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Ayodhya Verdict : हम फैसले का सम्‍मान करते हैं, लोग देश में अमन-चैन कायम रखें: कांग्रेस

नई दिल्‍ली. अयोध्‍या केस में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से सुनाए गए फैसले का कांग्रेस (Congress) ने भी सम्‍मान किया है. कांग्रेस कार्यसमिति की ओर से कहा गया है कि पार्टी अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करती है. हम सभी संबंधित पक्षों और सभी समुदायों से निवेदन करते हैं कि भारत के संविधान में स्थापित ‘सर्वधर्म समभाव’ और भाईचारे के उच्च मूल्यों को निभाते हुए अमन-चैन का वातावरण बनाए रखें. कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि हर भारतीय की जिम्मेदारी है कि हम सब देश की सदियों पुरानी परस्पर सम्मान व एकता की संस्कृति व परंपरा को जीवंत रखें.

वहीं कांग्रेस प्रवक्‍ता रणदीप सुरजेवाला ने भी अयोध्‍या फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. उन्‍होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है, हम राम मंदिर निर्माण के पक्ष में हैं. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से ना सिर्फ मंदिर निर्माण का रास्‍ता खुला है, बल्कि इससे बीजेपी और अन्‍य राजनीतिक दलों द्वारा इस मुद्दे पर की जाने वाली राजनीति के दरवाजे भी बंद हो गए हैं.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले की प्रमुख बातें…

  • एएसआई की रिपोर्ट में जमीन के नीचे मंदिर के सबूत मिले: सुप्रीम कोर्ट – विवादित जमीन रामलला विराजमान को दी गई- CJI
  • रामलला को जमीन के लिए ट्रस्‍ट बनाया जाए- CJI
  • मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्‍ट बनाया जाए- CJI – सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि केंद्र सरकार 3 महीने में योजना बनाए.
  • सीजेआई ने कहा कि ट्रस्‍ट 3 महीने में मंदिर की योजना तैयार करे.
  • 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर सरकार का हक रहेगा- सुप्रीम कोर्ट
  • संविधान की नजर में सभी आस्‍थाएं समान हैं- CJI
  • कोर्ट आस्‍था नहीं सबूतों पर फैसला देती है- CJI
  • अंदरूनी हिस्‍सा विवादित है. हिंदू पक्ष ने बाहरी हिस्‍से पर दावा साबित किया- CJI
  • सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन दी जाए. यह जमीन या तो अधिग्रहित जमीन हो या अयोध्‍या में कहीं भी हो- CJI
  • प्राचीन यात्रियों ने जन्‍मभूमि का जिक्र किया है- सीजेआई
  • 1949 तक मुस्लिम मस्जिद में नमाज अदा करते थे- CJI रंजन गोगोई
  • समानता संविधान की मूल आत्‍मा है – CJI
  • सीजेआई ने कहा कि सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड का दावा विचार योग्‍य.
  • हिंदू पक्ष ने कई ऐतिहासिक सबूत दिए- सीजेआई
  • सीजेआई रंजन गोगोई ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि सभी धर्मों को समान नजर से देखना सरकार का काम है. अदालत आस्था से ऊपर एक धर्म निरपेक्ष संस्था हैं. 1949 में आधी रात में प्रतिमा रखी गई.
  • सीजेआई ने कहा कि इतिहास जरूरी है लेकिन इन सबमें कानून सबसे ऊपर है, सभी जजों ने आम सहमति से फैसला लिया है.

Source News18

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