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हिमालय में कृषि उत्पादकता और बागवानी के लिए अनूप पटवाल को 2019 का हरेला सम्मान

उत्तराखंड हिमालय में कृषि बागवानी और उतापद्कता के लिए वर्ष 2019 का जसोदा नवानी हरेला सम्मान पनाउन थैलीसैन के अनूप पटवाल को दिया जाएगा सम्मान में 51000 की राशी अंगवस्त्र और उनके योगदान के निमित्त  मानपत्र भेंट किया जायेगा. हरेला सम्मान की घोषणा धाद के पदाधिकारियों ने प्रेस क्लब में आयोजित् प्रेस वार्ता में की.

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए धाद के अध्यक्ष लोकेश नवानी ने कहा की उत्तराखंड में आजीविका के विकल्पों के आभाव य कमतर विकल्पों के चलते के पर्वतीय क्षेत्रों में 200 वर्षों से पलायन जारी है जो राज्य गठन के बाद तीव्र हुआ है पर्वतीय कृषि निरंतर घट रही है और उत्पादन में ह्रास हो रहा है धाद मानती है कि निरंतर हो रहे पलायन का एक उत्तर यहाँ की उत्पादकता को प्रोत्साहित करते हुए आम समाज को इसके पक्ष में खड़ा करना है. पर्वतीय क्षेत्रों में कई रचनात्मक प्रयोग विभिन्न व्यक्तियों और समूहों द्वारा गत वर्षों में किये गए हैं धाद ऐसे प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2017 से जसोदा नवानी हरेला सम्मान प्रदान करती है 2017 में यह सम्मान सुधीर सुन्द्रियाल और 2018 में प्रेमचंद शर्मा को दिया जा चूका है इस वर्ष एम् सी सती के नेतृत्व वाली पांच सदस्य चयन समिति ने यह पुरुस्कार पनाउन थैलीसैन के अनूप पटवाल को अपने क्षेत्र में बागवानी में किये गए प्रयोगों के लिए घोषित किया है धाद उन्हें इसलिए सम्मानित कर रही है की वे आम समाज की खुशहाली और समृद्धि की वास्तविक दिशा के लिए काम कर रहे है वे अपने क्षेत्र में उत्पादकत की संस्कृति बनाने में कामयाब हुए है यह उनकी धरती की ताकत के प्रति विश्वास निष्ठां और समर्पण की भावना का सम्मान है हमे उम्मीद है उके सम्मान से वृहद समाज प्रेरित हो उनका अनुकरण करेगा पुरुस्कार धाद के 30 दिवसीय हरेला अभियान के अंतिम दिन 14 अगस्त को मुख्यमंत्री आवास में प्रदान किया जाएगा

धाद के हरेला अभियान की जानकारी देते हुए सचिव तन्मय ममगाईं ने कहा की 2010 से उत्तराखंड के प्रकृति और संस्कृति की विरासत पर्व हरेला के पक्ष में आम समाज में काम करना प्रारंभ किया था. जिसे 2015 में शासन को सौंपने के पश्चात आम समाज की भागीदारी के साथ एक महीने का सामाजिक अभियान हर वर्ष चलाया जाता है. जिसमे उत्तराखंड की प्रकृति संस्कृति समाज साहित्य के बाबत संवाद का आयोजन किया जाता है इस वर्ष का यह अभियान उत्तराखंड के लोक वाद्य ढोल के ज्ञाता स्व. ओंकार दास को समर्पित था. अभियान प्रदेश के 250 स्कूलों में राजधानी के विभिन्न संस्थानों मोहल्लों में वृक्षारोपण के साथ आयोजित हुआ. जिसमे वरिष्ठ नागरिकों को पौधों के रोपण और संरक्षण के लिए हरेला अम्बेसेडर छात्रों के साथ स्कूलों में हरेला क्लब बनाया गया. अभियान में माननीय राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, नगर विधायक, साहित्यकार और संस्कृतिकर्मियों ने योगदान किया. समाज के सभी वर्गों को साथ लेने के लिए इसमें कविता पाठ साइकल रैली वाक और वृहद वृक्षारोपण का आयोजन किया गया. आयोजन का समापन उत्तराखंड के अनाजों और व्यंजन के पर्व के साथ होगा.

इस अवसर पर धाद के विकास बहुगुणा सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद  थे

अनूप पटवाल

ग्राम कुंजोली ब्लाक बीरोंखाल के अनोप पटवाल ने अपने क्षेत्र को कृषि बागवानी की प्रयोगशाला बनाते हुए फलदार पौधों पर ध्यान केन्द्रित किया उनका मुख्य मकसद अपनी मिटटी से जुड़ना और बंजर भूमि को आबाद करके आजीविका के अवसर पैदा करन है दिल्ली में कम्पुटर का कारोबार कर रहे अनूप अपना कारोबार छोड़ 2016 से गाँव लौट गए जहाँ उन्होंने पौली हाउस बनाते हुए कीवी के 400 से अधिक वृक्षों के अलावा तेजपत्ता अखरोट सेब नारंगी पशन फ्रूट अवाकाड़ो स्ट्रॉबेरी आडू आदि कई तरह के फलदार पौधों को लगाने का प्रयोग और प्रयास कर रहे हैं

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