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पूरी होने के बाद परियोजना सिंधु जल संधि के अनुसार भारत को आवंटित पूर्वी नदियों के पानी के उपयोग को बढ़ाएगी: डॉ. जितेन्‍द्र सिंह

नई दिल्ली: पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्‍य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री, डॉ. जितेन्‍द्र सिंह और केन्‍द्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया ने 03.02.2020 को जम्‍मू और कश्‍मीर की उझ बहुउद्देशीय (राष्ट्रीय) परियोजना, तेजी से लागू करने के लिए बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में जल शक्ति, नदी विकास और गंगा संरक्षण सचिव तथा जल शक्ति मंत्रालय, गृह मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय, पंजाब सरकार और केन्‍द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।

सिंधु जल संधि के तहत भारत के अधिकारों का तेजी से उपयोग करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के अनुसार, परियोजना का निर्माण उझ नदी पर जम्‍मू-कश्‍मीर  के कठुआ जिले में करने की योजना है। उझ नदी रावी नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है। यह परियोजना उझ नदी (रावी नदी की एक सहायक नदी) के 781 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी का भंडारण करेगी। परियोजना के निर्माण के बाद, सिंधु जल संधि के अनुसार भारत को आवंटित पूर्वी नदियों के पानी का उपयोग उस प्रवाह के माध्‍यम से बढ़ाया जाएगा जो अभी बिना उपयोग के ही सीमा पार जाता है।

यह निर्णय लिया गया कि परियोजना का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा। लगभग 5850 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजना के चरण-I को पहले ही जल शक्ति मंत्रालय की सलाहकार समिति द्वारा स्वीकार कर लिया गया है और अब धन की व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए व्यय वित्त समिति को प्रस्तुत किया जाएगा।

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