उत्तर प्रदेश

पशुपालन विभाग द्वारा घोड़ों, गधों एवं खच्चरों में होने वाली ग्लैण्डर्स बीमारी की रोकथाम संबधित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

लखनऊ: पशुपालन विभाग, उ0प्र0 द्वारा दिनांक 12.03.2022 को प्रातः 11 बजे से घोड़ों, गधों एवं खच्चरों में होने वाली ग्लैण्डर्स बीमारी की रोकथाम हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम पशुपालन निदेशालय बादशाहबाग लखनऊ में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के समस्त जनपदों से नामित नोडल अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ श्री सुधीर गर्ग आई0ए0एस0 प्रमुख सचिव, पशुधन उ0प्र0 शासन द्वारा किया गया। प्रमुख सचिव महोदय द्वारा इस अवसर पर सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र हिसार द्वारा अश्वों में ग्लैण्डर्स रोग की पुष्टि किये जाने पर त्वरित कार्यवाही करते हुए उनको दर्द रहित मृत्यु प्रदान की जाये। मृत्यु उपरान्त पशुमालिक को अविलम्ब क्षतिपूर्ति प्रदान की जाये।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में भारत सरकार से आये हुए रीजनल अधिकारी (पशु स्वास्थ्य) डा0 विजय तेवतिया द्वारा नेशनल एक्शन प्लान फार इरेडिकेशन आफ ग्लैण्डर्स 2019 के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया। उनके द्वारा सभी नोडल अधिकारियों से आग्रह किया गया कि सभी जनपदों से लक्ष्य के अनुसार प्रतिमाह परीक्षण हेतु सीरम सैम्पिल प्रेषित करते रहें।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री देवेन्द्र कुमार पाण्डेय, आई0ए0एस0 विशेष सचिव, पशुधन उ0प्र0 शासन द्वारा इस अवसर पर सभी नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्लैण्डर्स रोग की रोकथाम हेतु नियमित रूप से परीक्षण हेतु अश्व प्रजाति के पशुओं के सीरम सैम्पिल राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र हिसार प्रेषित करते रहें। इस सर्विलियान्स कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता न की जाये।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में ब्रुक्स इंडिया के डा0 मनीष राय, कुमार गंज विश्वविद्यालय के डा0 सत्यव्रत सिंह एवं डा0 ए0पी0 सिंह, मथुरा पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा नवीनतम तकनीक पर व्याख्यान दिये गये। साथ ही विभाग के निदेशक, प्रशासन एवं विकास डा0 इन्द्र मनि तथा निदेशक रोग नियन्त्रण एवं प्रक्षेत्र, डा0 जीवन दत्त द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित विभागीय अधिकारियों से समयबद्ध रूप से कार्य करने की अपेक्षा की गई।

ग्लैण्डर्स/फार्सी सर्विलियेन्स योजना को सफल संचालन के लिये भारत सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अन्तर्गत वित्त पोषण किया जा रहा है। कार्यक्रम का संचालन डा0 एस0के0 अग्रवाल, संयुक्त निदेशक (इपीडी0) द्वारा किया गया।

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