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एडीबी और भारत ने तमिलनाडु औद्योगिक गलियारे में सड़क नेटवर्क के उन्नयन के लिए 484 मिलियन डॉलर के ऋण पर हस्ताक्षर किए

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और भारत सरकार ने आज यहां तमिलनाडु में चेन्नई-कन्याकुमारी औद्योगिक गलियारे (सीकेआईसी) में परिवहन संपर्क में सुधार और औद्योगिक विकास को सुगम बनाने के लिए 484 मिलियन डॉलर के ऋण पर हस्ताक्षर किए।

सीकेआईसी भारत के पूर्वी तट आर्थिक गलियारे (ईसीईसी) का हिस्सा है, जोकि पश्चिम बंगाल से लेकर तमिलनाडु तक फैला है और भारत को दक्षिण, दक्षिणपूर्व और पूर्वी एशिया के उत्पादन नेटवर्क से जोड़ता है। ईसीईसी के विकास में एडीबी भारत सरकार का प्रमुख भागीदार है।

इस ऋण समझौते पर तमिलनाडु औद्योगिक संपर्क परियोजना के लिए भारत सरकार की ओर से आर्थिक मामलों विभाग के अतिरिक्त सचिव श्री रजत कुमार मिश्रा और एडीबी की ओर से भारत में एडीबी के कंट्री डायरेक्टर श्री ताकेओ कोनिशी ने हस्ताक्षर किए।

श्री मिश्रा ने कहा कि “यह परियोजना संपूर्ण औद्योगिक समूहों, परिवहन गेटवे और उपभोग केन्द्रों में निर्बाध सड़क संपर्क प्रदान करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है और सीकेआईसी के लक्षित उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने के लिए उनके रसद और उत्पादन लागत को कम करने में मददगार है।”

श्री कोनिशी ने कहा कि “यह परियोजना एडीबी समर्थित सीकेआईसी व्यापक विकास योजना के तहत इस गलियारे के विकास के लिए पहचान की गई प्राथमिक बुनियादी ढांचा से संबंधित परियोजनाओं का हिस्सा है।” उन्होंने आगे कहा कि “इस परियोजना का समग्र उद्देश्य औद्योगिक विकास केन्द्रों के संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक परिवहन, ऊर्जा और शहरी बुनियादी ढांचे के प्रावधान के जरिए औद्योगिक परिवर्तन को बढ़ावा देना है।”

यह परियोजना सीकेआईसी के प्रभाव वाले क्षेत्रों में लगभग 590 किलोमीटर लंबे राज्य राजमार्गों का उन्नयन करेगी, जोकि तमिलनाडु में चेन्नई और कन्याकुमारी के बीच पड़ने 32 जिलों में से 23 जिलों को कवर करते हैं। दूरदराज के इलाकों और बंदरगाहों के साथ औद्योगिक केन्द्रों का उन्नत संपर्क विशेष रूप से वैश्विक उत्पादन नेटवर्क और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारतीय विनिर्माण की भागीदारी को बढ़ाने में मदद करेगी, जिससे इस गलियारे के इर्दगिर्द रोजगार पैदा होगा।

रणनीति 2030 और एडीबी की दीर्घकालिक कॉरपोरेट रणनीति के अनुरूप यह परियोजना स्थिरता, जलवायु परिवर्तन के लिहाज से लचीलापन और सड़क सुरक्षा से जुड़े तत्वों पर जोर देती है। सड़क परियोजनाओं के दीर्घकालिक रखरखाव के लिए सात साल के अनुबंध प्रदान किए जाते हैं। राजमार्ग के उन्नयन क्रम में बेहतर जल निकासी, महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सड़क के तटबंधों को ऊपर उठाने और पुलों एवं पुलियों का आकार बदलने समेत जलवायु परिवर्तन के अनुकूल उपायों को शामिल किया जाएगा। यह परियोजना सड़क निगरानी और प्रवर्तन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली उन्नत प्रौद्योगिकियों के माध्यम से सड़क सुरक्षा सुधार कार्यक्रमों को भी मजबूती प्रदान करेगी। इसके अलावा, यह परियोजना तमिलनाडु के राजमार्ग एवं लघु बंदरगाह विभाग की योजना निर्माण क्षमता में सुधार करने में मदद करेगी।

एडीबी चरम गरीबी को मिटाने के अपने प्रयासों को जारी रखते हुए एक समृद्ध, समावेशी, लचीला एवं टिकाऊ एशिया और प्रशांत क्षेत्र का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। 1966 में स्थापित  इस संस्थान में 68 सदस्यों का स्वामित्व है, जिनमें से 49 इस क्षेत्र के हैं।

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