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शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अर्पित की सराहना की गई; यह “हर एक काम देश के नाम” की दिशा में सरकार का एक कदम है: रमेश पोखरियाल ‘निशंक’

नई दिल्ली: उच्च शिक्षा में शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एक अनूठी पहल में, सरकार उच्च शिक्षा संकाय के व्यावसायिक विकास के लिए पिछले दो वर्षों से ऑनलाइन ‘वार्षिक टीचिंग रिफ्रेशर पाठ्यक्रम (अर्पित) चला रही है। एमओओसी मंच – स्वयं के इस्तेमाल से, गुणवत्ता शिक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए 2018 में यह पाठ्यक्रम शुरू किया गया था। यह 15 लाख उच्च शिक्षा संकाय के ऑनलाइन पेशेवर विकास की एक बड़ी और अनूठी पहल है।

अर्पित के माध्यम से, पिछले दो वर्षों में 1.8 लाख से अधिक शिक्षकों को संशोधित पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए नए और उभरते रुझान, शैक्षणिक सुधार और कार्यप्रणाली प्रदान की गई है। 2018-19 में, 37,199 शिक्षकों को इस कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया गया था, जबकि 2019-20 में यह संख्या बढ़कर 1,46,919 हो गई, जो कार्यक्रम की लोकप्रियता के साथ-साथ लगभग चार गुना वृद्धि को दर्शाता है।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि अर्पित को शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शुरू किया गया है और यह “हर एक काम देश के नाम” के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की दिशा में एक कदम है। श्री पोखरियाल ने कहा है कि सरकार शिक्षकों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि शिक्षक राष्ट्र के निर्माता हैं और राष्ट्र की नियति उसके शिक्षकों की गुणवत्ता से तय होती है। श्री निशंक ने कहा कि अर्पित शिक्षण संकाय को सशक्त बनाने में बहुत अच्छा काम कर रहा है। शिक्षक शिक्षा प्रणाली का आधार हैं और अर्पित शिक्षकों के लिए अपने क्षेत्र में नवीनतम घटनाओं के बारे में जानने और उनके शिक्षण गुणों को विकसित करने का एक बड़ा मंच है। इसमें शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ-साथ सीखने का अनुभव भी शामिल है।

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