उत्तर प्रदेश

सभी चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ एवं टेक्नीशियन को समुचित प्रशिक्षण जरूरी: सीएम

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कोविड मरीजों की देखभाल में लगे हुए मेडिकल काॅलेजों के चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार संक्रमण रोकथाम एवं बचाव सम्बन्धी गाइडलाइन्स (आई0पी0सी0 प्रोटोकाॅल) का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी एवं निजी मेडिकल काॅलेजों में पी0पी0ई0 किट एवं एन-95 मास्क की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के मेडिकल काॅलेजों के प्रधानाचार्यों तथा चिकित्सा संस्थानों के निदेशकों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि क्षमता का आंकलन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में किया जाता है। इसलिए कोविड-19 के आपदा काल में बेहतर से बेहतर कार्य करना आवश्यक है। स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय एवं संवाद के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने संस्थानों के प्रमुखों को आश्वस्त किया कि कोविड-19 के खिलाफ जंग में प्रदेश सरकार हर प्रकार से सहयोग प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी मेडिकल काॅलेजों में वेण्टीलेटर एवं अन्य उपकरण क्रियाशील रहें। जहां वेण्टीलेटर कार्य कर रहे हैं, वहां पर वेण्टीलेटर संचालन हेतु आॅक्सीजन प्लाण्ट की क्रियाशीलता सुनिश्चित की जाए। इसके अतिरिक्त, पर्याप्त मात्रा में आॅक्सीजन सिलेण्डर की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। सभी चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ एवं टेक्नीशियन को समुचित प्रशिक्षण देना आवश्यक है। किसी की भी लापरवाही से अस्पताल में मेडिकल इंफेक्शन फैलने की स्थिति उत्पन्न न होने पाए। वाॅर्डों में सी0सी0टी0वी0 कैमरे की व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अस्पताल में भर्ती हो रहे कोविड संक्रमित मरीजों की देखभाल एवं उपचार प्रोटोकाॅल के अनुसार तैनात चिकित्सकों द्वारा नियमित रूप से किया जाए। वरिष्ठ चिकित्सकों एवं अधीक्षक द्वारा स्वयं वाॅर्ड का भ्रमण किया जाए। ऐसे मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल, जहां कोविड के अतिरिक्त नाॅन कोविड मरीज हेतु इमरजेंसी सर्विसेज एवं उपचार दिया जा रहा है, वहां यह सुनिश्चित किया जाए कि कोविड एवं नाॅन कोविड ब्लाॅक पूर्णतः अलग रहें। उनके शौचालय, लाॅण्ड्री एवं अन्य व्यवस्थाएं भी अलग-अलग होनी चाहिए एवं उनकी साफ-सफाई का पूर्ण ध्यान रखा जाए। चिकित्सा हेतु एक्टिव एवं पैसिव क्वारण्टीन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। क्वारण्टीन के सम्बन्ध में मेडिकल काॅलेज एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में समान तरह की गाइडलाइन्स को अमल में लाया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक दशा में यह प्रयास किया जाए कि कोरोना के कारण किसी मरीज की मौत न हो। यदि किसी कोरोना मरीज की मृत्यु होती है, तो उसके शव की देखभाल एवं अन्य प्रक्रिया के विषय में निर्गत दिशा-निर्देशों के अनुसार सावधानी बरती जाए। कोरोना से संक्रमित किसी भी मृत्यु की दशा में डेथ आॅडिट अवश्य कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बांदा, सहारनपुर, आजमगढ़, बस्ती एवं अयोध्या में स्थापित मेडिकल काॅलेजों में भी लेवल-3 स्तर के उपचार एवं सुविधाओं हेतु समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड तथा नाॅन-कोविड अस्पतालों में किसी भी दशा में मेडिकल इंफेक्शन नहीं होना चाहिए। इसलिए मेडिकल काॅलेजों में निर्धारित प्रोटोकाॅल का पूरी तरह पालन किया जाए। संक्रमण से सुरक्षा के सभी प्रबन्ध करते हुए इमरजेंसी सेवाओं को बनाए रखा जाए। उन्होंने कहा कि डाॅक्टरों के लिए अपनी सेवा के द्वारा समाज और रोगियों का दिल जीतने का यह एक अवसर है, इसलिए संवेदनशीलता के साथ मरीजों की सेवा व देखभाल होनी चाहिए।
डाॅक्टरों सहित सभी चिकित्सा कर्मियों के प्रशिक्षण पर बल देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अधिक से अधिक टेªनिंग कराई जाए। नर्स, वाॅर्ड ब्वाय, टेक्नीशियन सहित सभी पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित किया जाए। अस्पतालों में बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण की समुचित व्यवस्था की जाए। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। साफ-सफाई एवं रोगियों को उपलब्ध कराए जाने वाले पौष्टिक आहार के सम्बन्ध में किसी प्रकार की शिकायत नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में कोविड-19 की जांच हेतु 21 प्रयोगशालाएं क्रियाशील हैं। इनमें से 12 प्रयोगशालाएं प्रदेश के मेडिकल काॅलेजों में संचालित हैं। अब तक सवा लाख लोगों की टेस्टिंग हो चुकी है। वर्तमान में प्रतिदिन 5300 सैम्पल की जांच का लक्ष्य है। इसे बढ़ाते हुए 8 से 10 हजार जांच प्रतिदिन किया जाना है। इसके लिए आवश्यक मैनपावर तथा उपकरण की समय से व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिससे यह कार्य निर्बाध गति से आगे बढ़ सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों में आम जनता को उपचार की सुगम व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार टेलीमेडिसिन को बढ़ावा दे रही है। कोविड संक्रमित मरीजों की सुविधाओं और खान-पान के बारे में किसी भी प्रकार की शिकायत न मिले। इसी प्रकार क्वारण्टीन सेण्टर में भी व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त रखा जाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग समन्वय के साथ एक ही प्रोटोकाॅल के तहत कार्य करें। एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड अस्पतालों की व्यवस्थाएं प्रोटोकाॅल के तहत सुनिश्चित की जाएं। एल-2 अस्पतालों में आॅक्सीजन की व्यवस्था रहे। हर जनपद में वेण्टीलेटर उपलब्ध हैं।
मुख्यमंत्री जी ने आयुर्विज्ञान संस्थानों के निदेशकों तथा मेडिकल काॅलेज के प्रधानाचार्यों से यह अपेक्षा की कि वे प्रो-एक्टिव होकर कार्य करें। टीम लीडर के तौर पर अपने सहयोगियों तथा अधीनस्थों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करें। लापरवाही बरतने वालों की जवाबदेही तय करते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई करें। आॅक्सीजन उपलब्धता एवं फायर सेफ्टी के सभी इंतजाम किए जाएं। मेडिकल टीम की क्वारण्टीन अवधि पर विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आगरा, कानपुर, मेरठ, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, प्रयागराज, मुरादाबाद, मथुरा, झांसी, बांदा, गोरखपुर, अलीगढ़ तथा वाराणसी जनपदों में स्थित मेडिकल काॅलेजों तथा चिकित्सा संस्थानों के प्रमुखों के साथ संवाद किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री रजनीश दुबे ने कोविड-19 के सम्बन्ध में की जा रही व्यवस्थाओं और तैयारियों से मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा श्री अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार, निदेशक सूचना श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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