग्राहक देवो भव:’ के मंत्र पर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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